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जननी जन्मभूमि स्वर्ग से भी महान है....भारत व्यास के शब्दों में मातृभूमि का जयगान

ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 721/2011/161



नमस्कार! 'ओल्ड इज़ गोल्ड' के सभी दोस्तों का हार्दिक स्वागत है इस नए सप्ताह में। दोस्तों, कल है 15 अगस्त, इस देश का एक बेहद अहम दिन। 200 वर्ष की ग़ुलामी के बाद इसी दिन 1947 में हमें आज़ादी मिली थी। पर इस आज़ादी को प्राप्त करने के लिए न जाने कितने प्राण न्योछावर हुए, न जाने कितनी औरतें विधवा हुईं, न जाने कितने गोद उजड़ गए, और न जाने कितने बच्चे अनाथ हो गए। अपने देश की ख़ातिर प्राणों की आहुति देने वाले अमर शहीदों को समर्पित करते हुए प्रस्तुत है 'ओल्ड इज़ गोल्ड' की नई लघु शृंखला 'वतन के तराने'।



देशभक्ति गीतों की इस शृंखला को हम सजा रहे हैं दस अलग-अलग ऐसे गीतकारों की लिखी हुई देशभक्ति की रचनाओं से जिनमें स्तुति है जननी जन्मभूमि की, वंदनवार है इस शस्य श्यामला धरा की, राष्ट्रीय स्वाभिमान की, देश के गौरव की। ये वो अमर गानें हैं दोस्तों, जो गाथा सुनाते हैं उन अमर महर्षियों की जिन्होंने न्योछावर कर दिये अपने प्राण इस देश पर, अपनी मातृभूमि पर। "मातृभूमि के लिए जो करता अपने रक्त का दान, उसका जीवन देवतूल्य है उसका जन्म महान"। स्वर्ग से महान अपनी इस मातृभूमि को सलाम करते हुए इस शृंखला का पहला गाना हमने चुना है गीतकार भरत व्यास का लिखा हुआ। वीरों की धरती राजस्थान में जन्म हुआ था भरत व्यास का। लेकिन कर्मभूमि उन्होंने बनाया मुंबई को। भरत व्यास के फ़िल्मी गीत भी साहित्यिक रचनाओं की श्रेणी में स्थान पाने योग्य हैं। काव्य के शील और सौंदर्य से सम्पन्न जितने उत्कृष्ट उनके रूमानी गीत हैं,उतने ही उत्कृष्ट हैं उनके देशभक्ति की रचनाएँ। और इनमें से जिस रचना को आज हमनेचुना है वह है फ़िल्म 'सम्राट पृथ्वीराज चौहान' का, "जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान है..."।मन्ना डे और साथियों के गाये इस गीत को स्वरबद्ध किया था, वसंत देसाई नें। भरत व्यास - वसंत देसाई की जोड़ी का एक और उत्कृष्ट देशभक्ति गीत है फ़िल्म 'लड़की सह्याद्रि की' में पंडित जसराज की आवाज़ में "वंदना करो, अर्चना करो"।



पृथ्वीराज (1149-1192), जो सम्राट पृथ्वीराज चौहान के नाम से जाने जाते हैं, हिन्दू चौहान साम्राज्य के राजा थे जिन्होंने 12वीं सदी के उत्तरार्द्ध में अजमेर और दिल्ली पर राज किया। पृथ्वीराज चौहान अंतिम हिन्दू राजा थे जो दिल्ली के सिंहासन में बैठे। अपने नाना बल्लाल सेन (बंगाल के सेन साम्राज्य) से 20 वर्ष की आयु में सन्‍ 1169 में पृथ्वीराज को अजमेर और दिल्ली का शासन मिला था। उन्होंने वर्तमान राजस्थान और हरियाणा मेंराजपूतों को एकत्रित कर विदेशी आक्रमणों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई। पृथ्वीराज नें 1175 में कन्नौज के राजा जयचन्द्र राठौड़ की बेटी संयोगिता को भगाकर ले गए। पृथ्वीराज-संयोगिता की प्रेम कहानी भारत में मशहूर है, जिसे चौहान साम्राज्य के कवि और मित्र चन्द बरदाई नें अपनी कविता में क़ैद किया। तरैन की पहली लड़ाई में 1191 में पृथ्वीराजचौहान नें शहाबुद्दीन मोहम्मद गोरी को परास्त किया। गोरी नें अगले ही वर्ष दोबारा आक्रमण किया जिसमें पृथ्वीराज को हार स्वीकारनी पड़ी। उन्हें क़ैद कर लिया गया और गोरी उन्हें ग़ज़नी ले गए जहाँ उन्हें मृत्यु प्रदान की गई। और इस तरह से दिल्ली हिन्दू राजाओं के हाथ से निकल कर विदेशी मुस्लिम आक्रमणकर्ताओं के कब्ज़े में चला गया। पृथ्वीराज चौहान की देशभक्ति की गाथा अमर वीरगाथाओं में शोभा पाता है। आइए 'वतन के तराने' शृंखला की पहली कड़ी में इस वीर योद्धा को नमन करते हुए उन्हीं पर बनीफ़िल्म का गीत सुनें "जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान है"। साथ ही स्वाधीनता दिवस की पूर्व संध्या पर हम अपने सभी श्रोता-पाठकों का हार्दिक अभिनन्दन करते हैं।



फिल्म – सम्राट पृथ्वीराज चौहान : ‘जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान है’ : गीतकार –भरत व्यास





(समय के अभाव के चलते कुछ दिनों तक हम ऑडियो प्लेयर के स्थान पर यूट्यूब लिंक लगा रहे हैं, आपका सहयोग अपेक्षित है)



और अब एक विशेष सूचना:

२८ सितंबर स्वरसाम्राज्ञी लता मंगेशकर का जनमदिवस है। पिछले दो सालों की तरह इस साल भी हम उन पर 'ओल्ड इज़ गोल्ड' की एक शृंखला समर्पित करने जा रहे हैं। और इस बार हमने सोचा है कि इसमें हम आप ही की पसंद का कोई लता नंबर प्ले करेंगे। तो फिर देर किस बात की, जल्द से जल्द अपना फ़ेवरीट लता नंबर और लता जी के लिए उदगार और शुभकामनाएँ हमें oig@hindyugm.com के पते पर लिख भेजिये। प्रथम १० ईमेल भेजने वालों की फ़रमाइश उस शृंखला में पूरी की जाएगी।



और अब वक्त है आपके संगीत ज्ञान को परखने की. अगले गीत को पहचानने के लिए हम आपको देंगें ३ सूत्र जिनके आधार पर आपको सही जवाब देना है-



सूत्र १ - गीतकार हैं राजेंद्र कृष्ण.

सूत्र २ - ये फिल्म दुनिया के एक महान योद्धा की अमर दास्तान है.

सूत्र ३ - गीत में देश के उस नाम का जिक्र है जिस नाम से ये देश जाना जाता था.



अब बताएं -

संगीतकार कौन है - ३ अंक

गायक बताएं - २ अंक

फिल्म का नाम बताएं - २ अंक



सभी जवाब आ जाने की स्तिथि में भी जो श्रोता प्रस्तुत गीत पर अपने इनपुट्स रखेंगें उन्हें १ अंक दिया जायेगा, ताकि आने वाली कड़ियों के लिए उनके पास मौके सुरक्षित रहें. आप चाहें तो प्रस्तुत गीत से जुड़ा अपना कोई संस्मरण भी पेश कर सकते हैं.



पिछली पहेली का परिणाम -

अमित जी बढ़िया शुरुआत....अवध जी को भी बधाई



खोज व आलेख- सुजॉय चट्टर्जी






इन्टरनेट पर अब तक की सबसे लंबी और सबसे सफल ये शृंखला पार कर चुकी है ५०० एपिसोडों लंबा सफर. इस सफर के कुछ यादगार पड़ावों को जानिये इस फ्लेशबैक एपिसोड में. हम ओल्ड इस गोल्ड के इस अनुभव को प्रिंट और ऑडियो फॉर्मेट में बदलकर अधिक से अधिक श्रोताओं तक पहुंचाना चाहते हैं. इस अभियान में आप रचनात्मक और आर्थिक सहयोग देकर हमारी मदद कर सकते हैं. पुराने, सुमधुर, गोल्ड गीतों के वो साथी जो इस मुहीम में हमारा साथ देना चाहें हमें oig@hindyugm.com पर संपर्क कर सकते हैं या कॉल करें 09871123997 (सजीव सारथी) या 09878034427 (सुजॉय चटर्जी) को

Comments

Hindustani said…
Mohd. Rafi
Hindustani said…
Ek baat samajh main nahi aaye. Pichlee pahelee main Sudharani (pahlee baar inka naam suna yaha par) ko marks nahi diye gaye. jabki aapki youtube link saaf saaf kah rahee hai ki Sangeetkar Vasant Desai the na ki S.N.Tripathi
आज फ़िल्मी दुनिया का एक चमकता हुआ सितारा बुझ गया. महान कलाकार शम्मी कपूर इस दुनिया से रुखसत हो लिए.
'तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे'
इस महान कलाकार को हम सबकी ओर से श्र्धनाजली.
hindustani ji you tube par video kisi aur ne upload kiya hai aur aksar yahan prastut jaankaariyan sateek nahi hoti, is geet ke sangeetkaar vasant desai hi hain
Hindustani said…
Bandhu main bhi to yahi bol raha hoon. Aapne is baar Awadji ka naam liya lekin Sudha ji ka nahi. Mujhe laga ki Awadh ji ka uttar sahi hai (S.N.Tripathi) aur Sudhaji ka galat. isliye shanka jatayee thee.

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