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गीत अतीत 01 || हर गीत की एक कहानी होती है || ओ रे रंगरेज़ा || जॉली एल एल बी || जुनैद वसी


Geet Ateet 01 
Har Geet Kii Ek Kahaani Hoti Hai...
O Re Ranreza - Jolly LLB
Junaid Wasi - Lyricist

बहुत दिनों बाद किसी फिल्म में एक बहुत ही दमदार सूफियाना कव्वाली सुनने को मिली है, फिल्म जौली एल एल बी 2 के इस गीत को स्वरबद्ध किया है फिल्म "नीरजा" से चर्चा में आये संगीतकार विशाल खुराना ने, सुखविंदर की दमदार आवाज़ ने इस कव्वाली को एक अलग ही बुलंदी दे दी है. शब्द लिखे हैं जुनैद वसी ने. शब्दों की बानगी देखिये ज़रा - "मैं हूँ माटी जग बाज़ार, तू कुम्हार है, मेरी कीमत क्या लगे सब तेरी मर्जी है, सुबह माथे तू ज़रा सा नूर जो मल दे, तो संवर जाए ये किस्मत इतनी अर्जी है...." तो सुनते हैं इन्हीं शब्दों के जादूगर जुनैद वसी से इस गीत के बनने की कहानी....प्ले का बट्टन दबाएँ और आनंद लें....



डाउनलोड कर के सुनें यहाँ से....

Comments

cgswar said…
जुनैद जी का शुक्रिया, सजीव जी को धन्यवाद. पहले ही एपिसोड को सार्थक कर दिया आप दोनों ने। जब तक किसी रचनाकार के दिल से शब्द न निकलें तब तक कोई रचना नहीं बन सकती और ये शब्द कभी महीनों के समय में भी नहीं गंुथ पाते हैं और कभी चंद सेकंड में भी नहीं लगते। वक्त की कमी और सिचुएशन की मांग के अनुसार लिखना और भी कठिन है। अपने को समय सीमा में बांधकर इस लाजवाब रचना को रच कर जुनैद जी आपने अपना फैन सर्किल बढ़ा लिया है। धन्यवाद।

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