आज हिंद युग्मी दिव्य प्रकाश दुबे अपना २७ वां जन्मदिन मना रहे हैं, उनकी कविताओं से तो हम सब वाकिफ हैं, पर हम आपको बता दें कि उनका एक संगीत ग्रुप भी है- "जज्बा". जिसका बनाया हुआ ये गीत "आंगन में पंछी" हम चाहते थे कि हमारे वर्तमान सत्र का हिस्सा बनें, पर चूँकि ग्रुप के सभी छात्र अपनी पढ़ाई के अन्तिम दौर में हैं, इस कारण इस गीत को मुक्कमल तौर पर रिकॉर्ड नहीं कर पाये, पर एक preview के तौर पर इस शानदार गीत को आज हम यहाँ प्रस्तुत कर रहे हैं. साथ में है इस गीत का एक फोटो विडियो भी, जिसमें आप SIBM, पुणे के इन छात्रों की आँखों में बसे एक नए हिंद के सपनों को देख पायेंगें, और महसूस कर पायेंगें उस जज्बे को जिसको देखकर आपको अपनी इस नई पीढ़ी पर अवश्य गर्व होगा.
Presenting to you all
"The passion to live it up and the spirit to wear it on our sleeve"
Debut song of team Jazba
अब सवाल ये है कि जज़्बा आखिर है क्या तो जानिए ख़ुद दिव्य से -
जज़्बा में आभार दाधीच, शिखर रंजन, विकास और दिव्य प्रकाश ये चार लोग हैं जो की SIBM,Pune (सिम्ब्योसिस इंस्टिट्यूट ऑफ़ बिज़नस मैनेजमेंट, पुणे ) में पढ़ रहे हैं| इसको कॉलेज का एक छोटा मोटा band कह लीजिये या एक साथ कुछ नया गढ़ने की ललक जो हम सबको एक साथ लायी. ये सपने देखने की उम्र है और ये गाना उस spirit की ही बात करता है, जो आज का नया भारत अपनी रगों में महसूस करता है, ये गाना उस सपने को जीने को कहता है.... इसीलिए इसका नाम Spirit of SIBM (symbiosis institute of business management) रखा गया | यहाँ पे पढ़ने वाले हर एक शख्स का यही सपना है की एक दिन वो अपने हिस्से की दुनिया में अपने बनाये हुए रंग भरेगा .... ये गाना उन सभी लोगों को समर्पित है जो सपने देखते हैं और उन सपनों को जीने की हिम्मत रखते हैं ....
आशा है ये आप सबको पसंद आयेगा
साभार
टीम "ज़ज्बा"
Spirit of SIBM (बोल)
आंगन में पंछी आए ख्वाब सजाने को
आँखों में सपने लाये ,कुछ कर दिखाने को
कुछ सपने पीछे छूटे पलकों पे आंसू बनके
कुछ अपने पीछे छूटे पलकों पे आंसू बनके
कुछ ख्वाब झांकते हैं आँखों में मोती बनके
कुछ वादे अपनों के हैं ,कुछ वादे अपने से
कल दुनिया महकेगी फूल जो आज खिलने को हैं ....2
खिलने दो रंगों को फूलों को अपने संग
महकेगी दुनिया सारी ,बहकेगी अपने संग
ख्वाबों के परवाजो से आसमान झुकाने को है........2
आंगन में पंछी आए ख्वाब सजाने को
आँखों में सपने लाये ,कुछ कर दिखाने को
क़दमों की आहट अपनी दुनिया हिला देगी
यारों की यारी अपनी हर मुश्किल भुला देगी
-दिव्य प्रकाश दुबे
Divya Prakash Dubey
SIBM Batch of 2007-09
dpd111@gmail.com
एक बार फ़िर "टीम ज़ज्बा" के सभी सदस्यों को हिंद युग्म परिवार की बधाइयाँ और दिव्य को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनायें.
Presenting to you all
"The passion to live it up and the spirit to wear it on our sleeve"
Debut song of team Jazba
अब सवाल ये है कि जज़्बा आखिर है क्या तो जानिए ख़ुद दिव्य से -
जज़्बा में आभार दाधीच, शिखर रंजन, विकास और दिव्य प्रकाश ये चार लोग हैं जो की SIBM,Pune (सिम्ब्योसिस इंस्टिट्यूट ऑफ़ बिज़नस मैनेजमेंट, पुणे ) में पढ़ रहे हैं| इसको कॉलेज का एक छोटा मोटा band कह लीजिये या एक साथ कुछ नया गढ़ने की ललक जो हम सबको एक साथ लायी. ये सपने देखने की उम्र है और ये गाना उस spirit की ही बात करता है, जो आज का नया भारत अपनी रगों में महसूस करता है, ये गाना उस सपने को जीने को कहता है.... इसीलिए इसका नाम Spirit of SIBM (symbiosis institute of business management) रखा गया | यहाँ पे पढ़ने वाले हर एक शख्स का यही सपना है की एक दिन वो अपने हिस्से की दुनिया में अपने बनाये हुए रंग भरेगा .... ये गाना उन सभी लोगों को समर्पित है जो सपने देखते हैं और उन सपनों को जीने की हिम्मत रखते हैं ....
आशा है ये आप सबको पसंद आयेगा
साभार
टीम "ज़ज्बा"
Spirit of SIBM (बोल)
आंगन में पंछी आए ख्वाब सजाने को
आँखों में सपने लाये ,कुछ कर दिखाने को
कुछ सपने पीछे छूटे पलकों पे आंसू बनके
कुछ अपने पीछे छूटे पलकों पे आंसू बनके
कुछ ख्वाब झांकते हैं आँखों में मोती बनके
कुछ वादे अपनों के हैं ,कुछ वादे अपने से
कल दुनिया महकेगी फूल जो आज खिलने को हैं ....2
खिलने दो रंगों को फूलों को अपने संग
महकेगी दुनिया सारी ,बहकेगी अपने संग
ख्वाबों के परवाजो से आसमान झुकाने को है........2
आंगन में पंछी आए ख्वाब सजाने को
आँखों में सपने लाये ,कुछ कर दिखाने को
क़दमों की आहट अपनी दुनिया हिला देगी
यारों की यारी अपनी हर मुश्किल भुला देगी
-दिव्य प्रकाश दुबे
Divya Prakash Dubey
SIBM Batch of 2007-09
dpd111@gmail.com
एक बार फ़िर "टीम ज़ज्बा" के सभी सदस्यों को हिंद युग्म परिवार की बधाइयाँ और दिव्य को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनायें.
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दिव्य प्रकाश
Snehil durgani