स्वरगोष्ठी – 301 में आज
राग और गाने-बजाने का समय – 1 : दिन के प्रथम प्रहर के राग
‘जग उजियारा छाए, मन का अँधेरा जाए...’
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पण्डित भीमसेन जोशी |
राग बिलावल : “कोई तारा नज़र नहीं आवे...” : पण्डित भीमसेन जोशी
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लता मंगेशकर और सलिल चौधरी |
राग भैरव : ‘जागो मोहन प्यारे...’ : लता मंगेशकर और साथी : फिल्म - जागते रहो
संगीत पहेली
‘स्वरगोष्ठी’
की संगीत पहेली क्रमांक 301 में आज हम आपको राग आधारित फिल्मी गीत का एक
अंश सुनवा रहे हैं। इसे सुन कर आपको निम्नलिखित तीन में से किन्हीं दो
प्रश्नों के उत्तर देने हैं। ‘स्वरगोष्ठी’ के 310वें अंक की पहेली के
सम्पन्न होने तक जिस प्रतिभागी के सर्वाधिक अंक होंगे, उन्हें इस वर्ष के
पहले सत्र का विजेता घोषित किया जाएगा।
1 – गीत का यह अंश सुन कर बताइए कि यह किस राग पर आधारित है?
2 – गीत में प्रयोग किये गए ताल का नाम बताइए।
3 – मुख्य गायक-स्वर को पहचानिए और हमे उनका नाम बताइए।
आप उपरोक्त तीन में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर केवल swargoshthi@gmail.com या radioplaybackindia@live.com पर इस प्रकार भेजें कि हमें शनिवार, 21 जनवरी, 2017 की मध्यरात्रि से पूर्व तक अवश्य प्राप्त हो जाए। COMMENTS
में दिये गए उत्तर मान्य हो सकते है, किन्तु उसका प्रकाशन पहेली का उत्तर
भेजने की अन्तिम तिथि के बाद किया जाएगा। इस पहेली के विजेताओं के नाम हम
‘स्वरगोष्ठी’ के 303सरे अंक में प्रकाशित करेंगे। इस अंक में प्रकाशित और
प्रसारित गीत-संगीत, राग, अथवा कलासाधक के बारे में यदि आप कोई जानकारी या
अपने किसी अनुभव को हम सबके बीच बाँटना चाहते हैं तो हम आपका इस संगोष्ठी
में स्वागत करते हैं। आप पृष्ठ के नीचे दिये गए COMMENTS के माध्यम से तथा swargoshthi@gmail.com अथवा radioplaybackindia@live.com पर भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर सकते हैं।
पिछली पहेली के विजेता
‘स्वरगोष्ठी’
क्रमांक 299 में हमने आपसे संगीत पहेली का कोई भी प्रश्न नहीं पूछा था।
अतः इस अंक की पहेली का कोई भी विजेता नहीं है। अगले अंक से पहेली का उत्तर
और विजेताओं के नाम पूर्ववत प्रकाशित करेंगे।
अपनी बात
मित्रो,
‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ पर आज से
आरम्भ नई लघु श्रृंखला “राग और गाने-बजाने का समय” का यह पहला अंक था।
अगले अंक में हम दिन के दूसरे प्रहर के रागों पर आधारित चर्चा करेंगे। इस
श्रृंखला के लिए यदि आप किसी राग, गीत अथवा कलाकार को सुनना चाहते हों तो
अपना आलेख या गीत हमें शीघ्र भेज दें। हम आपकी फरमाइश पूर्ण करने का हर
सम्भव प्रयास करते हैं। आपको हमारी यह श्रृंखला कैसी लगी? हमें ई-मेल swargoshthi@gmail.com
पर अवश्य लिखिए। अगले रविवार को एक नए अंक के साथ प्रातः 8 बजे
‘स्वरगोष्ठी’ के इसी मंच पर आप सभी संगीतानुरागियों का हम स्वागत करेंगे।
प्रस्तुति : कृष्णमोहन मिश्र
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