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अनुराग शर्मा की लघुकथा व्यवस्था

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में दीपक मशाल की लघुकथा "परछाईं" का पाठ सुना था।

आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं अनुराग शर्मा लिखित लघुकथा व्यवस्था, जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने।

प्रस्तुत लघुकथा "व्यवस्था" का गद्य बर्ग वार्ता ब्लॉग पर पढ़ा जा सकता है। इस कहानी का कुल प्रसारण समय 4 मिनट 25 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।

यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें।


हर इक ईंट में बसी है एक याद
मेरी ज़िंदगी गिरती दीवार सी है
 ~ अनुराग शर्मा

हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी

"... और पढने की मेज़? राम, राम! हर आकार के बीसियों कागज़ जिनपर तरह-तरह के नोट्स लिखे हुए थे।”
 (अनुराग शर्मा की लघुकथा "व्यवस्था" से एक अंश)


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यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंक से डाऊनलोड कर लें:
व्यवस्था MP3

#Fifth Story, Vyavastha; Anurag Sharma; Hindi Audio Book/2015/05. Voice: Anurag Sharma

Comments

Anita said…
बहुत रोचक अंदाज...
Suman said…
व्यवस्था का जो हल निकला वो भी अव्यवस्था का ही अंग बना :) वाह बढ़िया कहानी है !

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