नए सुर साधक (१)
मनमीत, हरमीत और अनजान (बाएं से दायें) |
अक्सर जब भी संगीतकार तिकड़ी की बात होती है तो जेहन में शंकर एहसान लॉय का नाम कौंधता है. मगर एक और भी संगीत तिकड़ी है जो धीरे धीरे ही सही मगर इंडस्ट्री में अपनी पहचान बना रही है, ये हैं मीत बंधू यानी हरमीत और मनमीत जिनके साथ जुड़ते हैं उनके मित्र अनजान. मीत ब्रो अनजान के नाम से मशहूर इस तिकड़ी का रचा हाल ही में प्रकाशित 'बॉस' का शीर्षक गीत इन दिनों खूब बज रहा है.
मीत बंधू सबसे पहले छोटे परदे पर अवतरित हुए थे बतौर अभिनेता. पर कहीं न कहीं संगीत को मार्ग बना कर एक पॉप समूह बनाने का सपना भी पल रहा था. उनका पहला गीत जोगी सिंह बरनाला सिंह बेहद कामियाब रहा और मीत बंधुओं ने अभिनय को अलविदा कह दिया. एक लाईव शो के दौरान उन्हें अनजान मिले, और तीनों को महसूस हुआ कि उनकी तिकड़ी साथ मिलकर धामल कर सकती है.
एक कोपरेट कंपनी की तरह काम करते हुए इस तिकड़ी ने अपने खुद के गीत रचने शुरू किये और अपने काम को लेकर प्रोडक्शन कंपनियों के पास आने जाने लगे. नए गीतों को अपने संकलन में जोड़ते हुए इन्हें खबर भी नहीं हुई कि कब १० बड़े बैनरों ने इनके गीतों को अपनी एल्बम का हिस्सा बनाने का फैसला कर लिया. क्या सुपर कूल हैं हम और ओह माई गोड की एल्बमों से इन्हें बतौर संगीतकार पहचान मिली.
इस साल बॉस के अलावा जंजीर के गीत 'पिंकी है पैसे वालों की' भी खासा लोकप्रिय हुआ. अमूमन श्रोता गायक गायिका को अधिक पहचानते हैं, तो इसी डर से कि कहीं मीत ब्रो अनजान के गीतों में संगीतकार पार्श्व में ही न रह जाएँ, ये संगीत तिकड़ी खुद को परदे पर रखने की हर संभव कोशिश करती हैं. यही वजह है कि आप इनके सभी गीतों में मूल गायक के साथ इन तीनों में से कम से कम किसी एक की आवाज़ भी अवश्य सुनेगें. बॉस का शीर्षक गीत तो खुद इस टीम ने मिलकर गाया है.
कदम थिरकाते गीतों में मेलोडी का तडका लगाते गीत हैं मीत ब्रो अनजान की पहचान. अगर इनके पिछले रेकॉर्डों पर जाएँ तो हम उम्मीद कर सकते हैं कि आने वाली रागिनी एम् एम् एस २, और कर ले प्यार कर ले में भी हमें कुछ झूमते झुमाते गीत सुनने को मिल सकते हैं. इस तिकड़ी एक सोलो एल्बम बब्बू की जवानी भी जल्द ही श्रोताओं के सामने होगी. फिलहाल आने वाले कल की बातें छोड़ते हैं और आपको सुनते हैं वो गीत जिसकी बदौलत संगीत प्रेमियों के रूबरू हुई ये संगीत तिकड़ी
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