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जब रफ़ी साहब अपनी आवाज़ के जादू में मिर्ज़ा ग़ालिब की ग़ज़ल सुनाते हैं

महफ़िल ए कहकशां 5

दोस्तों सुजोय और विश्व दीपक द्वारा संचालित "कहकशां" और "महफिले ग़ज़ल" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, "महफिल ए कहकशां" के रूप में पूजा अनिल और रीतेश खरे  के साथ।  अदब और शायरी की इस महफ़िल में आज सुनिए रफ़ी साहब की दिलकश आवाज़ में मिर्ज़ा ग़ालिब की एक ग़ज़ल. 


मुख्य स्वर - पूजा अनिल एवं रीतेश खरे 
स्क्रिप्ट - विश्व दीपक एवं सुजॉय चटर्जी





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