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मेरी दुनिया है माँ तेरे आंचल में...

ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 05

दोस्तों, पिछले दिनों मुझे एक एस एम् एस मिला था मेरे किसी दोस्त से, जिसमें माँ पर एक बहुत अच्छी बात कही गयी थी, जो मैं आप के साथ बाँटना चाहूँगा. उस एस एम् एस में लिखा गया था "क्या आप जानते हैं माँ भगवान से भी बढ्कर क्यूँ है? क्यूंकि भगवान तो हमारे नसीब में सुख और दुख दोनो देकर भेजते हैं, लेकिन हमारी माँ हमें सिर्फ़ और सिर्फ़ सुख ही देना चाहती है." सच दोस्तों, इस दुनिया में अगर कोई चीज़ अनमोल है तो वो है माँ की ममता, माँ का प्यार. माँ के आँचल का महत्व वही जान सकता है जिसकी माँ नहीं है. हमारी हिन्दी फिल्मों में भी माँ को एक ऊँचा स्थान दिया गया है. कई गीत भी बने हैं. आज 'ओल्ड इस गोल्ड' में हम हर माँ को कर रहे हैं सलाम फिल्म "तलाश" के एक गीत के ज़रिए. संगीतकार सचिन देव बर्मन ने इस फिल्म में उत्कृष्ट संगीत तो दिया ही था, उन्होने अपनी आवाज़ में एक ऐसा गीत गाया था जो अपने आप में अद्वितीय है, अनूठा है. 1969 में प्रदर्शित ओ पी रलन के इस फिल्म में बर्मन दादा ने गाया था "मेरी दुनिया है माँ तेरे आँचल में". बर्मन दादा के गाए गीतों में कभी किसी मांझी का भटियालि संगीत उभरकर सामने आता है तो कभी विदा होती नायिका की वेदना और कभी भूखे प्यासे होंठों और पेट की पुकार. संवेदना भरे सुर ही सचिन-दा के संगीत और गायिकी की विशेषताएँ हैं. माँ के आँचल का महत्व समझाता यह गीत बर्मन दादा की आवाज़ पाकर जैसे और भी पुर-असर बन जाता है, जो दिल में इस क़दर उतर जाता है की आँखें नम हुए बिना नहीं रहती.

मजरूह सुल्तानपुरी के लिखे इस गीत को अगर आप ने पर्दे पर देखा होगा या फिर यह फिल्म देखी होगी तो आपको याद होगा की इस गीत में राजेंद्र कुमार को रोते हुए दिखाया गया है, जो अपनी माँ सुलोचना की गोदी पर सर रखकर रो रहे हैं, और यह गीत पार्श्वसंगीत के तौर पर बजा जा रहा है. इसमें कोई शक़ नहीं की सचिन-दा के गाए इस गीत के बिना यह 'सीन' शायद उतनी असरदार नहीं हो पाता. सचिन-दा ने जिस तरह से अपने आप को पूरी तरह से इस गाने में डूबोकर गाया है, शायद ही कोई ऐसा हो जिसके दिल पर यह गीत अपनी छाप ना छोडे. दुनिया की हर एक माँ को सलाम करते हुए आपको सुनवा रहे हैं तलाश फिल्म का यह गीत एस डी बर्मन की आवाज़ में, सुनिए -



और अब बूझिये ये पहेली. अंदाजा लगाईये कि हमारा अगला "ओल्ड इस गोल्ड" गीत कौन सा है. हम आपको देंगे तीन सूत्र उस गीत से जुड़े. ये परीक्षा है आपके फ़िल्म संगीत ज्ञान की. अगले गीत के लिए आपके तीन सूत्र ये हैं -

१. नवकेतन के बैनर पर बनी एक सुपर हिट सस्पेंस त्रिलर है ये फ़िल्म.
२. आवाज़ है लता मंगेशकर की, ये गीत उनके गाये सर्वश्रेष्ठ गीतों में से एक है.
३. मुखड़े में शब्द है -"सवेरा"

कुछ याद आया...?

मनु जी हर बार लगातार सही जवाब दे रहे हैं, महेंद्र कुमार जी ने भी सही जवाब दिया, दिलीप जी ने गीत तो पकड़ लिया पर फ़िल्म का नाम ग़लत बता गए. खैर आप सभी को बधाई.

प्रस्तुति - सुजॉय चटर्जी



ओल्ड इस गोल्ड यानी जो पुराना है वो सोना है, ये कहावत किसी अन्य सन्दर्भ में सही हो या न हो, हिन्दी फ़िल्म संगीत के विषय में एकदम सटीक है. ये शृंखला एक कोशिश है उन अनमोल मोतियों को एक माला में पिरोने की. रोज शाम ६-७ के बीच आवाज़ पर हम आपको सुनवायेंगे, गुज़रे दिनों का एक चुनिंदा गीत और थोडी बहुत चर्चा भी करेंगे उस ख़ास गीत से जुड़ी हुई कुछ बातों की. यहाँ आपके होस्ट होंगे आवाज़ के बहुत पुराने साथी और संगीत सफर के हमसफ़र सुजॉय चटर्जी. तो रोज शाम अवश्य पधारें आवाज़ की इस महफिल में और सुनें कुछ बेमिसाल सदाबहार नग्में.


Comments

माँ पर लिखा गया एसएमएस और उस पर यह गीत दोनो ने ही मन को भाव विभोर कर दिया...माँ होने के नाते ढेर सारा प्यार और आशीर्वाद ..
manu said…
sajeev ji,,

janmdin ki dheron shubhkaamnaayen,,,,

geet hai,,,
rulaa ke gayaa sapnaa teraa,,
baithi hoon lab ho sawera.......

sahi,,, ??
sahi hai. narayan narayan
neelam said…
movie hai -"jewell-thief"
abhineet kiya hai -aasha paarekh ne

gana to manu ji ne bata hi diya hai ki ,"rula ke gaya sapna mera
bithi hoon kab ho sabera "
gud song ,eagerly waiting to listen to it
manu said…
OOOOOOOOOFFFFFFFFFFFFFFFF>!!!!!!!!!!!


AASHAA PAAREKH NE NAHIN......
WAIJANTI MALAA NE.............
neelam said…
sorry manu ji ,

jabtak theek karne ke liye aaye aap humaari galti durust kar chuke the ,thank uuuuuuuuu manu ji

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