ताज़ा सुर ताल --2014-18
सुन री बावली तू अपने लिए, खुद ही मांग ले दुआ, कोई तेरा न होना... केश में सूरज खोंस के चलना, कभी कोई रात मिले न .... ये हों वो ऊर्जामयी शब्द जो नागेश कुकनूर की मर्मस्पर्शी फिल्म लक्ष्मी में नायिका की प्रेरणा बन जाता है. मनोज यादव के लिखे इस बेमिसाल गीत को अपनी आवाज़ और सशक्त अभिव्यक्ति से निखारा है आज के दौर के सबसे जबरदस्त गायकों में से एक अंगराग महंता ने जिसे हम सब पोपोन के नाम से अधिक जानते हैं. हम फिल्म की चर्चा पीछले हफ्ते भी कर चुके हैं, आपको बता दें कि एक सेंसर से चली एक लम्बी जंग के बाद अधिर्कार इस माह ये फिल्म प्रदर्शित हो ही गयी मगर केवल सीमित सिनेमा घरों में ही. फिल्म में नागेश ने खुद भी एक अहम् भूमिका की है, साथ ही सतीश कौशिक, राम कपूर और शेफाली छाया (शाह) भी हैं मगर शीर्षक भूमिका मोनाली ने कमाल का काम किया है, कभी मौका लगे तो देखिएगा इस फिल्म को.
फिल्म के सभी गीत पार्श्व संगीत का हिस्सा अधिक हैं, और फिल्म का पार्श्व का पूरा जिम्मा तापस ने उठाया है. अहमदाबाद से मुंबई आये तापस रेलिया को सबसे पहले मौका दिया विधु विनोद चोपड़ा ने फिल्म फरारी की सवारी में. नागेश कुकनूर के साथ भी तापस पहले काम कर चुके थे, यही वो कारण रहा उनके इस गठबंधन की सफलता का भी. सुन री बावली देश की हर महिला के लिए एक एंथम सरीखा गीत है. लीजिये सुनिए और जोश से भर जाईये.
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