स्वरगोष्ठी – 152 में आज
रागों में भक्तिरस – 20
एक भजन जिसे राष्ट्रव्यापी सम्मान मिला
‘वैष्णवजन तो तेने कहिए...’
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वैष्णव जन तो तेने कहिये, जे पीड परायी जाणे रे।
पर दुःखे उपकार करे तो ये मन अभिमान न आणे रे।
सकळ लोकमाँ सहुने वन्दे, निन्दा न करे केनी रे।
वाच काछ मन निश्चळ राखे, धन धन जननी तेनी रे।
समदृष्टि ने तृष्णा त्यागी, परस्त्री जेने मात रे।
जिह्वा थकी असत्य न बोले, परधन नव झाले हाथ रे।
समदृष्टि ने तृष्णा त्यागी, परस्त्री जेने मात रे।
जिह्वा थकी असत्य न बोले, परधन नव झाले हाथ रे।
मोह माया व्यापे नहि जेने, दृढ़ वैराग्य जेना मनमाँ रे।
रामनाम शुं ताळी रे लागी, सकळ तीरथ तेना तनमाँ रे।
वणलोभी ने कपटरहित छे, काम क्रोध निवार्या रे।
भणे नरसैयॊ तेनुं दरसन करतां, कुळ एकोतेर तार्या रे॥
‘स्वरगोष्ठी’ के आज के अंक में आप इस भजन को जुगलबन्दी के रूप में सुनेगे। रामपुर सहसवान गायकी में सिद्ध उस्ताद राशिद खाँ और सितार के इटावा बाज के संवाहक उस्ताद शाहिद परवेज़ की अनूठी जुगलबन्दी में नरसी का यह भजन प्रस्तुत है। इन दोनों कलासाधकों ने भजन के भाव पक्ष को राग खमाज के स्वरों में भलीभाँति सम्प्रेषित किया है। राग खमाज की चर्चा हम इस जुगलबन्दी के बाद करेंगे।
गायन और सितार वादन जुगलबन्दी : ‘वैष्णव जन तो तेने कहिए...’ : उस्ताद राशिद खाँ और उस्ताद शाहिद परवेज़
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अब हम आपको नरसी मेहता का यह भजन विदुषी एम.एस. शुभलक्ष्मी के स्वरों में सुनवाते है। संगीत की दक्षिण और उत्तर भारतीय, दोनों संगीत पद्यतियों में दक्ष, विश्वविख्यात गायिका एम.एस. शुभलक्ष्मी ने अनेक भक्त कवियों की रचनाओं को अपना स्वर देकर अविस्मरणीय कर दिया है। भारत की लगभग सभी भाषाओं में गाने वाली एम.एस. शुभलक्ष्मी को 1988 में भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘भारतरत्न’ से अलंकृत किया गया था। आइए इन्हीं महान गायिका से सुनते हैं, नरसी मेहता का यह पद।
नरसी भजन : ‘वैष्णव जन तो तेने कहिए...’ : विदुषी एम.एस. शुभलक्ष्मी
गुजराती के भक्तकवि नरसी मेहता के व्यक्तित्व और कृतित्व पर 1940 में फिल्म ‘नरसी भगत’ का निर्माण हुआ था। उस समय के चर्चित गायक-अभिनेता विष्णुपन्त पगनीस ने इस फिल्म में भक्त नरसी की भूमिका की थी। फिल्म में अभिनेत्री दुर्गा खोटे और अमीरबाई कर्नाटकी ने भी गायन-अभिनय किया था। फिल्म के गीतो को शंकरराव व्यास ने संगीतबद्ध किया था। फिल्म में यह भजन विष्णुपन्त पगनीस और अमीरबाई कर्नाटकी ने अलग-अलग गाया था। इस भजन को गाकर अमीरबाई कर्नाटकी को अपार लोकप्रियता मिली थी। फिल्म में गाये अमीरबाई के इस भजन को सुन कर महात्मा गाँधी ने गायिका की प्रशंसा की थी। अब आप यह भजन गायिका अमीरबाई कर्नाटकी के स्वर में सुनिए और मुझे इस अंक को यहीं विराम देने की अनुमति दीजिए।
नरसी भजन : ‘वैष्णव जन तो तेने कहिए...’ : अमीरबाई कर्नाटकी : फिल्म नरसी भगत
आज की पहेली
‘स्वरगोष्ठी’ के 152वें अंक की पहेली में आज हम आपको एक महान गायक की आवाज़ में भक्ति रचना का अंश सुनवा रहे है। इसे सुन कर आपको दो प्रश्नों के उत्तर देने हैं। 160वें अंक की पहेली के सम्पन्न होने तक जिस प्रतिभागी के सर्वाधिक अंक होंगे, उन्हें इस श्रृंखला (सेगमेंट) का विजेता घोषित किया जाएगा।
1 – आलाप के इस अंश को सुन कर गायक को पहचानिए और हमे उनका नाम लिख भेजिए।
2 – इस आलाप में आपको किस राग का संकेत प्राप्त हो रहा है?
आप अपने उत्तर केवल swargoshthi@gmail.com या radioplaybackindia@live.com पर ही शनिवार मध्यरात्रि से पूर्व तक भेजें। comments में दिये गए उत्तर मान्य नहीं होंगे। विजेता का नाम हम ‘स्वरगोष्ठी’ के 154वें अंक में प्रकाशित करेंगे। इस अंक में प्रस्तुत गीत-संगीत, राग, अथवा कलासाधक के बारे में यदि आप कोई जानकारी या अपने किसी अनुभव को हम सबके बीच बाँटना चाहते हैं तो हम आपका इस संगोष्ठी में स्वागत करते हैं। आप पृष्ठ के नीचे दिये गए comments के माध्यम से तथा swargoshthi@gmail.com अथवा radioplaybackindia@live.com पर भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर सकते हैं।
पिछली पहेली और श्रृंखला के विजेता
‘स्वरगोष्ठी’ की 150वीं कड़ी में हमने आपको गोस्वामी तुलसीदास के एक पद के गायन का अंश प्रस्तुत कर आपसे दो प्रश्न पूछे थे। पहले प्रश्न का सही उत्तर है- गायक दत्तात्रेय विष्णु पलुस्कर और दूसरे प्रश्न का सही उत्तर है- दादरा ताल। इस अंक के दोनों प्रश्नो के सही उत्तर हैदराबाद से डी. हरिणा माधवी, जबलपुर से क्षिति तिवारी और चण्डीगढ़ से हरकीरत सिंह ने दिया है। तीनों प्रतिभागियों को ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ की ओर से हार्दिक बधाई।
150वें अंक की पहेली के साथ ही हमारी यह श्रृंखला भी पूरी हुई। इस श्रृंखला में सर्वाधिक 18 अंक लेकर जबलपुर की क्षिति तिवारी ने प्रथम स्थान, 12-12 अंक अर्जित कर हमारे दो प्रतियोगियों, जौनपुर (उत्तर प्रदेश) के डॉ. पी.के. त्रिपाठी और चंडीगढ़ के हरकीरत सिंह ने दूसरा स्थान तथा 5 अंक प्राप्त कर हैदराबाद की डी. हरिणा माधवी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है। सभी विजेताओं को हार्दिक बधाई।
अपनी बात
मित्रों, ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के
साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ पर जारी लघु श्रृंखला ‘रागों में भक्तिरस’
के अन्तर्गत आज के अंक के साथ ही हमारी यह लघु श्रृंखला भी पूर्ण हुई। हम
शीघ्र ही एक नई श्रृंखला के साथ उपस्थित होंगे। इस बीच हम अपने
पाठकों/श्रोताओं के अनुरोध पर कुछ अंक जारी रखेंगे। अगले अंक में हम अवसर
विशेष को ध्यान में तैयार किया गया अंक प्रस्तुत करने जा रहे हैं। अगले अंक
के साथ रविवार को प्रातः 9 बजे हम ‘स्वरगोष्ठी’ के इसी मंच पर सभी
संगीत-प्रेमियों का स्वागत करेंगे।
प्रस्तुति : कृष्णमोहन मिश्र
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