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"देखो अब तो किसको नहीं है ख़बर....", जॉर्ज मार्टिन को श्रद्धांजलि इस गीत के ज़रिए



एक गीत सौ कहानियाँ - 78
 
'देखो अब तो किसको नहीं है ख़बर...' 



रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार। दोस्तों, हम रोज़ाना
रेडियो पर, टीवी पर, कम्प्यूटर पर, और न जाने कहाँ-कहाँ, जाने कितने ही गीत सुनते हैं, और गुनगुनाते हैं। ये फ़िल्मी नग़में हमारे साथी हैं सुख-दुख के, त्योहारों के, शादी और अन्य अवसरों के, जो हमारे जीवन से कुछ ऐसे जुड़े हैं कि इनके बिना हमारी ज़िन्दगी बड़ी ही सूनी और बेरंग होती। पर ऐसे कितने गीत होंगे जिनके बनने की कहानियों से, उनसे जुड़े दिलचस्प क़िस्सों से आप अवगत होंगे? बहुत कम, है न? कुछ जाने-पहचाने, और कुछ कमसुने फ़िल्मी गीतों की रचना प्रक्रिया, उनसे जुड़ी दिलचस्प बातें, और कभी-कभी तो आश्चर्य में डाल देने वाले तथ्यों की जानकारियों को समेटता है 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' का यह स्तम्भ 'एक गीत सौ कहानियाँ'।  इसकी 78-वीं कड़ी में आज प्रस्तुत है हाल ही में प्रयात हुए जॉर्ज मार्टिन के एक गीत की धुन से प्रेरित फ़िल्म ’जानवर’ के गीत "देखो अब तो किसको नहीं है ख़बर..." के बारे में, जिसे मोहम्मद रफ़ी, आशा भोसले, एस. डी. बातिश और एस. बलबीर ने गाया था। बोल हसरत जयपुरी के और संगीत शंकर जयकिशन का।  

8 मार्च 2016 को चल बसे जॉर्ज मार्टिन। जॉर्ज मार्टिन जिन्हें ’पाँचवाँ बीटल’ (The Fifth Beatle) कहा जाता था।
जॉर्ज मार्टिन
3 जनवरी 1926 को जन्में बहुमुखी प्रतिभा के धनी सर जॉर्ज हेनरी मार्टिन एक अंग्रेज़ रेकॉर्ड प्रोड्युसर, अरेंजर, कम्पोज़र, कंडक्टर, ऑडियो इंजिनीयर व म्युज़िशियन थे। मार्टिन का व्यावसायिक सफ़र छह दशकों तक चला जिसमें उन्होंने संगीत, सिनेमा, टेलीविज़न और स्टेज पर काम किया। परोपकार करने में भी उनका नाम था। उनके योगदान को ध्यान में रखते हुए उन्हें 1996 में Knight Bachelor की उपाधि से सम्मानित किया गया। प्रसिद्ध ब्रिटिश रॉक बैण्ड ’बीटल्स’ के बारे में तो सभी ने सुन रखा है। इस बैण्ड में चार सदस्य थे - जॉन लेनन, पॉल मैक् कार्टनी, जॉर्ज हैरिसन और रिंगो स्टार। ’बीटल्स’ के मूल ऐल्बमों में गहन व बहुमूल्य योगदान की वजह से जॉर्ज मार्टिन को ’दि फ़िफ़्थ बीटल’ कहा जाता है। हालाँकि यह उपाधि औपचारिक नहीं है और एकाधिक व्यत्क्ति को ’फ़िफ़्थ बीटल’ की तथाकथित अनौपचारिक उपाधि मिली है। जॉर्ज मार्टिन के अलावा इस उपाधि के हक़दार बनने वालों में स्टुआर्ट सुटक्लिफ़, पीट बेस्ट, ब्राअन एप्सटेन, नील ऐस्पिनॉल, डेरेक टेलर, टोनी शेरीडॉन, बिली प्रेस्टन और एरिक क्लैपटन के नाम उल्लेखनीय हैं। एकाधिक ग्रैमी अवार्ड्स सहित असंख्य पुरस्कारों से सम्मानित जॉर्ज मार्टिन के चले जाने से उस दौर की कितनी ही बातें, यादें, गाने, तराने उनके चाहनेवालों को याद आ रही होंगी। और यही वजह है जो आज के ’एक गीत सौ कहानियाँ’ में एक हिन्दी फ़िल्मी गीत के ज़रिए हम उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने जा रहे हैं।


जिस हिन्दी फ़िल्मी गीत का ज़िक्र यहाँ करेंगे, उस पर आने से पहले जॉर्ज मार्टिन के उस मूल रचना के बारे में
बताते हैं जिससे प्रेरित होकर यह हिन्दी बना था। ऐल्बम का नाम था ’मीट द बीटल्स’। रेकॉर्ड के ए-साइड पर था "I want to hold your hand" और बी-साइड पर था "This Boy" और "I saw her standing there"। 7 RPM की EMI Studios London की यह रेकॉर्ड जारी हुई थी 29 नवंबर 1963 के दिन। इनमें से "I want to hold your hands" गीत आज के चर्चा का विषय है। इसे लिखा था लेनन और मैक् कार्टनी ने और जॉर्ज मार्टिन ने इसे प्रोड्युस किया था। इस गीत के साथ कई किस्से जुड़े हुए हैं। कहा जाता है कि ब्राअन एप्स्टेन (ये भी एक ’फ़िफ़्थ बीटल’ थे) ने ही अमरीकी श्रोताओं के लिए इस गीत को लेनन और मैक् कार्टनी को लिखने के लिए प्रेरित किया था, लेकिन जॉर्ज मार्टिन ने इस बात से साफ़ इनकार किया था। ख़ैर, गीत 17 अक्टुबर 1963 के दिन रेकॉर्ड हुआ, कुल 17 टेक लगे थे। जॉर्ज मार्टिन ने इस गीत का मोनो और स्टिरीओ मिक्सिंग् किया था 21 अक्टुबर को। ऑस्ट्रेलिआ व नेदरलैण्ड्स में जारी करने से पहले 8 जून 1965 को इसकी और अधिक मिक्सिंग् की गई थी। बीटल्स के दो गीत जर्मन भाषा में अनुवादित हुए थे; एक था "She loves you" और दूसरा गीत था "I want to hold your hand"। दोनों गीतों का अनुवाद लुग्ज़ेम्बर्ग के म्युज़िशियन कैमिलो फ़ेल्गन ने जीन निकोलस के तख़ल्लुस से किया था। इस अनुवाद का कारण यह था कि EMI के जर्मन शाखा ने यह संदेह किया कि बीटल्स के ये रेकॉर्ड्स जर्मनी में नहीं बिक पायेंगे जब तक कि इन्हें जर्मन भाषा में न गाये जाएँ। इस सुझाव का बीटल्स ने खुले आम तिरस्कार किया। इस वजह से जब वो पैरिस में अपने एक 18 दिवसीय कॉनसर्ट के दौरान इस गीत को जर्मन में रेकॉर्ड करने का प्रोग्राम बना, तब उस तिरस्कार से अपमानित बोध करने वाले EMI Paris वालों ने गाना रेकॉर्ड करने से मना कर दिया। प्रोड्युसर जॉर्ज मार्टिन के साथ चारों बीटल्स प्रतीक्षा करते रहे पर कोई नहीं आया। ग़ुस्से से तिलमिलाये मार्टिन ने ख़ुद ही रेकॉर्ड करने का निर्णय लिया। दो दिन बाद बीटल्स ने रेकॉर्ड किया "Komm, gib mir deine Hand", लेकिन मार्टिन ने बीटल्स के चारों सदस्यों का पक्ष लेते हुए स्वीकार किया कि इस जर्मन संस्करण की ज़रूरत नहीं थी, पर उन चारों ने सराहनीय काम किया है जर्मन संस्करण में भी। और यह गीत जर्मनी में बहुत हिट हुआ। "I want to hold your hand" को ’500 Greatest Songs of All Time' में शामिल किया गया है। इस गीत को Billboard's All Time Top 100 परेड में 39-वाँ पायदान मिला था। उस वर्ष के ग्रमी अवार्ड के लिए भी इस गीत को नामांकन मिला था, पर अवार्ड गया ऐस्ट्रुड गिलबर्तो और स्टान गेत्ज़ के "The Girl from Ipanema" गीत को।

रॉक एन रोल शैली के "I want to hold your hand" के जादू से हिन्दी फ़िल्म-संगीत के उस समय शीर्ष पर चल
रफ़ी, आशा, शंकर, जयकिशन, हसरत, शैलेन्द्र
रहे संगीतकार जोड़ी शंकर-जयकिशन भी बच नहीं सके। और उस समय निर्माणाधीन फ़िल्म ’जानवर’ के एक गीत के लिए इसी गीत की धुन को चुन लिया। इस गीत का फ़िल्मांकन बड़ा मज़ेदार है। फ़िल्म में राजेन्द्र नाथ और माधवी के शादी के रीसेपशन पर यह गीत एक पार्टी गीत के तौर पर रखा गया है। गीत शुरू होता है चार गीटारिस्ट्स द्वारा हास्यास्पद तरीके से गीटार बजाते हुए "देखो अब तो..." गाते हुए। शायद ये चार गीटारिस्ट्स चार बीटल्स सदस्यों का भिवेदन कर रहे होंगे उन्हीं की धुन पर। आवाज़ें मोहम्मद रफ़ी, एस. बलबीर और एस. डी. बातिश की। इन चार गीटार बजाने वाले अभिनेताओं में एक नाम (सबसे दायीं तरफ़ वाले) ऑस्कर अंगर का है जो आगे चल कर विजय-ऑस्कर के नाम से बतौर कोरीओग्राफ़र प्रतिष्ठित हुए। इन चार गीटारिस्ट्स के पीछे हमें ’टेड लियोन्स ऐण्ड हिज़ कब्” बैण्ड के सदस्य भी दिखाई देते हैं संगत करते हुए। और कुछ ही पलों में शम्मी कपूर (और भी ज़्यादा हास्यास्पद गेट-अप लिए) आ जाते हैं और रफ़ी साहब गीत को आगे बढ़ाते हैं। मुखड़ा ख़त्म होते ही शम्मी कपूर की नायिका राजश्री नज़र आती हैं। राजश्री, जो अब तक आदर्श भारतीय नारी के किरदार निभाया करती थीं, इस फ़िल्म और इस गीत में सबको चकित करती हुईं एक वस्टर्ण स्किन-टाइट ड्रेस में थिरकती दिखाई देती हैं, आवाज़ आशा भोसले की। सुनहरे लिबास और सुनहरी विग में राजश्री ख़ूबसूरत दिखती हैं। शम्मी, राजश्री, गीटारिस्ट्स और बैण्ड के अलावा भी कई डान्सर्स भी दिखाई देते हैं जिनमें उल्लेखनीय नाम हैं टेड सिस्टर्स की दो बहनों - एडविना और मारी - का। गीत के अन्त में ड्रमर टेड को भी प्रॉमिनेन्टली दिखाया गया है। गीत इतना मस्ती भरा हो उठता है कि राजेन्द्र नाथ और माधवी भी थिरक उठते हैं (भले राजेन्द्र नाथ का चश्मा बार बार नीचे गिर रहा था)। पृथ्वीराज कपूर भी ख़ुश नज़र आ रहे हैं। कुल मिला कर एक ख़ूबसूरत मस्ती भरा, थिरकन भरा गीत। भले गीत की धुन विदेशी धुन से प्रेरित है, पर इसे जिस तरह का ट्रीटमेण्ट पूरी की पूरी टीम ने दी है, वाक़ई कमाल की बात है।लीजिए, अब आप यही गीत सुनिए। 


फिल्म जानवर : "देखो अब तो किसको नहीं है खबर..." : मोहम्मद रफी, आशा भोसले, एस. बलबीर और एस.डी. बातिश





अब आप भी 'एक गीत सौ कहानियाँ' स्तंभ के वाहक बन सकते हैं। अगर आपके पास भी किसी गीत से जुड़ी दिलचस्प बातें हैं, उनके बनने की कहानियाँ उपलब्ध हैं, तो आप हमें भेज सकते हैं। यह ज़रूरी नहीं कि आप आलेख के रूप में ही भेजें, आप जिस रूप में चाहे उस रूप में जानकारी हम तक पहुँचा सकते हैं। हम उसे आलेख के रूप में आप ही के नाम के साथ इसी स्तम्भ में प्रकाशित करेंगे। आप हमें ईमेल भेजें soojoi_india@yahoo.co.in के पते पर। 


आलेख व प्रस्तुति : सुजॉय चटर्जी
प्रस्तुति सहयोग: कृष्णमोहन मिश्र 




Comments

Sajeev said…
wow what a song

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