स्वरगोष्ठी – 234 में आज
रागों का समय प्रबन्धन – 3 : दिन के तीसरे प्रहर के राग
राग पीलू की ठुमरी- ‘पपीहरा पी की बोल न बोल...’
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आज
हम आपसे दिन के तीसरे प्रहर के रागों पर चर्चा कर रहे हैं। दिन का तीसरा
प्रहर, अर्थात मध्याह्न 12 से अपराह्न 3 बजे के बीच का समय। इस प्रहर के
रागों का का वादी स्वर सप्तक के पूर्वांग के स्वर, अर्थात षडज से पंचम स्वर में से कोई एक स्वर होता
है। इस प्रहर का एक बेहद लोकप्रिय राग पीलू है। राग पीलू में उपशास्त्रीय
रचनाएँ खूब निखरती हैं। अब हम आपको राग पीलू में निबद्ध एक ठुमरी विदुषी
गिरिजा देवी की आवाज़ में सुनवाते हैं। पीलू काफी थाट और सम्पूर्ण जाति का
राग है। इसका वादी स्वर गान्धार और संवादी स्वर निषाद होता है। इस राग में
गान्धार, धैवत और निषाद स्वर के दोनों रूप, शुद्ध और कोमल प्रयोग किये जाते
हैं। अब आप राग पीलू की ठुमरी- ‘पपीहरा पी की बोल न बोल...’ सुनिए, जिसे
विदुषी गिरिजा देवी ने गाया है।
राग पीलू ठुमरी : “पपीहरा पी की बोल न बोल...” : विदुषी गिरिजा देवी
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राग भीमपलासी : “ए री मैं तो प्रेम दीवानी...” : लता मंगेशकर : फिल्म – नौबहार
संगीत पहेली - 234
‘स्वरगोष्ठी’
के 234वें अंक की संगीत पहेली में आज हम आपको 60 के दशक की फिल्म का राग
आधारित फिल्मी गीत का एक अंश सुनवा रहे हैं। इसे सुन कर आपको निम्नलिखित
तीन में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर देने हैं। ‘स्वरगोष्ठी’ के 240वें
अंक की पहेली के सम्पन्न होने तक जिस प्रतिभागी के सर्वाधिक अंक होंगे,
उन्हें इस वर्ष की चौथी श्रृंखला (सेगमेंट) का विजेता घोषित किया जाएगा।
1 – संगीत का यह अंश सुन कर बताइए कि यह गीत किस राग पर आधारित है?
2 – संगीत में प्रयोग किये गए ताल का नाम बताइए।
3 – गीतांश मे गायक और गायिका के युगल स्वरों को पहचानिए और हमे उनके नाम बताइए।
आप उपरोक्त तीन में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर केवल swargoshthi@gmail.com या radioplaybackindia@live.com
पर इस प्रकार भेजें कि हमें शनिवार, 12 सितम्बर, 2015 की मध्यरात्रि से
पूर्व तक अवश्य प्राप्त हो जाए। COMMENTS में दिये गए उत्तर मान्य हो सकते
है, किन्तु उसका प्रकाशन पहेली का उत्तर भेजने की अन्तिम तिथि के बाद किया
जाएगा। इस पहेली के विजेताओं के नाम हम ‘स्वरगोष्ठी’ के 236वें अंक में
प्रकाशित करेंगे। इस अंक में प्रकाशित और प्रसारित गीत-संगीत, राग, अथवा
कलासाधक के बारे में यदि आप कोई जानकारी या अपने किसी अनुभव को हम सबके बीच
बाँटना चाहते हैं तो हम आपका इस संगोष्ठी में स्वागत करते हैं। आप पृष्ठ
के नीचे दिये गए COMMENTS के माध्यम से तथा swargoshthi@gmail.com अथवा radioplaybackindia@live.com पर भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर सकते हैं।
पिछली पहेली और श्रृंखला के विजेता
‘स्वरगोष्ठी’
क्रमांक 230 की संगीत पहेली में हमने आपसे फिल्म ‘मीरा’ से मीराबाई के एक
पद का अंश सुनवा कर आपसे तीन प्रश्न पूछा था। आपको इनमें से किसी दो प्रश्न
का उत्तर देना था। पहले प्रश्न का सही उत्तर है- राग तोड़ी, दूसरे प्रश्न
का सही उत्तर है- ताल रूपक तथा तीसरे प्रश्न का सही उत्तर है- गायिका वाणी
जयराम। इस बार की पहेली में पेंसिलवेनिया, अमेरिका से विजया राजकोटिया,
जबलपुर से क्षिति तिवारी, वोरहीज़, न्यूजर्सी से डॉ. किरीट छाया और हैदराबाद
से डी. हरिणा माधवी ने सही उत्तर दिये हैं। चारो प्रतिभागियों को ‘रेडियो
प्लेबैक इण्डिया’ की ओर से हार्दिक बधाई।
‘स्वरगोष्ठी’
की इस वर्ष की तीसरी श्रृंखला (पहेली क्रमांक 221 से 230 तक) के विजेताओं
के प्राप्तांकों की गणना के जा चुकी है। प्राप्तांक के अनुसार प्रथम और
द्वितीय स्थान पर दो-दो प्रतिभागी हैं। 20-20 अंक के साथ पेंसिलवेनिया,
अमेरिका से विजया राजकोटिया और जबलपुर से क्षिति तिवारी ने श्रृंखला में
प्रथम स्थान प्राप्त किया है। दूसरे स्थान पर वोरहीज़, न्यूजर्सी से डॉ.
किरीट छाया और हैदराबाद से डी. हरिणा माधवी हैं। इन दोनों प्रतिभागियों को
18-18 अंक प्राप्त हुए हैं। तीसरे स्थान पर 4 अंक के साथ रायपुर, छत्तीसगढ़
की राजश्री श्रीवास्तव रहीं। इन सभी पाँच प्रतिभागियों को रेडियो प्लेबैक
इण्डिया की ओर से हार्दिक बधाई।
अपनी बात
मित्रो,
‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ पर लघु
श्रृंखला ‘रागों का समय प्रबन्धन’ का यह तीसरा अंक था। अगले अंक में हम दिन
के चौथे प्रहर के रागों पर आधारित कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। इस श्रृंखला
के लिए यदि आप किसी राग, गीत अथवा कलाकार को सुनना चाहते हों तो अपना आलेख
या गीत हमें शीघ्र भेज दें। हम आपकी फरमाइश पूर्ण करने का हर सम्भव प्रयास
करते हैं। आपको हमारी यह श्रृंखला कैसी लगी? हमें ई-मेल swargoshthi@gmail.com
पर अवश्य लिखिए। अगले रविवार को एक नए अंक के साथ प्रातः 9 बजे
‘स्वरगोष्ठी’ के इसी मंच पर आप सभी संगीतानुरागियों का हम स्वागत करेंगे।
प्रस्तुति : कृष्णमोहन मिश्र
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