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खत जो लिखा नहीं गया - शिशिर कृष्ण शर्मा

इस लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा के स्वर में उन्हीं का लिखा लघु संस्मरण "पाकिस्तान में एक ब्राह्मण की आत्मा" सुना था।

आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं प्रसिद्ध फिल्म इतिहासकार, पत्रकार और लेखक शिशिर कृष्ण शर्मा द्वारा कश्मीर के मार्मिक हालात पर लिखित हृदयस्पर्शी कहानी खत जो लिखा नहीं गया जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने।

जनसत्ता सबरंग के दिसम्बर 1998 अंक में प्रकाशित प्रस्तुत कथा का गद्य "व्यंग्योपासना ब्लॉग" पर उपलब्ध है। "खत जो लिखा नहीं गया" का कुल प्रसारण समय 13 मिनट 11 सेकंड है। सुनिए और बताइये कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।

यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें।




सालभर में कई कई रंग बदलते हैं ये पहाड़। इन दिनों जब वृक्षों पर नए पत्ते और फूल आते हैं तो पहाड़ों का रंग सुनहरी हो उठता है ! ...लालिमा लिए हुए सुनहरी।
 ~ शिशिर कृष्ण शर्मा

हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी

"इंसान से हम भेड़-बकरियों में तब्दील हो गए। बहुत बुरा सुलूक़ करते थे वो लोग हमारे साथ।”
 (शिशिर कृष्ण शर्मा कृत "खत जो लिखा नहीं गया" से एक अंश)


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खत जो लिखा नहीं गया MP3

#28th Story, Khat Jo Likha Nahin Gaya: Shishir Krishna Sharma Hindi Audio Book/2013/28. Voice: Anurag Sharma

Comments

Unknown said…
Welcome back. Nice to see you back on facebook after a brief interval.
chintapatil said…
Achhi katha

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