Skip to main content

दीपावली की तैयारियों के साथ-साथ सुलझाइये हमारी सिने पहेली भी...


(10 नवम्बर, 2012)
सिने-पहेली # 45


'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी पाठकों और श्रोताओं को सुजॉय चटर्जी का सप्रेम नमस्कार। दोस्तों, आज दीपावली का त्योहार अब द्वार पर है। साल के इस समय सभी लोग बेहद व्यस्त हो जाते हैं। घर पर तो व्यस्त होते ही हैं, अपने-अपने कर्मक्षेत्र में भी दीपावली की तैयारियों की वजह से दफ़्तर में व्यस्तता काफ़ी बढ़ जाती है। हर एक को अपने टारगेट्स पूरे करने होते हैं। जहाँ तक मेरे काम का सवाल है, दूरसंचार के क्षेत्र में होने की वजह से नेटवर्क की बहुत सी तैयारियाँ करनी पड़ती है ताकि दीपावली की रात को बढ़ने वाले ट्राफ़िक पर कोई बाधा न आये और आप अपने प्रियजनों से टेलीफ़ोन पर बिना किसी परेशानी के बात कर सके। दोस्तों, इन दिनों की व्यस्तता और भागदौड़ के बावजूद थोड़ा समय तो आप सिने पहेली के लिए निकाल ही लेंगे, इसका हमें पूरा विश्वास है। अब देखिये न, हमने भी तो इस पहेली को तैयार करने के लिए थोड़ा समय निकाल ही लिया अपनी व्यस्त दिनचर्या से। तो हो जाइये तैयार और सुलझाइये आज की पहेलियाँ।!!!


नये प्रतियोगियों का आह्वान


नये प्रतियोगी, जो इस मज़ेदार खेल से जुड़ना चाहते हैं, उनके लिए हम यह बता दें कि अभी भी देर नहीं हुई है। इस प्रतियोगिता के नियम कुछ ऐसे हैं कि किसी भी समय जुड़ने वाले प्रतियोगी के लिए भी पूरा-पूरा मौका है महाविजेता बनने का। अगले सप्ताह से नया सेगमेण्ट शुरू हो रहा है, इसलिए नये खिलाड़ियों का आज हम एक बार फिर आह्वान करते हैं। अपने मित्रों, दफ़्तर के कलीग, और रिश्तेदारों को 'सिने पहेली' के बारे में बतायें और इसमें भाग लेने का परामर्श दें। नियमित रूप से इस प्रतियोगिता में भाग लेकर महाविजेता बनने पर आपके नाम हो सकता है 5000 रुपये का नगद इनाम। अब महाविजेता कैसे बना जाये, आइए इस बारे में आपको बतायें।

कैसे बना जाए 'सिने पहेली महाविजेता?


1. सिने पहेली प्रतियोगिता में होंगे कुल 100 एपिसोड्स। इन 100 एपिसोड्स को 10 सेगमेण्ट्स में बाँटा गया है। अर्थात्, हर सेगमेण्ट में होंगे 10 एपिसोड्स।

2. प्रत्येक सेगमेण्ट में प्रत्येक खिलाड़ी के 10 एपिसोड्स के अंक जुड़े जायेंगे, और सर्वाधिक अंक पाने वाले तीन खिलाड़ियों को सेगमेण्ट विजेताओं के रूप में चुन लिया जाएगा। 

3. इन तीन विजेताओं के नाम दर्ज हो जायेंगे 'महाविजेता स्कोरकार्ड' में। सेगमेण्ट में प्रथम स्थान पाने वाले को 'महाविजेता स्कोरकार्ड' में 3 अंक, द्वितीय स्थान पाने वाले को 2 अंक, और तृतीय स्थान पाने वाले को 1 अंक दिया जायेगा। चौथे सेगमेण्ट की समाप्ति तक 'महाविजेता स्कोरकार्ड' यह रहा...



4. 10 सेगमेण्ट पूरे होने पर 'महाविजेता स्कोरकार्ड' में दर्ज खिलाड़ियों में सर्वोच्च पाँच खिलाड़ियों में होगा एक ही एपिसोड का एक महा-मुकाबला, यानी 'सिने पहेली' का फ़ाइनल मैच। इसमें पूछे जायेंगे कुछ बेहद मुश्किल सवाल, और इसी फ़ाइनल मैच के आधार पर घोषित होगा 'सिने पहेली महाविजेता' का नाम। महाविजेता को पुरस्कार स्वरूप नकद 5000 रुपये दिए जायेंगे, तथा द्वितीय व तृतीय स्थान पाने वालों को दिए जायेंगे सांत्वना पुरस्कार।

और अब आज की पहेली....

आज की पहेली : पंचरंगी पहेली




आज की पहेली है पंचरंगी पहेली। पंचरंगी इसलिए कि आज पूछे जा रहे पाँच सवाल पाँच अलग-अलग क़िस्म के हैं। टेक्स्ट, फ़ोटो, ऑडियो और विडियो, सब कुछ है आज के सवालों में। हर सवाल के लिए 2 अंक, आज के कुल अंक हैं 10।

सवाल # 1


नीचे दिये गये शब्दों से अंदाज़ा लगाइये कि ये शब्द किस गीत में आते हैं।

दिल हीरा ग़म तबीयत शाम धुआँ धड़कन नगीना   


सवाल # 2


शंकर-जयकिशन द्वारा स्वरबद्ध मशहूर गीत "सायोनारा सायोनारा" किस देश के एक लोकगीत से प्रेरित है?

1. इटली
2. रूस
3. चीन
4. जापान


सवाल # 3


नीचे दिये गये चित्र को देख कर इन दो बच्चियों को पहचानने की कोशिश कीजिए। याद रहे, दोनों नाम सही होने पर ही अंक दिये जायेंगे।




सवाल # 4


इस ऑडियो को सुन कर बताइये कि यह गीत किस अभिनेता पर फ़िल्नेमाया गया है?


सवाल # 5


'अभिमान' फ़िल्म के इस मशहूर गीत के विडियो को देख कर बताइये कि इसमें आपको फ़िल्म जगत का कौन सा पार्श्वगायक नज़र आता है?





जवाब भेजने का तरीका


उपर पूछे गए सवालों के जवाब एक ही ई-मेल में टाइप करके cine.paheli@yahoo.com के पते पर भेजें। 'टिप्पणी' में जवाब न कतई न लिखें, वो मान्य नहीं होंगे। ईमेल के सब्जेक्ट लाइन में "Cine Paheli # 45" अवश्य लिखें, और अंत में अपना नाम व स्थान अवश्य लिखें। आपका ईमेल हमें बृहस्पतिवार 15 नवंबर शाम 5 बजे तक अवश्य मिल जाने चाहिए। इसके बाद प्राप्त होने वाली प्रविष्टियों को शामिल नहीं किया जाएगा।

पिछली पहेली के सही जवाब



1. धर्मेन्द्र और बॉबी देओल, दोनों जवाब सही हैं। धर्मेन्द्र ने 'बाज़ी' और 'साज़िश' तथा बॉबी देओल ने 'बरसात' नामक दो-दो फ़िल्मों में काम किया है।

2. अनुराधा पौडवाल, शब्बीर कुमार और लता मंगेशकर ने 'प्यार झुकता नहीं 'फ़िल्म का गीत "तुम्हे अपना साथी बनाने से पहले" गाया था।

3. तीनों आमिर ख़ान हैं।

4. "काटे नहीं कटते दिन ये रात" - मूल गीत में अलिशा की आवाज़ है, और 'मैंने प्यार किया' फ़िल्म के अंताक्षरी गीत में लता ने इसके मुखड़े को गाया था।

5. आप मुझे अच्छे लगने लगे।

पिछली पहेली के परिणाम



'सिने पहेली - 44' के परिणाम और सेगमेण्ट-5 के अब तक का सम्मिलित स्कोरकार्ड इस प्रकार हैं...



'सिने पहेली' को और भी ज़्यादा मज़ेदार बनाने के लिए अगर आपके पास भी कोई सुझाव है तो 'सिने पहेली' के ईमेल आइडी पर अवश्य लिखें। आप सब भाग लेते रहिए, इस प्रतियोगिता का आनन्द लेते रहिए, क्योंकि महाविजेता बनने की लड़ाई अभी बहुत लम्बी है। आज के एपिसोड से जुड़ने वाले प्रतियोगियों के लिए भी 100% सम्भावना है महाविजेता बनने का। इसलिए मन लगाकर और नियमित रूप से (बिना किसी एपिसोड को मिस किए) सुलझाते रहिए हमारी सिने-पहेली, करते रहिए यह सिने मंथन, और अनुमति दीजिए अपने इस ई-दोस्त सुजॉय चटर्जी को, नमस्कार!

Comments

Popular posts from this blog

सुर संगम में आज -भारतीय संगीताकाश का एक जगमगाता नक्षत्र अस्त हुआ -पंडित भीमसेन जोशी को आवाज़ की श्रद्धांजली

सुर संगम - 05 भारतीय संगीत की विविध विधाओं - ध्रुवपद, ख़याल, तराना, भजन, अभंग आदि प्रस्तुतियों के माध्यम से सात दशकों तक उन्होंने संगीत प्रेमियों को स्वर-सम्मोहन में बाँधे रखा. भीमसेन जोशी की खरज भरी आवाज का वैशिष्ट्य जादुई रहा है। बन्दिश को वे जिस माधुर्य के साथ बदल देते थे, वह अनुभव करने की चीज है। 'तान' को वे अपनी चेरी बनाकर अपने कंठ में नचाते रहे। भा रतीय संगीत-नभ के जगमगाते नक्षत्र, नादब्रह्म के अनन्य उपासक पण्डित भीमसेन गुरुराज जोशी का पार्थिव शरीर पञ्चतत्त्व में विलीन हो गया. अब उन्हें प्रत्यक्ष तो सुना नहीं जा सकता, हाँ, उनके स्वर सदियों तक अन्तरिक्ष में गूँजते रहेंगे. जिन्होंने पण्डित जी को प्रत्यक्ष सुना, उन्हें नादब्रह्म के प्रभाव का दिव्य अनुभव हुआ. भारतीय संगीत की विविध विधाओं - ध्रुवपद, ख़याल, तराना, भजन, अभंग आदि प्रस्तुतियों के माध्यम से सात दशकों तक उन्होंने संगीत प्रेमियों को स्वर-सम्मोहन में बाँधे रखा. भीमसेन जोशी की खरज भरी आवाज का वैशिष्ट्य जादुई रहा है। बन्दिश को वे जिस माधुर्य के साथ बदल देते थे, वह अनुभव करने की चीज है। 'तान' को वे अपनी चे

कल्याण थाट के राग : SWARGOSHTHI – 214 : KALYAN THAAT

स्वरगोष्ठी – 214 में आज दस थाट, दस राग और दस गीत – 1 : कल्याण थाट राग यमन की बन्दिश- ‘ऐसो सुघर सुघरवा बालम...’  ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर आज से आरम्भ एक नई लघु श्रृंखला ‘दस थाट, दस राग और दस गीत’ के प्रथम अंक में मैं कृष्णमोहन मिश्र, आप सब संगीत-प्रेमियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। आज से हम एक नई लघु श्रृंखला आरम्भ कर रहे हैं। भारतीय संगीत के अन्तर्गत आने वाले रागों का वर्गीकरण करने के लिए मेल अथवा थाट व्यवस्था है। भारतीय संगीत में 7 शुद्ध, 4 कोमल और 1 तीव्र, अर्थात कुल 12 स्वरों का प्रयोग होता है। एक राग की रचना के लिए उपरोक्त 12 स्वरों में से कम से कम 5 स्वरों का होना आवश्यक है। संगीत में थाट रागों के वर्गीकरण की पद्धति है। सप्तक के 12 स्वरों में से क्रमानुसार 7 मुख्य स्वरों के समुदाय को थाट कहते हैं। थाट को मेल भी कहा जाता है। दक्षिण भारतीय संगीत पद्धति में 72 मेल प्रचलित हैं, जबकि उत्तर भारतीय संगीत पद्धति में 10 थाट का प्रयोग किया जाता है। इसका प्रचलन पण्डित विष्णु नारायण भातखण्डे जी ने प्रारम्भ किया

‘बरसन लागी बदरिया रूमझूम के...’ : SWARGOSHTHI – 180 : KAJARI

स्वरगोष्ठी – 180 में आज वर्षा ऋतु के राग और रंग – 6 : कजरी गीतों का उपशास्त्रीय रूप   उपशास्त्रीय रंग में रँगी कजरी - ‘घिर आई है कारी बदरिया, राधे बिन लागे न मोरा जिया...’ ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी लघु श्रृंखला ‘वर्षा ऋतु के राग और रंग’ की छठी कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र एक बार पुनः आप सभी संगीतानुरागियों का हार्दिक स्वागत और अभिनन्दन करता हूँ। इस श्रृंखला के अन्तर्गत हम वर्षा ऋतु के राग, रस और गन्ध से पगे गीत-संगीत का आनन्द प्राप्त कर रहे हैं। हम आपसे वर्षा ऋतु में गाये-बजाए जाने वाले गीत, संगीत, रागों और उनमें निबद्ध कुछ चुनी हुई रचनाओं का रसास्वादन कर रहे हैं। इसके साथ ही सम्बन्धित राग और धुन के आधार पर रचे गए फिल्मी गीत भी सुन रहे हैं। पावस ऋतु के परिवेश की सार्थक अनुभूति कराने में जहाँ मल्हार अंग के राग समर्थ हैं, वहीं लोक संगीत की रसपूर्ण विधा कजरी अथवा कजली भी पूर्ण समर्थ होती है। इस श्रृंखला की पिछली कड़ियों में हम आपसे मल्हार अंग के कुछ रागों पर चर्चा कर चुके हैं। आज के अंक से हम वर्षा ऋतु की