एक गीत सौ कहानियाँ - 59
‘छू कर मेरे मन को...’
यह तो थी "छू कर मेरे मन को" के संगीत की दास्तान। अब आते हैं इसके बोलों पर। गीतकार अंजान के बेटे समीर उस समय अपने पिता के साथ मौजूद थे जब यह गीत लिखा जा रहा था। विविध भारती के एक साक्षात्कार में समीर ने इस गीत के बारे में कुछ ऐसा बताया था - "छूकर मेरे मन को...", अब देखिए इस गाने के पीछे भी एक बड़ी अजीब सी कहानी है, और मुझे याद है, मैं और पापा गाँव जा रहे थे; तो उनकी कैसेट पे दो गानों की ट्यून, एक तो उस फ़िल्म का टाइटल गाना "तेरे जैसा यार कहाँ..." और यह दूसरा गाना। टाइटल गाना तो उन्होंने रास्ते में ही कम्प्लीट कर लिया था पर यह गाना, उनको लग रहा था कि बहुत अच्छा ट्यून राजू ने दिया है, मैं कुछ अच्छा करना चाह रह हूँ। और उन्होंने मुखड़ा मुझे सुनाया "छू कर मेरे मन को किया तूने क्या इशारा", मुझे लगा कि बहुत ख़ूबसूरत गाना बनेगा। मगर जब हम गाँव से आए और सिटिंग् हुई और रेकॉर्डिंग् पर जब गाना पहुँचा तो संजोग की बात थी कि रेकॉर्डिंग् में जाने से पहले तक प्रोड्युसर ने वह गाना नहीं सुना था। और रेकॉर्डिंग में जब प्रोड्युसर आया और उन्होंने जैसे ही गाना सुना तो बोले कि रेकॉर्डिंग् कैन्सल करो, मुझे यह गाना रेकॉर्ड नहीं करना है। उन्होंने कहा कि इतना बेकार गाना मैंने अपनी ज़िन्दगी में नहीं सुना, इतना ख़राब गाना राजू तुमने हमारी फ़िल्म के लिए बनाया है, मुझे यह गाना रेकॉर्ड नहीं करना है। अब राजेश रोशन का दिमाग़ उस ज़माने में, उनको ग़ुस्सा बहुत आता था, उन्होंने कहा कि गफ़्फ़ार भाई, उनका नाम था गफ़्फार नडियाडवाला, सोरज नडियाडवाला, हमीद नडियाडवाला, हमीद उसके प्रोड्युसर थे, हमीद यह फ़िल्म बना रहे थे, यह गाना रहे ना रहे, लेकिन यह गान मैं रेकॉर्ड करने जा रहा हूँ और तुम अभी इसी वक़्त इस रेकॉर्डिंग् स्टुडियो से निकल जाओ, मुझे तुम्हारी शकल नहीं देखनी है, तुमको यह गाना नहीं समझ में आएगा, मैं यह गाना रेकॉर्ड करूँगा, तुमको इसका पैसा भी नहीं देना है, मैं अपने पैसे से रेकॉर्ड करूँगा। और उस आदमी ने अपने पैसे से वह गाना रेकॉर्ड किया और गाना रेकॉर्ड होकर जब अमिताभ बच्चन तक पहुँचा तो उन्होंने यह बात कही कि अगर यह गाना नहीं होगा फ़िल्म में तो मैं यह फ़िल्म नहीं करूँगा। और वह गाना माइलस्टोन बना।" लीजिए, अब आप भी यह गाना सुन लीजिए।
फिल्म याराना : 'छूकर मेरे मन को किया तूने क्या इशारा...' : किशोर कुमार : राजेश रोशन
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खोज, आलेख व प्रस्तुति : सुजॉय चटर्जी
प्रस्तुति सहयोग: कृष्णमोहन मिश्र
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