जिंदगी ख्वाब है और सुमन सिन्हा जी,. सोचते जो हैं वो कहते नहीं, लिखते जो हैं वो भूल जाते हैं, पर ये गीत कभी नहीं खोते उनकी जुबां से -
किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार - जीना इसी का नाम है
ज़िन्दगी ख्वाब है ख्वाब में सच है क्या और भला झूट ..... जागते रहो
मुझसे पहली सी मुहब्बत मेरे महबूब ना मांग - फैज़
यारों मुझे मुआफ करो मैं नशे में हूँ - C H Atma
आग लगी हमरी झोपडिया में हम गाएँ मल्हार - सगीना महतो
किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार - जीना इसी का नाम है
ज़िन्दगी ख्वाब है ख्वाब में सच है क्या और भला झूट ..... जागते रहो
मुझसे पहली सी मुहब्बत मेरे महबूब ना मांग - फैज़
यारों मुझे मुआफ करो मैं नशे में हूँ - C H Atma
आग लगी हमरी झोपडिया में हम गाएँ मल्हार - सगीना महतो
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