दोस्तों, गायन के क्षेत्र में हजारों प्रतिभाएँ मंच और मौके मिलने के बावजूद सिर्फ इसलिए अनसुनी अनगुनी रह जाती हैं क्योंकि उन्हें वो "बिग ब्रेक सोंग" नहीं मिल पाता जो उन्हें इंडस्ट्री में स्थापित कर दे. बिग ब्रेक सोंग्स यानी वो गीत, जिसके बाद किसी गायक को फिर अपनी क़ाबलियत साबित करने की आवश्यकता नहीं पड़े, बिग ब्रेक सोंग्स यानी वो गीत जो किसी गायक को घर घर का जाना माना नाम बना दें. बिग ब्रेक सोंग्स के इस पहले सेगमेंट हम चर्चा कर रहे हैं कुमार सानु, उदित नारायण, अलका याग्निक, कविता कृष्णमूर्ति, सोनू निगम, शान, अलीशा चिनॉय, शंकर महादेवन और हरिहरण के करियर में आये बिग ब्रेक सोंग्स की -
महफ़िल-ए-ग़ज़ल #११३ सू फ़ियों-संतों के यहां मौत का तसव्वुर बडे खूबसूरत रूप लेता है| कभी नैहर छूट जाता है, कभी चोला बदल लेता है| जो मरता है ऊंचा ही उठता है, तरह तरह से अंत-आनन्द की बात करते हैं| कबीर के यहां, ये खयाल कुछ और करवटें भी लेता है, एक बे-तकल्लुफ़ी है मौत से, जो जिन्दगी से कहीं भी नहीं| माटी कहे कुम्हार से, तू क्या रोंदे मोहे । एक दिन ऐसा आयेगा, मैं रोदुंगी तोहे ॥ माटी का शरीर, माटी का बर्तन, नेकी कर भला कर, भर बरतन मे पाप पुण्य और सर पे ले| आईये हम भी साथ-साथ गुनगुनाएँ "भला हुआ मेरी मटकी फूटी रे"..: भला हुआ मेरी मटकी फूटी रे । मैं तो पनिया भरन से छूटी रे ॥ बुरा जो देखन मैं चला, बुरा ना मिलिया कोय । जो दिल खोजा आपणा, तो मुझसा बुरा ना कोय ॥ ये तो घर है प्रेम का, खाला का घर नांहि । सीस उतारे भुँई धरे, तब बैठे घर मांहि ॥ हमन है इश्क़ मस्ताना, हमन को हुशारी क्या । रहे आज़ाद या जग से, हमन दुनिया से यारी क्या ॥ कहना था सो कह दिया, अब कछु कहा ना जाये । एक गया सो जा रहा, दरिया लहर समाये ॥ लाली मेरे लाल की, जित देखूं तित लाल । लाली देखन मैं गयी, मैं भी हो गयी लाल ॥ हँस हँस कु...

Comments
आपकी आवाज भी अत्यंत मनमोहक है !
आडियो क्वालिटी भी बेहतरीन !
सहेजने लायक पोस्ट !
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आभार !!!
Pankaj Mukesh
Kish..