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सुनो कहानी: प्रेमचंद की 'ठाकुर का कुआँ''

उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी 'ठाकुर का कुआँ'

'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने शन्नो अग्रवाल की आवाज़ में प्रेमचंद की रचना ''पुत्र-प्रेम'' का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं प्रेमचंद की अमर कहानी "ठाकुर का कुआँ", जिसको स्वर दिया है डॉक्टर मृदुल कीर्ति ने। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। कहानी का कुल प्रसारण समय है: 7 मिनट 42 सेकंड।

यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें।



मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ...मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं
~ मुंशी प्रेमचंद (१८८०-१९३६)

हर शनिवार को आवाज़ पर सुनिए प्रेमचंद की एक नयी कहानी

‘हाथ-पांव तुड़वा आएगी और कुछ न होगा। बैठ चुपके से। ब्राह्मण देवता आशीर्वाद देंगे, ठाकुर लाठी मारेगें, साहूजी एक पांच लेंगे। गरीब का दर्द कौन समझता हैं? हम तो मर भी जाते है, तो कोई दुआर पर झाँकने नहीं आता, कंधा देना तो बड़ी बात है। ऐसे लोग कुएँ से पानी भरने देंगे?’(प्रेमचंद की "ठाकुर का कुआँ" से एक अंश)


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#Twenty Fifth Story, Maa: Munsi Premchand/Hindi Audio Book/2009/06. Voice: Dr. Mridul Kirti

Comments

मृदुल जी पहली बार आपकी आवाज़ का इस्तेमाल किया है अनुराग जी ने यही कहूँगा कि ये भी एक और सफल प्रयोग रहा इस टीम का

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