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बोलती कहानियाँ: शहतूत पक गये हैं

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में अजय नावरिया की सामाजिक परिवर्तन को दर्शाती कथा "इतिहास" का वाचन सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं, संतोष श्रीवास्तव की मर्मस्पर्शी कथा शहतूत पक गये हैं, पूजा अनिल के मधुर स्वर में।

इस कहानी शहतूत पक गये हैं का मूल गद्य द्वैभाषिक मासिक पत्रिका सेतु पर उपलब्ध है। कथा का कुल प्रसारण समय 25 मिनट 47 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।

यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें।



जबलपुर में जन्मी संतोष श्रीवास्तव हिंदी साहित्य का एक पहचाना हस्ताक्षर हैं। वे कालिदास पुरस्कार, महाराष्ट्र राज्य साहित्य अकादमी पुरस्कार, साहित्य शिरोमणि पुरस्कार, प्रियदर्शनी अकादमी पुरस्कार, महाराष्ट्र दलित साहित्य अकादमी पुरस्कार, बसंतराव नाईक लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड, कथाबिंब पुरस्कार, तथा कामलेश्वर स्मृति पुरस्कार सम्मान पा चुकी हैं।

हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी कहानी


‘‘मैंने उनके बर्फ से ठंडे हाथ पकड़कर उन्हें झँझोड़ डाला था, लेकिन ...’’
 (संतोष श्रीवास्तव की कथा "शहतूत पक गये हैं" से एक अंश)


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शहतूत पक गये हैं MP3

#Seventeenth Story, Shahtoot Pak Gaye Hain: Santosh Srivastav /Hindi Audio Book/2016/17. Voice: Pooja Anil

Comments

Anita said…
बहुत सुंदर कहानी..मन को छूती हुई..

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