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'गन्दी बात' में भी बहुत कुछ अच्छा है प्रीतम दा के साथ


बॉलीवुड में दक्षिण की सफल फिल्मों का रिमेक जोरों पे जारी है. सभी बड़े सुपर स्टार जैसे सलमान, अजय देवगन, अक्षय कुमार आदि इन फिल्मों से सफलता का स्वाद चख चुके हैं, अब शाहिद कपूर भी आ रहे हैं रेम्बो राजकुमार बनकर....ओह माफ कीजियेगा आर...राजकुमार बनकर. फिल्म के नाम में रेम्बो का इस्तेमाल वर्जित (कोपीराईट कारणों से) होने के कारण फिल्म के नाम में ये बदलाव करना पड़ा. फिल्म में संगीत है हिट मशीन प्रीतम का, आईये नज़र डालें इस फिल्म के एल्बम पर, और जानें कि संगीत प्रेमियों के लिए क्या है इस एक्शन कोमेडी फिल्म के गीतों में. 

एल्बम के पहले तीन गीत पूरी तरह से दक्षिण के तेज रिदम वालों गीतों से प्रेरित हैं. इनमें प्रीतम की झलक कम और दक्षिण के संगीतकारों की छवि अधिक झलकती है. पहला गीत गन्दी बात एक मस्त मलंग गीत है जिसकी ताल और धुन इतनी जबरदस्त है कि सुनकर कोई भी खुद को कदम थिरकाने से नहीं रोक पायेगा. अनुपम अमोद के शब्द चटपटे हैं और कुछ पारंपरिक श्रोताओं को आपत्तिजनक भी लग सकते हैं. मिका की आवाज़ इस गीत के लिए एकदम सही चुनाव है पर गीत का सुखद आश्चर्य है कल्पना पटोवरी की जोशीली आवाज़ जिसने मिका को जबरदस्त टक्कर दी है. निश्चित ही एक हिट गीत. 

नए गायक नक्श अज़ीज़ ने खुल कर गाया है अगला गीत साडी के फाल से गायिका अन्तरा मित्रा के साथ. गीत की सरंचना बहुत खूब है, जहाँ गायक के हिस्से में मुखड़े की धुन और अंतरा पूरा का पूरा गायिका ने निभाया है. धुन मधुर है और रिदम भी बहुत ही कैची है. शब्द अच्छे हो सकते थे, पर शायद ही इसकी कमी गीत की लोकप्रियता पर असर डालेगी. हाँ मगर बेहतर शब्द इसे एक यादगार गीत में तब्दील अवश्य कर देते. गीत के अंत में नक्श की हंसी खूब जची है. 

दक्षिण की धुनों से प्रेरित तीसरा गीत मत मारी में कुणाल गांजावाला की आवाज़ सुनाई दी है बहुत समय के बाद, अगर कहें कि ये गीत अगर इतना मस्त बन पाया है तो इसकी सबसे बड़ी वजह कुणाल और गायिका सुनिधि की आवाजें हैं तो गलत नहीं होगा. खास तौर पर सुनिधि ने अपना हिस्सा इतनी खूबी से गाया है कि क्या कहने. कहीं कहीं तो वो हुबहू फिल्म की नायिका सोनाक्षी की ही आवाज़ में ढल गयीं हैं. वाकई जैसे कि गीत में कहा गया है कि मुझे तेरी गाली भी लगती है ताली...सुनिधि ने गलियां भी सुरीले अंदाज़ में गायीं हैं. वैसे गीत के अंत में सोनाक्षी अपने खास अंदाज़ में खामोश भी कहती है, जो गीत का एक और खास आकर्षण बन गया है. इस गीत की भी सफलता तय है. 

अरिजीत सिंह का रोमांटिक अंदाज़ सुनाई देता है अगले गीत धोखा धड़ी में. ये एल्बम का पहला और एकमात्र गीत है जहाँ लगता है कि ये प्रीतम की एल्बम है. गीत में प्रीतम की छाप है, निलेश मिश्रा के शब्द बेहद अच्छे हैं. एल्बम के तेज तड़क गीतों में ये गीत कुछ कम सुना रह जाए तो आश्चर्य नहीं होगा. 

अंतरा मित्रा का एक अलग अंदाज़ नज़र आता है कद्दू कटेगा गीत में. एकबार तो लगेगा कि ये ममता शर्मा हैं मायिक के पीछे. आशीष पंडित का लिखा ये गीत फिर एक बार दक्षिणी गीतों से प्रेरित है, पर एल्बम में शामिल इस श्रेणी के अन्य गीतों के मुकाबले ये गीत बेहद कमजोर है. हाँ इसका फिल्मांकन जरूर धमाल होने वाला है. 

एल्बम के गीत लंबे समय तक बेशक लोगों को याद न रहें, पर इनका हिट फ्लेवर फिल्म को सफलता की राह अवश्य दिखा सकता है. संक्षेप में कहें तो आर...राजकुमार एक मास अपील एल्बम है जो क्लब पार्टियों में तो शूम मचायेगा ही, गली मोहल्लों के उत्सवों में भी जमकर बजेगा. 

एल्बम के सर्वश्रेष्ठ गीत - गन्दी बात, साडी के फाल से, मत मारी, धोखा धड़ी 
हमारी रेटींग - ४.२      

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