दोस्तों ताज़ा प्रकाशित संगीत एल्बमों में क्या नया है और क्या है घिसा पिटा, आपके लिए इसी जानकारी को लेकर हम हर सप्ताह उपस्थित होते हैं आपके प्रिय स्तंभ 'ताज़ा सुर ताल' में. आधा साल बीत चुका है और अब तक काफी अच्छा रहा है ये साल संगीत के लिहाज से. इसी श्रृंखला को आगे बढते हैं आज चेन्नई एक्सप्रेस की संगीत चर्चा के साथ. ये भी एक अजीब इत्तेफाक ही है इस साल की शुरुआत हमने राजधानी एक्सप्रेस के संगीत से की थी, और साल के इस द्रितीय हिस्से की शुरुआत भी एक ट्रेन के नाम पर बनी फिल्म के संगीत के साथ करने जा रहे हैं. चेन्नई एक्सप्रेस एक बहुप्रतीक्षित फिल्म है जिसमें इंडस्ट्री में नए दौर के सबसे सफल निर्देशक रोहित शेट्टी पहली बार टीम अप कर रहे हैं बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान के साथ. रोहित शेट्टी एक ज़माने में बॉलीवुड के सबसे क्रूर और खतरनाक दिखने वाले खलनायक 'शेट्टी' के सुपत्र हैं. पर उन्होंने अभिनय के स्थान पर निर्देशन की राह चुनी, और एक के बाद एक जबरदस्त हिट फिल्मों की लड़ी सी लगा दी. चेन्नई एक्सप्रेस कई मामलों में उनकी अब तक की फिल्मों से अलग नज़र आती है. इस फिल्म के लिए उन्होंने अपने पसंदीदा संगीतकार 'प्रीतम' के स्थान पर शाहरुख के चेहते विशाल शेखर पर दाव खेला है. चलिए देखते हैं उनका ये फैसला कितना सार्थक सिद्ध हुआ है....
पहला गीत वन टू थ्री फॉर पूरी तरह ऊर्जा से भरा एक डांस नंबर है जिसकी शुरुआत तमिल शब्दों से होती है जिसके बाद एक संवाद आता है कि तमिल तिरीइल्ला (तमिल नहीं आती) तो हंसिका की आवाज़ में गीत का हिंदी रूपांतरण शुरू होता है. विशाल की आवाज़ हर बार की तरह ऊर्जा से भरपूर रही है. गीत के रिदम में सामान्य तमिल गीतों की ही तरह एक अनूठी मस्ती है. अमिताभ के शब्द गीत को जरूरी पंच देते हैं. नाचने के लिए बढ़िया है गीत.
अगले गीत में एक जादू भरी आवाज़ सुनाई दी है एक लंबे अरसे बाद. रोजा में उनके गाए दिल है छोटा सा को भला कौन भूल सकता है. जी हाँ सही पहचाना आपने. चिन्मयी श्रीपदा की आवाज़ में आज भी वही मासूमियत सुनने को मिलती है जो लगभग दो दशक पहले थी. हालाँकि अभी हाल ही में उनकी आवाज़ में राँझना का एक युगल गीत भी आया था, पर इस एल्बम के गीत तितली ने हमें उसी पुरानी चिन्मयी मिलाया है जिसके लिए विशाल शेखर का आभार. बहुत ही सुरीली और मधुर है धुन जिसपर अमिताभ के शब्द भी कमाल के रहे हैं. अंतरों की प्रमुख आवाज़ गोपी सुन्दर की है पर गीत का प्रमुख आकर्षण चिन्मयी ही है. एल्बम का सबसे बढ़िया गीत बना है तितली.
क्या आप जानते हैं कि गीतकार अमिताभ भट्टाचार्य इंडस्ट्री में गायक बनने आये थे, पर संयोगवश गीतकार बन बैठे. ये भी संयोग ही है कि जब वो गायक बनने के लिए हाथ पैर मार रहे थे तो उन्होंने अपनी आवाज़ विशाल शेखर और अन्य बहुत से बड़े संगीतकारों तक पहुंचाई थी, पर कामियाबी हाथ नहीं लगी. पर अब जब अमित त्रिवेदी ने उनके इस हुनर को भी बखूबी श्रोताओं के सामने रखा, पहले अय्या में और अभी हाल ही में लूटेरा के दो गीत उनसे गवाकर, तो अन्य संगीतकार भी अब उनकी आवाज़ पर भरोसा करने लगे हैं. इस एल्बम का अगला गीत भी उन्हीं का गाया हुआ है तेरा रास्ता छोडूँ न में उनके साथ अनुषा मणि की भी आवाज़ है. गीत कुछ दर्द भरा है मगर कहने का अंदाज़ यहाँ भी चुलबुला ही है. धीमें धीमे असर करने वाला गीत है ये.
मस्ती का अंदाज़ लौटता है अगले गीत कश्मीर मैं तू कन्या कुमारी में. आज के सबसे हॉट गायक अरिजीत सिंह यहाँ जोड़ी जमाए हैं मस्ती का पर्याय कहे जाने वाली आवाज़ की मालकिन सुनिधि के साथ. वास्तव में ये गीत फिल्म के थीम को बखूबी दर्शाता है जहाँ दो मुक्तलिफ़ संस्कृति के लोग कैसे एक दूजे से अलग होकर भी एक सांचे में ढल जाते हैं. शाब्दिक तुकबंदी कहीं कहीं कुछ खटकती है पर धुन की सरलता गीत को लोकप्रियता देगा.
रेडी स्टेडी पो शायद फिल्म के ओपनिंग या एंड शीर्षकों में दर्शकों के मनोरजन के लिए है. ऐसे गीतों से कुछ ज्यादा उम्मीद यूँ भी नहीं रहती. गीत का रिदम और गायकों की जोरदार गायिकी गीत को डिस्को पार्टियों में लोकप्रिय बना सकती है. रैप का तडका अच्छा है (लकड़ी ?? का राज क्या है जानने के लिए फिल्म के आने का इन्तेज़ार करना पड़ेगा).
कुछ देर पहले हमने चिन्मयी का जिक्र किया था. लीजिए एल्बम में आपके लिए है एक और बीते दौर की आवाज़. किसी ज़माने में ये सलमान खान की आवाज़ हुआ करते थे. तमिल फिल्म इंडस्ट्री के इस सबसे सफल गायक को आप निश्चित ही पहचान गए होंगें. जी हाँ आजा शाम होने आई के गायक एस पी बाल्सुब्रमनियम. वाह, आज भी SPB को सुनना उतना ही जबरदस्त लगता है. बीच बीच में उनके संवाद बोलने का अंदाज़ तो कमाल ही है. इस गीत की धुन भी खासी कैची है, निश्चित ही ये गीत एक चार्टबस्टर साबित होगा. और हाँ एक बार फिर विशाल शेखर का खास आभार SPB को फिर से माइक के पीछे लाने के लिए.
चेन्नई एक्सप्रेस के गीत फिल्म के अनुरूप हैं, यानी धमाल और मस्ती का भरपूर आयोजन है इन ६ गीतों में. फिर जब गीत फिल्माए जा रहे हों शाहरुख और दीपिका जैसे सितारों पर तो इनकी लोकप्रियता लगभग तय ही मानिए. पर व्यक्तिगत रूप से मैं विशाल शेखर का जबरदस्त फैन हूँ, तो मुझे उनसे कुछ अधिक ही उम्मीद रहती है. एल्बम अच्छी है पर एक बार फिल्म का नशा उतर जाने के बाद इन गीतों को याद रखा जायेगा ऐसी उम्मीद कम ही है, हाँ तितली को आप एक अपवाद मानिये.
एल्बम के सबसे बहतरीन गीत - तितली, चेन्नई एक्सप्रेस, .कश्मीर मैं तू कन्याकुमारी, और वन टू थ्री फॉर.
एल्बम को हमारी रेटिंग - ३.९
संगीत समीक्षा - सजीव सारथी
संगीत समीक्षा - सजीव सारथी
आवाज़ - अमित तिवारी
Comments