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कंजूस मक्खीचूस - लघुकथा

इस लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा के स्वर में घुघूती बासूती की मार्मिक कहानी "क्या अगले साल" का पाठ सुना था।

आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं अनुराग शर्मा की एक लघुकथा कंजूस मक्खीचूस जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने।

प्रस्तुत कथा "कंजूस मक्खीचूस" का गद्य "बर्ग वार्ता ब्लॉग" पर उपलब्ध है। "कंजूस मक्खीचूस" का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 27 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।

यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें।



प्रश्न कठिन हो जाते हैं,
हर उत्तर पे इतराते हैं
मैं चिंता में घुल जाता हूँ,
चलूँ तो पथ डिग जाते हैं।
 ~ अनुराग शर्मा

हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी

"दो मिनट की बातचीत में ही इतनी नजदीकी। लोग यूँ ही इन्हें नकचढ़ा और घमंडी बताते हैं।”
 (अनुराग शर्मा कृत "कंजूस मक्खीचूस" से एक अंश)


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यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंक से डाऊनलोड कर लें:
कंजूस मक्खीचूस MP3

#2nd Story, Kanjoos Makkhichoos: Anurag Sharma Hindi Audio Book/2015/02. Voice: Anurag Sharma

Comments

Suman said…
क्या करे भारतीय संस्कार है कहीं भी रहो छूटते ही नहीं :) सुन्दर सटीक कहानी !

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