तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी - 13
कनिका कपूर
’रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के सभी दोस्तों को सुजॉय चटर्जी का सप्रेम नमस्कार। दोस्तों, किसी ने सच ही कहा है कि यह ज़िन्दगी एक पहेली है जिसे समझ पाना नामुमकिन है। कब किसकी ज़िन्दगी में क्या घट जाए कोई नहीं कह सकता। लेकिन कभी-कभी कुछ लोगों के जीवन में ऐसी दुर्घटना घट जाती है या कोई ऐसी विपदा आन पड़ती है कि एक पल के लिए ऐसा लगता है कि जैसे सब कुछ ख़त्म हो गया। पर निरन्तर चलते रहना ही जीवन-धर्म का निचोड़ है। और जिसने इस बात को समझ लिया, उसी ने ज़िन्दगी का सही अर्थ समझा, और उसी के लिए ज़िन्दगी ख़ुद कहती है कि 'तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी'। इसी शीर्षक के अन्तर्गत इस नई श्रृंखला में हम ज़िक्र करेंगे उन फ़नकारों का जिन्होंने ज़िन्दगी के क्रूर प्रहारों को झेलते हुए जीवन में सफलता प्राप्त किये हैं, और हर किसी के लिए मिसाल बन गए हैं। आज का यह अंक केन्द्रित है इस ज़माने की जानी-मानी गायिका कनिका कपूर पर।
"बेबी डॉल मैं सोने दी" गाने वाली गायिका कनिका कपूर की रातों रात कामयाबी को देख कर आप यह ना समझ बैठें कि उन्हें इस मुक़ाम तक पहुँचने के लिए किसी भी तरह का संघर्ष नहीं करना पड़ा। आज कनिका कपूर की कहानी ख़ुद उन्हीं की ज़ुबानी।
पर होनी को कुछ और ही मंज़ूर था। राज मुझे धोखा देने लगा। एक अन्य शादीशुदा लड़की से उसका संबंध हुआ। हम दोनों में मनमुटाव और झगड़े शुरू हो गए। मुझे मेरा घर संसार उजड़ता हुआ साफ़ दिखाई दे रहा था। हमारी शादी की दसवीं सालगिरह पर मैंने उससे एक उपहार माँगा। मैंने कहा कि मुझे कोई ज़ेवर-गहने नहीं चाहिए, मुझे अपनी आवाज़ में एक ऐल्बम रेकॉर्ड करवाना है, यह मेरा एक सपना है। वो मान गया और हमने एक प्रोड्युसर की तलाश करनी शुरू कर दी। हमारी मुलाक़ात हुई बलजीत सिंह पदम उर्फ़ Dr. Zeus से जो 5000 पाउण्ड प्रति गीत के दर से आठ गीतों का ऐल्बम बनाने के लिए मान गया। राज ने उसे पैसा दे दिया और मैं बिर्मिंघम में हफ़्ते में एक दिन गाना रेकॉर्ड करने के उद्येश्य से जाने लगी। एक साल बीत गया पर अब तक कोई भी गाना वो लोग नहीं बना सके। इधर मेरा वैवाहिक जीवन बद से बदतर होता चला गया। दो तीन महीने मैं स्टुडिओ भी नहीं गई। फिर एक दिन मेरे एक दोस्त ने मेरा परिचय "जुगनी" नामक गीत से करवाया जो पाक़िस्तानी गायक आरिफ़ लोहर का गाया हुआ गाना था। हमने Dr. Zeus के ज़रिए इस गीत का एक सस्ता रीमिक्स बना कर इन्टरनेट पर फ़्री डाउनलोड के लिए डाल दिया। यह जनवरी 2012 की बात थी। विडिओ बेहद सफल रहा और इसे तीस लाख हिट्स मिले। जुलाई 2012 को मैं और राज अलग हो गए, और अक्टुबर में मुझे ’ब्रिटिश एशिअन अवार्ड’ मिला "जुगनी" के लिए।
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खोज, आलेख व प्रस्तुति : सुजॉय चटर्जी
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