शम्मी जी की सुल्तान अहमद को स्थापित करने की मदद और निस्वार्थ त्याग का मूल्य सुल्तान अहमद ने चुकाया उन्हें तलाक़ देकर!
तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी - 17
शम्मी
’रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के सभी दोस्तों को सुजॉय चटर्जी का सप्रेम नमस्कार। दोस्तों, किसी ने सच ही कहा है कि यह ज़िन्दगी एक पहेली है जिसे समझ पाना नामुमकिन है। कब किसकी ज़िन्दगी में क्या घट जाए कोई नहीं कह सकता। लेकिन कभी-कभी कुछ लोगों के जीवन में ऐसी दुर्घटना घट जाती है या कोई ऐसी विपदा आन पड़ती है कि एक पल के लिए ऐसा लगता है कि जैसे सब कुछ ख़त्म हो गया। पर निरन्तर चलते रहना ही जीवन-धर्म का निचोड़ है। और जिसने इस बात को समझ लिया, उसी ने ज़िन्दगी का सही अर्थ समझा, और उसी के लिए ज़िन्दगी ख़ुद कहती है कि 'तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी'। इसी शीर्षक के अन्तर्गत इस नई श्रृंखला में हम ज़िक्र करेंगे उन फ़नकारों का जिन्होंने ज़िन्दगी के क्रूर प्रहारों को झेलते हुए जीवन में सफलता प्राप्त किये हैं, और हर किसी के लिए मिसाल बन गए हैं। आज का यह अंक केन्द्रित है सुप्रसिद्ध अभिनेत्री शम्मी पर।
अब उनकी तीसरी पारी के शुरु होने की बारी थी। उनके करीअर को फिर एक बार पुनर्जीवित करने के लिए राजेश खन्ना ने दूरदर्शन के कुछ कार्यक्रमों को प्रोड्युस करने के लिए शम्मी जी का नाम रेकमेण्ड कर दिया। टेलीविज़न जगत में वो बेहद लोकप्रिय हो उठीं। ’देख भाई देख’, ’ज़बान सम्भाल के’, ’श्रीमान श्रीमती’, ’कभी ये कभी वो’ और ’फ़िल्मी चक्कर’ जैसे धारावाहिकों ने कामयाबी के झंडे गाढ़ दिए। और इस कामयाबी से वो फिर एक बार फ़िल्मों में भी नज़र आने लगीं। ’कूली नंबर वन’, ’हम’, ’मर्दों वाली बात’, ’गुरुदेव’, ’गोपी किशन’, ’हम साथ-साथ हैं’ और ’इम्तिहान’ जैसी फ़िल्में इस दौर की रहीं। टीवी और इन फ़िल्मों में अभिनय की वजह से उनकी आर्थिक स्थिति सुधर गई और आजकल 86 वर्ष की आयु में भी वो सक्रीय हैं और फ़िल्मों में अभिनय करना चाहती हैं। 83 वर्ष की आयु में वो ’शिरीं फ़रहाद की निकल पड़ी’ फ़िल्म में नज़र आई थीं। ’रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ की तरफ़ से हम शम्मी जी की सहनशीलता, संघर्ष करने के जसबे और हर बार अपने आप को मुसीबतों से बाहर निकालने के दृढ़ संकल्प के लिए सलाम करते हैं और उनकी दीर्घ आयु की कामना करते हैं। शम्मी जी, तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी!!
आपको हमारी यह प्रस्तुति कैसी लगी, हमे अवश्य लिखिए। हमारा यह स्तम्भ प्रत्येक माह के दूसरे शनिवार को प्रकाशित होता है। यदि आपके पास भी इस प्रकार की किसी घटना की जानकारी हो तो हमें पर अपने पूरे परिचय के साथ cine.paheli@yahoo.com मेल कर दें। हम उसे आपके नाम के साथ प्रकाशित करने का प्रयास करेंगे। आप अपने सुझाव भी ऊपर दिये गए ई-मेल पर भेज सकते हैं। आज बस इतना ही। अगले शनिवार को फिर आपसे भेंट होगी। तब तक के लिए नमस्कार।
प्रस्तुति : सुजॉय चटर्जी
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