स्वरगोष्ठी – 222 में आज
दस थाट, दस राग और दस गीत – 9 : तोड़ी थाट
राग तोड़ी में ‘कान्ह करत मोसे रार...’
और
मुल्तानी में ‘दया कर हे गिरिधर गोपाल...’
और
मुल्तानी में ‘दया कर हे गिरिधर गोपाल...’

रागदारी संगीत में प्रचलित थाट प्रणाली पर परिचयात्मक श्रृंखला ‘दस थाट, दस राग और दस गीत’ की नौवीं कड़ी में आज बारी है थाट और राग ‘तोड़ी’ से परिचय प्राप्त करने की। श्रृंखला की अभी तक की कड़ियों में हमने उत्तर भारतीय संगीत में प्रचलित थाट प्रणाली को रेखांकित करने का प्रयास किया है। आज की कड़ी में हम दक्षिण भारतीय संगीत में प्रचलित प्राचीन थाट व्यवस्था पर चर्चा करेंगे। दक्षिण भारतीय संगीत पद्यति के विद्वान पण्डित व्यंकटमखी ने थाटों की संख्या निश्चित करने के लिए गणित को आधार बनाया और पूर्णरूप से गणना कर थाटों की कुल संख्या 72 निर्धारित की। इनमें से उन्होने 19 व्यावहारिक थाटों का चयन किया। व्यंकटमखी की थाट संख्या को दक्षिण भारतीय संगीतज्ञों ने तो अपनाया, किन्तु उत्तर भारत के संगीत पर इसका विशेष प्रभाव नहीं हुआ। उत्तर भारतीय संगीत के विद्वान पण्डित विष्णु नारायण भातखण्डे ने रागों के वर्गीकरण के लिए 10 थाट प्रणाली को अपनाया और रागों का वर्गीकरण किया, जो आज तक प्रचलित है। थाट का उद्देश्य मात्र राग के शुद्ध और विकृत स्वरों को चिह्नित करना है। चूँकि एक थाट के गठन के लिए सप्तक के सातों स्वरों का होना आवश्यक है, अतः यह भी आवश्यक है कि थाट सम्पूर्ण हो।

राग तोड़ी : ‘कान्ह करत मोसे रार...’ : विदुषी मालिनी राजुरकर

राग मुल्तानी : ‘दया कर हे गिरिधर गोपाल...’ : उस्ताद अमीर खाँ : फिल्म ‘शबाब’
संगीत पहेली
‘स्वरगोष्ठी’
के 222वें अंक की संगीत पहेली में आज हम आपको तीन दशक पुरानी शास्त्रीय
संगीत के संरक्षक चरित्र पर बनी एक हिन्दी फिल्म का राग आधारित गीत का अंश
सुनवा रहे हैं। इस गीत के अंश को सुन कर आपको निम्नलिखित तीन में से
किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर देने हैं। ‘स्वरगोष्ठी’ के 230वें अंक के
सम्पन्न होने तक जिस प्रतिभागी के सर्वाधिक अंक होंगे, उन्हें इस वर्ष की
तीसरी श्रृंखला (सेगमेंट) का विजेता घोषित किया जाएगा।
1 – गीत का यह अंश सुन कर बताइए कि इस अंश में किस राग की झलक है?
2 – गीत के अंश में प्रयोग किये गए ताल को ध्यान से सुनिए और हमें ताल का नाम बताइए।
3 – इस गीत के गायक को पहचानिए और हमे उनका नाम बताइए।
आप उपरोक्त तीन में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर केवल swargoshthi@gmail.com या radioplaybackindia@live.com
पर इस प्रकार भेजें कि हमें शनिवार, 13 जून, 2015 की मध्यरात्रि से पूर्व
तक अवश्य प्राप्त हो जाए। comments में दिये गए उत्तर मान्य हो सकते है,
किन्तु उसका प्रकाशन अन्तिम तिथि के बाद किया जाएगा। इस पहेली के विजेताओं
के नाम हम ‘स्वरगोष्ठी’ के 224वें अंक में प्रकाशित करेंगे। इस अंक में
प्रकाशित और प्रसारित गीत-संगीत, राग, अथवा कलासाधक के बारे में यदि आप कोई
जानकारी या अपने किसी अनुभव को हम सबके बीच बाँटना चाहते हैं तो हम आपका
इस संगोष्ठी में स्वागत करते हैं। आप पृष्ठ के नीचे दिये गए comments के
माध्यम से तथा swargoshthi@gmail.com अथवा radioplaybackindia@live.com पर भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर सकते हैं।
पिछली पहेली और श्रृंखला के विजेता
‘स्वरगोष्ठी’
क्रमांक 220 की संगीत पहेली में हमने आपको वर्ष 1955 की फिल्म ‘झनक झनक
पायल बाजे’ के शीर्षक गीत का अंश सुनवा कर आपसे तीन प्रश्न पूछा गया था।
आपको इनमें से किसी दो प्रश्न का उत्तर देना था। पहले प्रश्न का सही उत्तर
है- राग अड़ाना, दूसरे प्रश्न का सही उत्तर है- ताल तीनताल और तीसरे प्रश्न
का सही उत्तर है- संगीतकार वसन्त देसाई। इस बार पहेली में हमारे एक नये
श्रोता-पाठक, मुम्बई से मुकेश कुमार ने पहली बार प्रतियोगिता में भाग लिया
और सभी प्रश्नों के सही उत्तर दिये। पहेली में दूसरी बार भाग लिया है,
वोरहीज़, न्यूजर्सी से डॉ. किरीट छाया ने। इस बार इनके सभी उत्तर सही रहे।
इनके अलावा हमारे नियमित प्रतिभागियों, पेंसिलवेनिया, अमेरिका से विजया
राजकोटिया और जबलपुर से क्षिति तिवारी, ने भी सही
उत्तर दिये हैं। सभी चारो प्रतिभागियों को ‘रेडियो प्लेबैक
इण्डिया’ की ओर से हार्दिक बधाई।
पहेली क्रमांक 220 पूर्ण होने के बाद अब हम वर्ष की दूसरी श्रृंखला के विजेताओं के नाम घोषित कर रहे हैं। पहेली क्रमांक 211 से 220 तक के दस अंकों में सर्वाधिक 20-20 प्राप्तांक अर्जित कर प्रथम स्थान पर पेंसिलवेनिया, अमेरिका से विजया राजकोटिया और जबलपुर से क्षिति तिवारी रहीं। 14 अंक प्राप्त कर द्वितीय स्थान पर हैदराबाद की डी. हरिणा माधवी, तथा 4 अंक पाकर रायगढ़, छत्तीसगढ़ से राजश्री श्रीवास्तव ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है। चारो विजेताओं को 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' की ओर से हार्दिक शुभकामनाएँ।
पहेली क्रमांक 220 पूर्ण होने के बाद अब हम वर्ष की दूसरी श्रृंखला के विजेताओं के नाम घोषित कर रहे हैं। पहेली क्रमांक 211 से 220 तक के दस अंकों में सर्वाधिक 20-20 प्राप्तांक अर्जित कर प्रथम स्थान पर पेंसिलवेनिया, अमेरिका से विजया राजकोटिया और जबलपुर से क्षिति तिवारी रहीं। 14 अंक प्राप्त कर द्वितीय स्थान पर हैदराबाद की डी. हरिणा माधवी, तथा 4 अंक पाकर रायगढ़, छत्तीसगढ़ से राजश्री श्रीवास्तव ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है। चारो विजेताओं को 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' की ओर से हार्दिक शुभकामनाएँ।
अपनी बात
मित्रो,
‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ पर लघु
श्रृंखला ‘दस थाट, दस राग और दस गीत’ अब समापन की ओर अग्रसर है। अगले
रविवार को यह श्रृंखला सम्पन्न हो जाएगी। इसके बाद हमारी नई श्रृंखला
‘वर्षा ऋतु के रागों’ केन्द्रित होगी। इस श्रृंखला के लिए यदि आप किसी राग,
गीत अथवा कलाकार को सुनना चाहते हों तो अपना आलेख या गीत हमें शीघ्र भेज
दें। हम आपकी फरमाइश पूर्ण करने का हर सम्भव प्रयास करते हैं। आपको यह
श्रृंखला कैसी लगी? हमें ई-मेल पता swargoshthi@gmail.com
पर अवश्य लिखिए। अगले रविवार को एक नए अंक के साथ प्रातः 9 बजे
‘स्वरगोष्ठी’ के इसी मंच पर आप सभी संगीतानुरागियों का हम स्वागत करेंगे।
प्रस्तुति : कृष्णमोहन मिश्र
Comments