Skip to main content

चित्रकथा - 28: दो गायकों की आत्महत्या - चेस्टर बेनिंग्टन और क्रिस कॉरनेल - श्रद्धांजलि

अंक - 28

दो गायकों की आत्महत्या


श्रद्धांजलि: चेस्टर बेनिंग्टन और क्रिस कॉरनेल


Chris Cornell (20 July 1964 - 18 May 2017) & Chester Bennington (20 March 1976 - 20 July 2017)


मात्र दो महीने के व्यावधान में दो सुप्रसिद्ध गायकों की आत्महत्या की ख़बर से दुनिया भर के संगीत रसिक काँप उठे हैं। 18 मई 2017 को क्रिस कॉरनेल और 20 जुलाई 2017 को चेस्टर बेनिंग्टन ने ख़ुदकुशी कर ली। सबसे दुखद बात यह है कि चेस्टर ने क्रिस की मृत्यु से शोकाहत होकर अपनी ज़िन्दगी भी समाप्त कर दी। इन दो दिग्गज गायकों का एक साथ बिना किसी कारण दुनिया से चले जाना संगीत जगत के लिए ऐसी क्षति है जिसकी भरपाई नहीं हो सकती। क्रिस और चेस्टर, दोनों रॉक बैण्ड्स के लीड सिंगर थे। क्रिस ’साउन्ड गार्डन’ और ’ऑडियो स्लेव’ बैण्ड्स के लिए गाते थे तो चेस्टर ’लिविन पार्क’ ग्रूप के लिए। एक शैली के गायक होने के बावजूद उनमें एक दूसरे के लिए कोई प्रतियोगिता मूलक भावना नहीं थी, बल्कि दोनों एक दूसरे को अपना अच्छा मित्र मानते थे। तभी तो क्रिस के चले जाने को चेस्टर बरदाश्त नहीं कर सके और ख़ुद को क्रिस के पास पहुँचाने के लिए चेस्टर ने क्रिस के जनमदिन को चुना। 20 जुलाई क्रिस के जनमदिन पर चेस्टर चल पड़े क्रिस से मिलने, अपनी अनन्त यात्रा पर।

क्रिस्टोफ़र जॉन बोयेल उर्फ़ क्रिस कॉरनेल का जन्म 20 जुलाई 1964 को अमरीका में हुआ था। ’साउन्ड गार्डन’ और ’ऑडियो स्लेव’ बैण्ड्स के मुख्य गायक होने के अलावा उन्होंने एकल रूप से भी बहुत से गीत गाये और 1991 से लेकर अब तक बहुत से गीतों में अपना मूल्यवान योगदान दिया। क्रिस को 90 के दशक के grunge movement का प्रमुख वास्तुकार माना जाता है और गीतकार के रूप में उनके कामों की व्यापक सूची के लिए भी वो जाने जाते हैं। उनकी वोकल रेंज लगभग चार ऑक्टेव की थी और उनकी शक्तिशाली वोकल बेल्टिंग् तकनीक के सभी कायल थे। उनके चार सोलो स्टुडियो ऐल्बम्स बने - Euphoria Morning (1999), Carry On (2007), Scream (2009), Higher Truth (2015), और लाइव ऐल्बम Songbook (2011)। क्रिस को अपने गीत "The Keeper" के लिए Golden Globe Award का नामांकन मिला था। इस गीत को 2011 की फ़िल्म ’Machine Gun Preacher’ में शामिल किया गया। जेम्स बॉन्ड की 2006 की मशहूर फ़िल्म ’Casino Royale’ के थीम सॉंग् "You Know My Name" को उन्होंने सह-गीतकार के रूप में लिखा व परफ़ॉर्म किया। क्रिस का अन्तिम एकल गीत था "The Promise" जिसे उन्होंने इसी शीर्षक की फ़िल्म के आख़िर की नामावली के लिए लिखा था। ’गीटार वर्ल्ड’ के पाठकों ने क्रिस कॉरनेल को "Rock's Greatest Singer" चुना। क्रिस को हिट पैरेडर द्वारा "Heavy Metal's All-Time Top 100 Vocalists" में चौथा स्थान दिया गया है, रोलिंग् स्टोन द्वारा "Best Lead Singers of All Time" में नौ वा स्थान तथा MTV के "22 Greatest Voices in Music" में 12-वाँ स्थान दिया गया है। इन सब से उनकी लोकप्रियता और सफलता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। अपने पूरे करीयर में कॉरनेल के अमरीका में ही 14.8 मिलियन ऐल्बम बिके, 8.8 मिलियन डिगिटल गीत तथा 300 मिलियन ऑन-डिमाण्ड ऑडियो स्ट्रीम्स। और पूरे विश्व भर में उनके 30 मिलियन से उपर रेकॉर्ड्स अब तक बिक चुके हैं। ऑस्कर पुरस्कारों के अन्तर्गत क्रिस कॉरनेल 14 बार ग्रैमी अवार्ड्स के लिए नामांकित हुए और दो बार उन्हें यह ख़िताब प्राप्त हुआ। 53 वर्ष की आयु तक पहुँचते पहुँचते क्रिस मानसिक अवसाद का शिकार हो चुके थे। दो बार शादी से उनके कुल तीन सन्तान हैं। घर परिवार के होते हुए और एक सफल करीयर के होते हुए भी मानसिक अवसाद ने उनके मन में क्यों घर कर लिया यह कहना संभव नहीं। डिप्रेशन के चलते उन्होंने ड्रग्स का सहारा लेना शुरु कर दिया और 18 मई की सुबह डेट्रॉयट में ’साउन्ड गार्डन’ का एक कॉनसर्ट से होटल के कमरे में वापस लौटने के बाद फाँसी लगा कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर दी।

चेस्टर चार्ल्स बेनिंग्टन क्रिस कॉरनेल से 12 वर्ष छोटे थे। इनका जन्म 20 मार्च 1976 में अमरीका में हुआ और आगे चल कर रॉक बैण्ड ’लिंकिन पार्क’ के मुख्य गायक के रूप में ख़ूब ख्याति अर्जन की। 2013 से 2015 के बीच वो Dead by Sunrise और Stone Temple Pilots के भी लीड सिंगर रहे। चेस्टर को पहली बार बड़ी सफलता मिली थी 2000 के ’लिंकिन पार्क’ के पहले ऐल्बम ’हाइब्रिड थिओरी’ से। इस ऐल्बम को व्यावसायिक सफलता अपार मिली और इस ऐल्बम को Recording Industry Association of America ने वर्ष 2005 में ’डायमण्ड’ का सर्तिफ़िकेशन दिया। इसका अर्थ था यह उस दशक का सर्वाधिक बिकने वाला ऐल्बम था। फिर इसके बाद ’लिंकिन पार्क’ के एक के बाद एक ऐल्बम्स आते गए और हर एक में चेस्टर बेनिंग्टन अपनी आवाज़ का जादू बिखेरते चले गए। इनमें शामिल हैं Meteora (2003), Minutes to Midnight (2007), A Thousand Suns (2010), Living Things (2012), The Hunting Party (2014), और One More Light (2017)। 2005 में ही चेस्टर ने अपनी ख़ुद की बैण्ड ’Dead by Sunrise’ का गठन किया, लेकिन ’Livin Park' से भी जुड़े रहे। ’Dead by Sunrise’ का पहला ऐल्बम 2009 में जारी हुआ ’Out of Ashes’ के शीर्षक से। बेनिंग्टन को हिट पैरेडर ने Top 100 Heavy Metal Vocalists में 46-वाँ स्थान दिया है। 2013 में वो ’Stone Temple Pilots’ से जुड़े। चेस्टर मात्र 41 वर्ष की आयु में इस दुनिया को छोड़ गए। अभी तो न जाने सफलता की कितनी ही मंज़िलें उन्हें तय करनी थी। 18 मई को जब क्रिस कॉरनेल चल बसे, तभी से चेस्टर टूटने लगे थे। ’लिविन पार्क’ का "One More Light" ऐल्बम 19 मई को जारी हुआ था। क्रिस की निधन के बाद जब भी चेस्टर इस गीत को गाते, हर बार वो रो पड़ते और एक बार भी गीत को वो पूरा अन्त तक नहीं गा सके। अपने प्रिय दोस्त क्रिस के अन्तिम संस्कार के समय चेस्टर ने लिओनार्द कोहेन के गीत "हल्लेलुजाह" गा रहे थे और रो रहे थे। चेस्टर क्रिस के बेटे क्रिस्टोफ़र के गॉडफ़ादर भी थे। और उनके ख़ुद के भी पाँच संताने हैं। अपने प्रिय मित्र को खोने का दर्द चेस्टर बेनिंग्टन सह्य नहीं कर सके और 20 जुलाई 2017 को अपने मित्र की ही तरह झूल गए।

क्रिस कॉरनेल की मृत्यु के बाद चेस्टर बेनिंग्टन ने अपने प्रिय मित्र को एक चिट्ठी लिखी जिसमें उन्होंने लिखा - "I can't imagine a life without you in it. I pray you find peace in the next life." ट्विटर पर पोस्ट किए उनके इस संदेश को पढ़ कर किसने अंदाज़ा लगाया होगा कि वो सचमुच ऐसी दुनिया की कल्पना नहीं कर सकते थे जिस दुनिया में उनका दोस्त क्रिस ना हो। 




चेस्टर बेनिंग्टन के गाए गीतों में से दो गीत ऐसे हैं जिनसे प्रेरणा लेकर तेलुगू और तमिल के एक एक गीत बने हैं। 2015 की तेलुगू फ़िल्म ’गयाकुडु’ में एक गीत है "ओटमे ओका पातम रा..." जिसकी धुन ’लिविन पार्क’ के "Castle of glass" की धुन से प्रेरित है। यह गीत 2012 की ऐल्बम ’Living Things’ में शामिल हुआ था और इसे Billboard Top 200 of the Year 2012 में जगह मिली थी। तेलुगू गीत के संगीतकार हैं रोशन सालुर और गीत लिखा है चन्द्र बोस ने। सुप्रसिद्ध गायक येसुदास के बेटे विजय येसुदास ने इस गीत को गाया है। मूल गीत की बात करें तो उसे समालोचकों की मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली थी। बिलबोर्ड ने अपनी समीक्षा में लिखा - "Castle of Glass" uses compelling songwriting, extended metaphors and a simple but radical (for Linkin Park) arrangement to offer one of the album's most intriguing tracks." लेकिन कुछ आलोचकों ने लिखा कि यह गीत इसी बैण्ड के "Powerless" गीत से मिलता जुलता है और इसलिए मौलिकता में कमी है। लेकिन यह भी सच है कि इस गीत को ’2012 Spike Video Game Awards' में "Best Song in a Game" पुरस्कार के लिए नामांकन मिला था। 'लिविन पार्क’ का दूसरा गीत जिस पर एक तमिल गीत बना है, वह है "Points of authority" जो ’Hybrid Theory’ ऐल्बम का चौथा गीत था। सन् 2000 में जारी होने वाले इस गीत को माइक शिनोदा और चेस्टर बेनिंग्टन ने गाया। इस गीत के दो रीमिक्स वर्ज़न भी जारी हुए। इस गीत को 2000 की ऐडम सैन्डलर की फ़िल्म ’Little Nicky’ में शामिल किया गया। इस गीत की धुन पर आधारित तमिल गीत है "मनमथ लीलई" जिसे संगीतकार देवा ने कम्पोज़ किया था 2013 की सुपरहिट हास्य फ़िल्म ’पंचतनतिरम’ के लिए। इस गीत को लिखा वैरमुथु ने और गाया देवन, मतंगी और टिम्मी ने। 

चले गए क्रिस कॉरनेल (53) और चेस्टर बेनिंग्टन (41)। और पीछे छोड़ गए अपने हिट गीतों और ऐल्बम्स का कारवाँ अपने चाहने वालों के लिए। ’रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ की ओर से इन दो अज़ीम गायकों को श्रद्धांजलि!




आख़िरी बात

’चित्रकथा’ स्तंभ का आज का अंक आपको कैसा लगा, हमें ज़रूर बताएँ नीचे टिप्पणी में या soojoi_india@yahoo.co.in के ईमेल पते पर पत्र लिख कर। इस स्तंभ में आप किस तरह के लेख पढ़ना चाहते हैं, यह हम आपसे जानना चाहेंगे। आप अपने विचार, सुझाव और शिकायतें हमें निस्संकोच लिख भेज सकते हैं। साथ ही अगर आप अपना लेख इस स्तंभ में प्रकाशित करवाना चाहें तो इसी ईमेल पते पर हमसे सम्पर्क कर सकते हैं। सिनेमा और सिनेमा-संगीत से जुड़े किसी भी विषय पर लेख हम प्रकाशित करेंगे। आज बस इतना ही, अगले सप्ताह एक नए अंक के साथ इसी मंच पर आपकी और मेरी मुलाक़ात होगी। तब तक के लिए अपने इस दोस्त सुजॉय चटर्जी को अनुमति दीजिए, नमस्कार, आपका आज का दिन और आने वाला सप्ताह शुभ हो!




शोध,आलेख व प्रस्तुति : सुजॉय चटर्जी 
प्रस्तुति सहयोग : कृष्णमोहन मिश्र  



रेडियो प्लेबैक इण्डिया 

Comments

Popular posts from this blog

सुर संगम में आज -भारतीय संगीताकाश का एक जगमगाता नक्षत्र अस्त हुआ -पंडित भीमसेन जोशी को आवाज़ की श्रद्धांजली

सुर संगम - 05 भारतीय संगीत की विविध विधाओं - ध्रुवपद, ख़याल, तराना, भजन, अभंग आदि प्रस्तुतियों के माध्यम से सात दशकों तक उन्होंने संगीत प्रेमियों को स्वर-सम्मोहन में बाँधे रखा. भीमसेन जोशी की खरज भरी आवाज का वैशिष्ट्य जादुई रहा है। बन्दिश को वे जिस माधुर्य के साथ बदल देते थे, वह अनुभव करने की चीज है। 'तान' को वे अपनी चेरी बनाकर अपने कंठ में नचाते रहे। भा रतीय संगीत-नभ के जगमगाते नक्षत्र, नादब्रह्म के अनन्य उपासक पण्डित भीमसेन गुरुराज जोशी का पार्थिव शरीर पञ्चतत्त्व में विलीन हो गया. अब उन्हें प्रत्यक्ष तो सुना नहीं जा सकता, हाँ, उनके स्वर सदियों तक अन्तरिक्ष में गूँजते रहेंगे. जिन्होंने पण्डित जी को प्रत्यक्ष सुना, उन्हें नादब्रह्म के प्रभाव का दिव्य अनुभव हुआ. भारतीय संगीत की विविध विधाओं - ध्रुवपद, ख़याल, तराना, भजन, अभंग आदि प्रस्तुतियों के माध्यम से सात दशकों तक उन्होंने संगीत प्रेमियों को स्वर-सम्मोहन में बाँधे रखा. भीमसेन जोशी की खरज भरी आवाज का वैशिष्ट्य जादुई रहा है। बन्दिश को वे जिस माधुर्य के साथ बदल देते थे, वह अनुभव करने की चीज है। 'तान' को वे अपनी चे...

‘बरसन लागी बदरिया रूमझूम के...’ : SWARGOSHTHI – 180 : KAJARI

स्वरगोष्ठी – 180 में आज वर्षा ऋतु के राग और रंग – 6 : कजरी गीतों का उपशास्त्रीय रूप   उपशास्त्रीय रंग में रँगी कजरी - ‘घिर आई है कारी बदरिया, राधे बिन लागे न मोरा जिया...’ ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी लघु श्रृंखला ‘वर्षा ऋतु के राग और रंग’ की छठी कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र एक बार पुनः आप सभी संगीतानुरागियों का हार्दिक स्वागत और अभिनन्दन करता हूँ। इस श्रृंखला के अन्तर्गत हम वर्षा ऋतु के राग, रस और गन्ध से पगे गीत-संगीत का आनन्द प्राप्त कर रहे हैं। हम आपसे वर्षा ऋतु में गाये-बजाए जाने वाले गीत, संगीत, रागों और उनमें निबद्ध कुछ चुनी हुई रचनाओं का रसास्वादन कर रहे हैं। इसके साथ ही सम्बन्धित राग और धुन के आधार पर रचे गए फिल्मी गीत भी सुन रहे हैं। पावस ऋतु के परिवेश की सार्थक अनुभूति कराने में जहाँ मल्हार अंग के राग समर्थ हैं, वहीं लोक संगीत की रसपूर्ण विधा कजरी अथवा कजली भी पूर्ण समर्थ होती है। इस श्रृंखला की पिछली कड़ियों में हम आपसे मल्हार अंग के कुछ रागों पर चर्चा कर चुके हैं। आज के अंक से हम वर्षा ऋतु...

काफी थाट के राग : SWARGOSHTHI – 220 : KAFI THAAT

स्वरगोष्ठी – 220 में आज दस थाट, दस राग और दस गीत – 7 : काफी थाट राग काफी में ‘बाँवरे गम दे गयो री...’  और  बागेश्री में ‘कैसे कटे रजनी अब सजनी...’ ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी नई लघु श्रृंखला ‘दस थाट, दस राग और दस गीत’ की सातवीं कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र, आप सब संगीत-प्रेमियों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ। इस लघु श्रृंखला में हम आपसे भारतीय संगीत के रागों का वर्गीकरण करने में समर्थ मेल अथवा थाट व्यवस्था पर चर्चा कर रहे हैं। भारतीय संगीत में सात शुद्ध, चार कोमल और एक तीव्र, अर्थात कुल 12 स्वरों का प्रयोग किया जाता है। एक राग की रचना के लिए उपरोक्त 12 में से कम से कम पाँच स्वरों की उपस्थिति आवश्यक होती है। भारतीय संगीत में ‘थाट’, रागों के वर्गीकरण करने की एक व्यवस्था है। सप्तक के 12 स्वरों में से क्रमानुसार सात मुख्य स्वरों के समुदाय को थाट कहते है। थाट को मेल भी कहा जाता है। दक्षिण भारतीय संगीत पद्धति में 72 मेल का प्रचलन है, जबकि उत्तर भारतीय संगीत में दस थाट का प्रयोग किया जाता है। इन...