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घुघूतीबासूती की कहानी - ओह!

'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की कहानी "अग्नि समर्पण" का पॉडकास्ट अनुराग शर्मा की आवाज़ में सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं घुघूतीबासूती का व्यंग्य "ओह!", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। "ओह!" का कुल प्रसारण समय 5 मिनट 17 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।

इस कथा का टेक्स्ट घुघूतीबासूती ब्लॉग पर उपलब्ध है।

यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें।


वे ठंडी हवाएँ, वह बर्फ से ढकी पहाड़ों की चोटियाँ, चीड़ व देवदार के वृक्ष! बस इन्हीं यादों को, अपने छूटे कुमाऊँ को, अपनी स्वर्गीय दीदी की याद को श्रद्धा व स्नेह के सुमन अर्पण करने के लिए मैंने स्वयं को नाम दिया है घुघूती बासूती!
~ घुघूतीबासूती

हर शनिवार को आवाज़ पर सुनें एक नयी कहानी
"दहेज में पैसा माँगते अवश्य हैं किन्तु बहुओं को सताते जरा भी नहीं। शेष भारत में जैसे बहुओं को मारने जलाने की घटनाएँ होती हैं वैसी उसने अपने समाज में नहीं देखीं। उनके समाज में स्त्री का बहुत आदर है। जो माँगना होता है वह विवाह से पहले खुलकर माँग लेते हैं, बाद में कोई लफड़ा नहीं करते।"
(घुघूतीबासूती की "ओह!" से एक अंश)


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VBR MP3
#149th Story, Oh: Ghughuti Basuti/Hindi Audio Book/2011/30. Voice: Anurag Sharma

Comments

पहले पहले लगा कि अनुराग जी ने कोई गलत फाईल लगा डी है...:) बहुत बढ़िया कहानी और वचन दोनों
धन्यवाद सजीव! कहानी का आरम्भ घुघूती जी के नाम के अनुरूप करने का प्रयास किया है, एक कुमायूँनी लोकगीत की धुन से।
ghughutibasuti said…
ओह! मैं तो इसे भूल ही गयी थी. :)
आभार अनुराग.

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