स्वरगोष्ठी – 267 में आज
होली और चैती के रंग – 5 : कुछ पुरानी चैती
‘यही ठइयाँ मोतिया हेराय गइलें रामा कहवाँ मैं ढूँढू ...’
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प्राचीन चैती : ‘कौने बनवा रे फूलेला...’ : स्वर – अच्छन बाई
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चैती गीत : ‘यही ठइयाँ मोतिया हेरा गइल रामा...’ : गायिका निर्मला देवी
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सुमन कल्याणपुर |
फिल्म – बिदेशिया : 'बनि जईहों बन के जोगिनियाँ हो रामा...' : स्वर – सुमन कल्याणपुर
संगीत पहेली
‘स्वरगोष्ठी’
के 267वें अंक की संगीत पहेली में आज हम आपको राग आधारित फिल्मी गीत का एक
अंश सुनवा रहे हैं। इस गीतांश को सुन कर आपको निम्नलिखित तीन में से
किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर देने हैं। ‘स्वरगोष्ठी’ के 270वें अंक की
पहेली के सम्पन्न होने के बाद जिस प्रतिभागी के सर्वाधिक अंक होंगे, उन्हें
इस वर्ष की दूसरी श्रृंखला (सेगमेंट) का विजेता घोषित किया जाएगा।
1 – गीत का यह अंश सुन कर बताइए कि इस गीत में किस राग का आभास हो रहा है?
2 – गीत में प्रयोग किये गए ताल का नाम बताइए।
3 – क्या आप गीत के गायक की आवाज़ को पहचान रहे हैं? हमें उनका नाम बताइए।
आप उपरोक्त तीन में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर केवल swargoshthi@gmail.com या radioplaybackindia@live.com पर इस प्रकार भेजें कि हमें शनिवार, 30 अप्रैल, 2016 की मध्यरात्रि से पूर्व तक अवश्य प्राप्त हो जाए। COMMENTS
में दिये गए उत्तर मान्य हो सकते है, किन्तु उसका प्रकाशन पहेली का उत्तर
भेजने की अन्तिम तिथि के बाद किया जाएगा। इस पहेली के विजेताओं के नाम हम
‘स्वरगोष्ठी’ के 269वें अंक में प्रकाशित करेंगे। इस अंक में प्रकाशित और
प्रसारित गीत-संगीत, राग, अथवा कलासाधक के बारे में यदि आप कोई जानकारी या
अपने किसी अनुभव को हम सबके बीच बाँटना चाहते हैं तो हम आपका इस संगोष्ठी
में स्वागत करते हैं। आप पृष्ठ के नीचे दिये गए COMMENTS के माध्यम से तथा swargoshthi@gmail.com अथवा radioplaybackindia@live.com पर भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर सकते हैं।
पिछली पहेली के विजेता
‘स्वरगोष्ठी’
क्रमांक 265 की संगीत पहेली में हमने आपको वर्ष 1963 में प्रदर्शित फिल्म
‘गोदान’ से चैती गीत शैली पर आधारित फिल्मी गीत का एक अंश सुनवा कर आपसे
तीन प्रश्न पूछा था। आपको इनमें से किसी दो प्रश्न का उत्तर देना था। पहेली
के पहले प्रश्न में हमने हमेशा पूछे जाने ‘राग’ के स्थान पर गीत की ‘शैली’
के बारे में सवाल किया था। दो प्रतिभागियों को छोड़ कर सभी ने इस प्रश्न के
उत्तर में ‘राग – तिलक कामोद’ लिखा है। वास्तव में राग के सवाल पर यह
उत्तर सही है, परन्तु शैली के सवाल पर यह गलत है। पहेली के सभी
प्रतिभागियों से अनुरोध है कि प्रश्न को खूब ध्यान से पढ़ा करें। इस पहेली
के पहले प्रश्न का सही उत्तर है- शैली – चैती, दूसरे प्रश्न का सही उत्तर है- ताल – दीपचंदी और तीसरे प्रश्न का उत्तर है- पार्श्वगायक – मुकेश।
इस
बार की संगीत पहेली में दो प्रतिभागियों ने तीनों प्रश्नों का, दो
प्रतिभागियों ने तीन में से दो सही उत्तर देकर और एक प्रतिभागी ने एक सही
उत्तर देकर विजेता बने हैं। ये विजेता हैं - पेंसिलवेनिया, अमेरिका से विजया राजकोटिया, जबलपुर, मध्यप्रदेश से क्षिति तिवारी, वोरहीज, न्यूजर्सी से डॉ. किरीट छाया, और चेरीहिल, न्यूजर्सी से प्रफुल्ल पटेल ने दो-दो अंक अर्जित किए है। हैदराबाद से डी. हरिणा माधवी ने इस बार मात्र एक अंक अर्जित किया है। सभी पाँच प्रतिभागियों को ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ की ओर से हार्दिक बधाई।
अपनी बात
मित्रो,
‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ में आप पर्व
और ऋतु के अनुकूल श्रृंखला ‘होली और चैती के रंग’ का रसास्वादन कर रहे थे।
श्रृंखला का यह समापन अंक था। अगले अंक से हम अनेक संगीत-प्रेमियों के
आग्रह पर फिल्म संगीतकार मदन मोहन के राग आधारित गीतों पर एक नई श्रृंखला
आरम्भ कर रहे हैं। हमे पूर्ण विश्वास है कि आप सब संगीत-प्रेमी इस नई
श्रृंखला का स्वागत करेंगे। आप भी अपने विचार, सुझाव और फरमाइश हमें भेज
सकते हैं। हम आपकी फरमाइश पूर्ण करने का हर सम्भव प्रयास करते हैं। आपको
हमारी यह श्रृंखला कैसी लगी? हमें ई-मेल अवश्य कीजिए। अगले रविवार को नई
श्रृंखला के एक नए अंक के साथ प्रातः 9 बजे ‘स्वरगोष्ठी’ के इसी मंच पर आप
सभी संगीतानुरागियों का हम स्वागत करेंगे।
प्रस्तुति : कृष्णमोहन मिश्र
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