स्वरगोष्ठी – 211 में आज
भारतीय संगीत शैलियों का परिचय : 9 : ठुमरी
‘छोड़ो छोड़ो कन्हाई नारी देखे सगरी...’
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ठुमरी पंजाब अंग : ‘याद पिया की आए...’ : उस्ताद बड़े गुलाम अली खाँ
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नृत्यप्रधान ठुमरी : ‘छोड़ो छोड़ो कन्हाई नारी देखे सागरी...’ : पण्डित बिरजू महाराज
संगीत पहेली
‘स्वरगोष्ठी’
के 211वें अंक की संगीत पहेली में आज हम आपको पुरानी ठुमरी गायन शैली के
उदाहरण का एक अंश सुनवा रहे हैं। इसे सुन कर आपको निम्नलिखित दो प्रश्नों
के उत्तर देने हैं। पहेली क्रमांक 220 के सम्पन्न होने तक जिस प्रतिभागी के
सर्वाधिक अंक होंगे, उन्हें इस वर्ष की दूसरी श्रृंखला (सेगमेंट) का
विजेता घोषित किया जाएगा।
1 – गीत के इस अंश में किस राग का आभास हो रहा है? राग का नाम बताइए।
2 – प्रस्तुत रचना किस ताल में निबद्ध है? ताल का नाम बताइए।
आप इन प्रश्नों के उत्तर केवल swargoshthi@gmail.com या radioplaybackindia@live.com
पर ही शनिवार, 28 मार्च, 2015 की मध्यरात्रि से पूर्व तक भेजें। COMMENTS
में दिये गए उत्तर मान्य नहीं होंगे। विजेता का नाम हम ‘स्वरगोष्ठी’ के
213वें अंक में प्रकाशित करेंगे। इस अंक में प्रस्तुत किये गए गीत-संगीत,
राग अथवा कलासाधक के बारे में यदि आप कोई जानकारी या अपने किसी अनुभव को हम
सबके बीच बाँटना चाहते हैं तो हम आपका इस मंच पर स्वागत करते हैं। आप
पृष्ठ के नीचे दिये गए COMMENTS के माध्यम से तथा swargoshthi@gmail.com अथवा radioplaybackindia@live.com पर भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर सकते हैं।
पिछली पहेली के विजेता
‘स्वरगोष्ठी’
की 209वें अंक की संगीत पहेली में हमने आपको विदुषी गिरिजा देवी के स्वरों
में प्रस्तुत की गई ठुमरी का एक अंश सुनवा कर आपसे तीन में से किन्हीं दो
प्रश्नों के उत्तर पूछे थे। पहले प्रश्न का सही उत्तर है- गायिका विदुषी
गिरिजा देवी, दूसरे प्रश्न का सही उत्तर है- राग भैरवी और तीसरे प्रश्न का
सही उत्तर है- ताल दीपचन्दी। इस बार की पहेली में पूछे गए प्रश्नो के सही
उत्तर जबलपुर से क्षिति तिवारी, हैदराबाद से डी. हरिणा माधवी और
पेंसिलवेनिया, अमेरिका से विजया राजकोटिया ने दिया है। तीनों प्रतिभागियों
को ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ की ओर से हार्दिक बधाई।
अपनी बात
मित्रो,
‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर इन
दिनों हमारी लघु श्रृंखला ‘भारतीय संगीत शैलियों का परिचय’ जारी है।
श्रृंखला के आज के अंक से हमने आपसे ठुमरी के पंजाब अंग और कथक नृत्य में
भाव-प्रदर्शन के लिए प्रयोग की जाने वाली ठुमरी गीतों पर चर्चा की। इस
श्रृंखला में आप भी योगदान कर सकते हैं। भारतीय संगीत की किसी शैली पर अपना
परिचयात्मक आलेख अपने नाम और परिचय के साथ हमारे ई-मेल पते पर भेज दें। आप
अपनी फरमाइश या अपनी पसन्द का आडियो क्लिप भी हमें भेज सकते हैं। अगले
रविवार को प्रातः 9 बजे ‘स्वरगोष्ठी’ के नये अंक के साथ हम उपस्थित होंगे।
अगले अंक भी हमें आपकी प्रतीक्षा रहेगी।
प्रस्तुति :कृष्णमोहन मिश्र
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