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स'आदत हसन मंटो की कथा कुत्ते की दुआ

जहाँ तक मंटो को भारत और पाकिस्तान में मिलने वाले सम्मान का सवाल है तो पाकिस्तान का समाज तो ख़ैर एक बंद समाज था और वहाँ उनकी कहानियों पर प्रतिबंध लगा और उन पर मुक़दमे चले। लेकिन मैं समझता हूँ कि भारत में प्रेमचंद के बाद यदि किसी लेखक पर काम हुआ है तो वह मंटो है। हिंदी में भी, उर्दू में भी।
~ कमलेश्वर (प्रसिद्ध लेखक और उपन्यासकार)

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने उषा छाबड़ा के स्वर में उन्हीं की शिक्षाप्रद लघुकथा लघुकथा "मुस्कान" का पाठ सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं, स'आदत हसन मंटो की कथा कुत्ते की दुआ, माधवी चारुदत्ता के स्वर में।

इस कहानी कुत्ते की दुआ का कुल प्रसारण समय 19 मिनट 20 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।

यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें।



पागलख़ाने में एक पागल ऐसा भी था जो ख़ुद को ख़ुदा कहता था. ~ स'आदत हसन मंटो (१९१२-१९५५)

हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी कहानी


"गोल्डी मेरे पास पंद्रह बरस से था।”
 (स'आदत हसन मंटो की कथा "कुत्ते की दुआ" से एक अंश)


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मुस्कान MP3

#Seventh Story, Kutte Ki Dua: Saadat Hasan Manto/Hindi Audio Book/2016/7. Voice: Usha Chhabra

Comments

Usha Chhabra said…
बहुत ही मार्मिक कहानी। माधुरी जी द्वारा किया गया पठन भी लाजवाब है।
Unknown said…
शुक्रिया उषाजी

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