ताज़ा सुर ताल - 2014 - 10
दोस्तों इस रविवार को दुनिया भर में मनाया गया महिला दिवस. आज जो दो गीत हम आपके लिए चुनकर लेकर आये हैं वो भी नारी शक्ति के दो मुक्तलिफ़ रूप दर्शाने वाले हैं. पहला गीत है गुलाब गैंग का...कलगी हरी है, चोंच गुलाबी, पूँछ है उसकी पीली हाय, रंग से हुई रंगीली रे चिड़िया, रंग से हुई रंगीली ... नेहा सरफ के लिखे इस खूबसूरत गीत में गौर कीजिये कि उन्होंने इस चिड़िया की चोंच गुलाबी रंगी है, यही बदलते समय में नारी की हुंकार को दर्शाता है. वो अब दबी कुचली अबला बन कर नहीं बल्कि एक सबल और निर्भय पहचान के साथ अपनी जिंदगी संवारना चाहती है. शौमिक सेन के स्वरबद्ध इस गीत को आवाज़ दी है कौशकी चक्रवर्ति ने. गुलाब गैंग में ९० के दशक की दो सुंदरियाँ, माधुरी दीक्षित और जूही चावला पहली बार एक साथ नज़र आयेगीं. फिल्म कैसी है ये आप देखकर बताएं, फिलहाल सुनिए ये गीत जो इस साल होली को एक नए रंग में रंगने वाली है.
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कितने काफिले समय के/ धूल फांकते गुजरे
हैं/ मेरी छाती से होकर/ मटमैली चुनर सी /बिछी रही आसमां पे
मैं...
कोख में ही दबा दी
गयी/ कितनी किलकारियां
मेरी/ नरक का द्वार, ताडन को
जाई,/ कुलटा, सती, देवी,
डायन,/ जाने क्या क्या
कहलाई मैं...जली, कटी, लड़ी मगर,/ चीखी भी, चिल्लाई भी
मैं,
इन हाथों को, पखों
में बदलने को,/जाने कितनी प्रसव
वेदनाओं से,/ गुजरी हूँ मैं....अब उड़ने दो, उड़ने
दो, उड़ने दो मुझे/ मैं आधी धरा हूँ तो,/ आधे आकाश को भी तो
अपना, कहने दो मुझे....
कुछ ऐसे ही जज़्बात हैं हमारे अगले गीत में, जिसे गाया और स्वरबद्ध किया है अमित त्रिवेदी ने. शब्द रचे हैं अन्विता दास गुप्तन ने. फिल्म है Queen कंगना रानौत की ये फिल्म दर्शकों को खूब पसंद आ रही है. अमित ने बेहद मुक्तलिफ़ रंग के गीत रचे हैं फिल्म के लिए, ये गीत भी उनमें से एक है. लीजिए मिलिए इस जुगनी से जो पिंजरा तोड़ उड़ चली है नीले विशाल गगन में, अपनी नई पहचान ढूँढने.
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