भारतीय सिनेमा के सौ साल – 41
कारवाँ सिने-संगीत का
न्यू थिएटर्स की पूरन भगत और यहूदी की लड़की
भारतीय सिनेमा के शताब्दी वर्ष में ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ द्वारा आयोजित
विशेष अनुष्ठान- ‘कारवाँ सिने संगीत का’ में आप सभी सिनेमा-प्रेमियों का
हार्दिक स्वागत है। आज माह का दूसरा गुरुवार है और इस दिन हम ‘कारवाँ
सिने-संगीत का’ स्तम्भ के अन्तर्गत ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के संचालक
मण्डल के सदस्य सुजॉय चटर्जी की प्रकाशित पुस्तक ‘कारवाँ सिने-संगीत का’ से
किसी रोचक प्रसंग का उल्लेख करते हैं। आज के अंक में सुजॉय जी न्यू
थिएटर्स द्वारा १९३३ में निर्मित दो फिल्मों- पूरन भगत और यहूदी की लड़की के
गीतों की चर्चा कर रहे हैं।
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फिल्म पूरन भगत : “जाओ जाओ हे मेरे साधु रहो गुरु के संग” : कृष्ण चन्द्र डे
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फिल्म यहूदी की लड़की : “नुक्ताचीं है ग़म-ए-दिल उसको सुनाये ना बने” : कुंदनलाल सहगल
‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के स्तम्भ ‘कारवाँ सिने-संगीत का’ के अन्तर्गत आज हमने सुजॉय चटर्जी की इसी शीर्षक से प्रकाशित पुस्तक के कुछ पृष्ठ उद्धरित किये हैं। आपको हमारी यह प्रस्तुति कैसी लगी, हमें अवश्य लिखिएगा। आपकी प्रतिक्रिया, सुझाव और समालोचना से हम इस स्तम्भ को और भी सुरुचिपूर्ण रूप प्रदान कर सकते हैं। ‘कारवाँ सिने-संगीत का’ के आगामी अंक में आपके लिए हम इस पुस्तक के कुछ और रोचक पृष्ठ लेकर उपस्थित होंगे आपको । सुजॉय चटर्जी की पुस्तक ‘कारवाँ सिने-संगीत का’ प्राप्त करने के लिए तथा अपनी प्रतिक्रिया और सुझाव हमें भेजने के लिए radioplaybackindia@live.com पर अपना सन्देश भेजें।
प्रस्तुति : कृष्णमोहन मिश्र
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