स्मृतियों के झरोखे से : भारतीय सिनेमा के सौ साल -25   मैंने देखी पहली फिल्म           भारतीय सिनेमा के शताब्दी वर्ष में ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ द्वारा आयोजित  विशेष अनुष्ठान- ‘स्मृतियों के झरोखे से’ में आप सभी सिनेमा प्रेमियों का  हार्दिक स्वागत है। गत जून मास के दूसरे गुरुवार से हमने आपके संस्मरणों पर  आधारित प्रतियोगिता ‘मैंने देखी पहली फिल्म’ का आयोजन किया है। इस स्तम्भ  में हमने आपके प्रतियोगी संस्मरण और रेडियो प्लेबैक इण्डिया के संचालक  मण्डल के सदस्यों के गैर-प्रतियोगी संस्मरण प्रस्तुत किये हैं। आज के अंक  में हम कवयित्री सीमा गुप्ता का प्रतियोगी संस्मरण प्रस्तुत कर रहे हैं।  सीमा जी ने अपने बचपन में देखी, भारतीय सिनेमा के इतिहास में स्वर्णाक्षरों  से अंकित फिल्म ‘साहब बीवी और गुलाम’ की चर्चा की है।       फिल्म देख कर औरत का दर्द महसूस हुआ जिसे मीनाकुमारी जी ने परदे पर साकार किया    ‘मैं ने  देखी पहली फिल्म’ प्रतियोगिता के कारण आज बरसों के बाद बचपन के झरोखों में  फिर से जाकर पुरानी धुँधली हो चुकी तस्वीरों से रूबरू होने का मौका मिला  है। बचपन कब बीत गया, कब सब पीछे रह गय...
