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"गॉड इस ग्रेट, बस इतना ही कहा रहमान जी ने" - हेमा सरदेसाई

एक मुलाकात ज़रूरी है (8)

"हिन्दुस्तानी गुडिया" और "पिया से मिलके आये नैन" जैसी एलबम्स से करियर की शुरुआत करने वाली बेहद चुलबुली और अनूठी आवाज़ की मालकिन हेमा सरदेसाई हैं आज की हमारी ख़ास मेहमान कार्यक्रम "एक मुलाकात ज़रूरी है" में. रहमान के संगीत निर्देशन में "आवारा भंवरे" गीत गाने के बाद तो हेमा का नाम घर घर में गूंजने लगा था. अपने दौर के लगभग सभी बड़े संगीतकारों के साथ हेमा ने एक के बाद एक हिट गीत गाये. आईये मिलते हैं हेमा सरदेसाई से और रूबरू होते हैं उनके संगीत सफ़र की दिलचस्प दास्ताँ के कुछ और पहलुओं से....

एक मुलाकात ज़रूरी है कार्यक्रम का ये एपिसोड You Tube पर भी उपलब्ध है...

Comments

Sujoy Chatterjee said…
bahut badhiya Sajeev ji!. bas ek suggestion hai, jab jab koi gaana aata hai to volume level bahut badh jaata hai. kya koi tareeka hai ki poore audio ka volume level ek jaisa rahe?
Reetesh said…
सर्व प्रथम तो सुजॉय जी द्वारा दिलाये गए ध्यान का समर्थन. इस टेक्नीकल पहलू पर ज़रूरी तौर पर काम करना अनिवार्य है.

जहां तक प्रोग्राम की बात है...इतना प्रशंसनीय काम है यह कि शब्द कम पड़ जाएं. हेमा जी ने दिल की गहराइयों तक जा के बातें बताईं जिससे पता चलता है कि बाहर की ललचाती, मोहक चमक-दमक-खनक के अलावा, एक सोना दिल में भी चमकता है..पर ये गहरा उतरने की मेहनत यहाँ करता कौन है...बस हर एक को आसमान लपकना है, सतरंगी धनक को छूना है, बारिश और धूप की माया सबको बुलाती है...

बहरहाल, बहुत बहुत शुभकामनाएं!
वाह! सुनकर आनंद आ गया। सजीव जी, आपकी मेहनत को सलाम।।।।
Vinode Dudani said…
It took me back to golden era of freshness in songs.

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