स्वरगोष्ठी – 204 में आज
भारतीय संगीत शैलियों का परिचय : ध्रुपद – 2
गुण्डेचा बन्धुओं और सहगल से सुनिए ध्रुपद के निबद्ध गीत


राग भूपाली ध्रुपद : ‘शंकरसुत गणेश विघ्नविनाशन गौरीनन्दन...’ : गुण्डेचा बन्धु : सूल ताल

राग कल्याण ध्रुपद : ‘सप्तसुरन तीन ग्राम गाओ सब गुणीजन...’ : कुन्दनलाल सहगल : चौताल
संगीत पहेली
‘स्वरगोष्ठी’ के 204वें अंक की संगीत पहेली में आज हम आपको ध्रुपद अंग के ही एक गीत का अंश सुनवा रहे हैं। इसे सुन कर आपको निम्नलिखित दो प्रश्नों के उत्तर देने हैं। ‘स्वरगोष्ठी’ के 210वें अंक की समाप्ति तक जिस प्रतिभागी के सर्वाधिक अंक होंगे, उन्हें इस वर्ष की पहली श्रृंखला (सेगमेंट) का विजेता घोषित किया जाएगा।
1 – संगीत का यह अंश सुन कर बताइए कि यह रचना किस राग में निबद्ध है?
2 – प्रस्तुति के इस अंश में किस ताल का प्रयोग किया गया है? ताल का नाम बताइए।
आप अपने उत्तर केवल swargoshthi@gmail.com या radioplaybackindia@live.com पर इस प्रकार भेजें कि हमें शनिवार 31 जनवरी, 2015 की मध्यरात्रि से पूर्व तक अवश्य प्राप्त हो जाए। comments में दिये गए उत्तर मान्य नहीं होंगे। इस पहेली के विजेताओं के नाम हम ‘स्वरगोष्ठी’ के 206वें अंक में प्रकाशित करेंगे। इस अंक में प्रकाशित और प्रसारित गीत-संगीत, राग, अथवा कलासाधक के बारे में यदि आप कोई जानकारी या अपने किसी अनुभव को हम सबके बीच बाँटना चाहते हैं तो हम आपका इस संगोष्ठी में स्वागत करते हैं। आप पृष्ठ के नीचे दिये गए comments के माध्यम से तथा swargoshthi@gmail.com अथवा radioplaybackindia@live.com पर भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर सकते हैं।
पिछली पहेली के विजेता
‘स्वरगोष्ठी’ की 202वें अंक की संगीत पहेली में हमने आपको ध्रुपद अंग में पण्डित उदय भवालकर द्वारा प्रस्तुत आलाप का एक अंश सुनवा कर आपसे दो प्रश्न पूछे थे। पहले प्रश्न का सही उत्तर है- ध्रुपद शैली और पहेली के दूसरे प्रश्न का सही उत्तर है- पखावज अथवा मृदंग। वाद्य शहनाई और सितार। इस बार पहेली के दोनों प्रश्नो के सही उत्तर पेंसिलवेनिया, अमेरिका से विजया राजकोटिया, जबलपुर से क्षिति तिवारी और हैदराबाद से डी. हरिना माधवी ने दिया है। तीनों प्रतिभागियों को ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ की ओर से हार्दिक बधाई।
अपनी बात
मित्रों, ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर इन दिनों जारी है हमारी नई लघु श्रृंखला- ‘भारतीय संगीत शैलियों का परिचय’। इस श्रृंखला के अन्तर्गत वर्तमान में भारतीय संगीत की जो भी शैलियाँ प्रचलन में हैं, उनका सोदाहरण परिचय प्रस्तुत कर रहे हैं। यदि आप भी संगीत के किसी भी विषय पर हिन्दी में लेखन की इच्छा रखते हैं तो हमसे सम्पर्क करें। हम आपकी प्रतिभा को निखारने का अवसर देंगे। आगामी श्रृंखलाओं के बारे में आपके सुझाव सादर आमंत्रित हैं। ‘स्वरगोष्ठी’ स्तम्भ के आगामी अंकों में आप क्या पढ़ना और सुनना चाहते हैं, हमे आविलम्ब लिखें। अपनी पसन्द के विषय और गीत-संगीत की फरमाइश अथवा अगली श्रृंखलाओं के लिए आप किसी नए विषय का सुझाव भी दे सकते हैं। अगले रविवार को एक नए अंक के साथ प्रातः 9 बजे ‘स्वरगोष्ठी’ के इसी मंच पर सभी संगीतानुरागियों का हम स्वागत करेंगे।
प्रस्तुति : कृष्णमोहन मिश्र
Comments