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मंटो की कहानी "खोल दो"

जहाँ तक मंटो को भारत और पाकिस्तान में मिलने वाले सम्मान का सवाल है तो पाकिस्तान का समाज तो ख़ैर एक बंद समाज था और वहाँ उनकी कहानियों पर प्रतिबंध लगा और उन पर मुक़दमे चले। लेकिन मैं समझता हूँ कि भारत में प्रेमचंद के बाद यदि किसी लेखक पर काम हुआ है तो वह मंटो है। हिंदी में भी, उर्दू में भी।
~ कमलेश्वर (प्रसिद्ध लेखक और उपन्यासकार)

'बोलती कहानियाँ'' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में इब्ने इंशा की कहानी 'कछुआ और खरगोश' का पॉडकास्ट सुना था। आज हम लेकर आये हैं सआदत हसन "मंटो" की खोल दो, जिसको स्वर दिया है अर्चना चावजी ने। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। कहानी का कुल प्रसारण समय है: 10 मिनट 34 सेकंड।

इस कहानी का टेक्स्ट हिन्दी समय पर उपलब्ध है।

यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें।



पागलख़ाने में एक पागल ऐसा भी था जो ख़ुद को ख़ुदा कहता था.
~ स'आदत हसन मंटो (१९१२-१९५५)


हर शनिवार को आवाज़ पर सुनिए एक नयी कहानी


रास्ते में कई आदमी मारे गए। अनेक जख्मी हुए और कुछ इधर-उधर भटक गए।
(मंटो की "खोल दो" से एक अंश)



नीचे के प्लेयर से सुनें.
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या

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mp3

#First Story, Khol Do: Sa'adat Hasan Manto/Hindi Audio Book/2013/01. Voice: Archana Chaoji

Comments

Sajeev said…
दिल दहला देने वाली रचना

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