Skip to main content

'सिने पहेली' में आज आप पर फेंक रहे हैं गीतों भरी गूगली

सिने पहेली – 81

  

'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी पाठकों और श्रोताओं को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार। दोस्तों, एक लम्बे अन्तराल के बाद मैं वापस 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के मंच पर उपस्थित हुआ हूँ, और 'सिने पहेली' में वापस आकर मुझे बेहद ख़ुशी हो रही है। सबसे पहले मैं अमित तिवारी जी का तहेदिल से शुक्रिया अदा करता हूँ कि उन्होंने मेरी अनुपस्थिति में 'सिने पहेली' के सफ़र को जारी तो रखा ही, इसके मिज़ाज को ज़रा सा भी ठंडा नहीं पड़ने दिया और इस मुकाबले की रोचकता को बनाये रखा।

पिछले दिनों सरताज प्रतियोगी को एक अंक दिये जाने के सुझाव पर मतभेद सामने आया है। अत: हमारे सम्पादक मण्डल ने सर्वसम्मति से सरताज प्रतियोगी को एक अंक दिये जाने का प्रस्ताव रद्द कर दिया है। साथ ही यह निर्णय लिया है कि अब 'सिने पहेली' की समाप्ति तक इसके किसी भी नियम में न तो फेर-बदल किये जायेंगे और न ही कोई नया नियम लागू होगा। आशा है इस फ़ैसले का सभी प्रतियोगी समर्थन करेंगे।

आइए सबसे पहले आपको बतायें पिछले सप्ताह पूछे गए सवालों के सही जवाब...


पिछली पहेली के सही जवाब

'गीत अपने धुन पराई' शीर्षक के अन्तर्गत हमने आपसे पूछे थे 10 सवाल, जिनके सही जवाब इस प्रकार हैं-

1. प्यार की पुंगी बजा कर (एजेण्ट विनोद) -- Soosan Khanoom
2. ज़रा ज़रा टच मी टच मी (रेस) -- In the Depths of the Bamboo Forest
3. प्यार की घंटी (बेशरम) --- Bella Ciao
4. झिलमिल सितारों ने कहा (खोटे सिक्के) -- Raindrops Keep Falling On My Head
5. हरि ओम हरि (प्यारा दुश्मन) -- One way ticket
6. पहली बार मिले हैं (साजन) -- Solitude Standing
7. जय माँ काली (करण अर्जुन) -- It's alright by East 17
8. तेरा मुझसे है पहले (आ गले लग जा) -- The Yellow Rose of Texas 
9. सूट बूट में आया कन्हैया (किशन कन्हैया) -- The Belle Stars - Iko Iko
10. चांस पे डान्स मार ले (रब ने बना दी जोड़ी) -- Insomnia


सबसे पहले सभी सवालों के सही जवाब दे कर इस सप्ताह 'सरताज प्रतियोगी' बने हैं लखनऊ के श्री प्रकाश गोविंद। बहुत बहुत बधाई आपको! 
आठवें सेगमेण्ट की समाप्ति पर अंक तालिका इस प्रकार रही-



तो इस तरह से आठवें सेगन्मेण्ट के तीन विजेताओं के नाम ये रहे-

प्रथम स्थान

प्रकाश गोविन्द, लखनऊ


द्वितीय स्थान

पंकज मुकेश, बेंगलुरू


तृतीय स्थान

विजय कुमार व्यास, बीकानेर


बहुत बहुत बधाई आप तीनो को, और इस सेगमेण्ट में भाग लेने वाले सभी प्रतियोगियों को भी बहुत बधाई और धन्यवाद। इसी तरह से अगले दो सेगमेण्टों में भी जुड़े रहिये हमारे साथ।

'सिने पहेली' का सफ़र अब अपनी मंज़िल की तरफ़ बड़ी तेज़ी से बढ़े चला जा रहा है। अब बस 20% का सफ़र ही शेष रह गया है। काँटे की टक्कर जारी है, और महा-मुकाबले में कौन किसे मात दे जाये कुछ भी कहा नहीं जा सकता। आप सब बस इस प्रतियोगिता के हिस्सेदार बने रहिए और आनन्द लीजिए इस निर्मल आनन्द का।

'सिने पहेली-81' के सवाल पर जाने से पहले एक नज़र महाविजेता बनने के नियमों को एक बार फिर हम दुहरा देते है।

कौन बनेगा 'सिने पहेली' महाविजेता?


1. सिने पहेली प्रतियोगिता में होंगे कुल 100 एपिसोड्स। इन 100 एपिसोड्स को 10 सेगमेण्ट्स में बाँटा गया है। अर्थात्, हर सेगमेण्ट में होंगे 10 एपिसोड्स। इस प्रतियोगिता के 80 एपिसोड्स पूरे हो चुके हैं, आज है 81वाँ एपिसोड।

2. प्रत्येक सेगमेण्ट में प्रत्येक खिलाड़ी के 10 एपिसोड्स के अंक जोड़े जायेंगे, और सर्वाधिक अंक पाने वाले तीन खिलाड़ियों को सेगमेण्ट विजेता के रूप में चुन लिया जाएगा। 

3. इन तीन विजेताओं के नाम दर्ज हो जायेंगे 'महाविजेता स्कोरकार्ड' में। सेगमेण्ट में प्रथम स्थान पाने वाले को 'महाविजेता स्कोरकार्ड' में 3 अंक, द्वितीय स्थान पाने वाले को 2 अंक, और तृतीय स्थान पाने वाले को 1 अंक दिया जायेगा। आठवें सेगमेण्ट की समाप्ति तक 'महाविजेता स्कोरकार्ड' यह रहा-


4. 10 सेगमेण्ट पूरे होने पर 'महाविजेता स्कोरकार्ड' में दर्ज खिलाड़ियों में सर्वोच्च पाँच खिलाड़ियों में होगा एक ही एपिसोड का एक महा-मुकाबला, यानी 'सिने पहेली' का फ़ाइनल मैच। इसमें पूछे जायेंगे कुछ बेहद मुश्किल सवाल, और इसी फ़ाइनल मैच के आधार पर घोषित होगा 'सिने पहेली महाविजेता' का नाम। महाविजेता को पुरस्कार स्वरूप नकद 5000 रुपये दिए जायेंगे, तथा द्वितीय व तृतीय स्थान पाने वालों को दिए जायेंगे सांत्वना पुरस्कार।

तो आइए अब पूछा जाये 'सिने पहेली - 81' की पहेली-

आज की पहेली : गीतों भरी गूगली

पार्श्वगायिका "A" और संगीतकार "B" की मशहूर जोड़ी की अन्तिम फ़िल्म रही "C"। "C" में छह शब्द हैं। "C" एक अन्य फ़िल्म "D" के शीर्षक गीत "E" के शुरुआती पंक्ति (मुखड़े से पहले की पंक्ति) में आता है। "E" के दो संस्करण हैं, महिला संसकरण में आवाज़ है लता मंगेशकर की, जबकि पुरुष संस्करण को गाया है "F" ने। "D" के निर्देशक "G" हैं। "G" द्वारा निर्मित एक पुरानी फ़िल्म "H" का शीर्षक गीत है "I" जिसके मुखड़े के एक अंश का प्रयोग "E" गीत के एक अन्तरे में हुआ है (इस अंश में "H" शामिल है)। "E" और "I" गीतों के भाव एक दूसरे के बिल्कुल विपरीत हैं; अगर "I" में आशावाद, देशभक्ति और गर्व का अहसास है तो "E" में निराशा और सामाजिक पतन के स्वर हैं। "I" गीत के गायक हैं "J", जिनके पुत्र एक गायक हैं और पोता एक अभिनेता। क्या आप पहचान सकते हैं A, B, C, D, E, F, G, H, I और J को? 
यही है आज की पहेली। कुल अंक है 10.



जवाब भेजने का तरीका


उपर पूछे गए सवालों के जवाब एक ही ई-मेल में टाइप करके cine.paheli@yahoo.com के पते पर भेजें। 'टिप्पणी' में जवाब कतई न लिखें, वो मान्य नहीं होंगे। ईमेल के सब्जेक्ट लाइन में "Cine Paheli # 81" अवश्य लिखें, और अंत में अपना नाम व स्थान लिखें। नए प्रतियोगी अपना प्रोफाइल अवश्य भेजें। आपका ईमेल हमें बृहस्पतिवार 26 सितंबर शाम 5 बजे तक अवश्य मिल जाने चाहिए। इसके बाद प्राप्त होने वाली प्रविष्टियों को शामिल नहीं किया जाएगा।

तो आज बस इतना ही, अगले सप्ताह सुबह 9 बजे फिर मुलाक़ात होगी 'सिने पहेली' में। लेकिन 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के अन्य स्तंभ आपके लिए पेश होते रहेंगे हर रोज़। तो बने रहिये हमारे साथ और सुलझाते रहिये अपनी ज़िंदगी की पहेलियों के साथ-साथ 'सिने पहेली' भी, नमस्कार!

प्रस्तुति : सुजॉय चटर्जी

Comments

सम्पादक मण्डल ने उचित निर्णय लिया
धन्यवाद
-
-
सुजाय जी लंबा गैप लेकर दोबारा आ गए हैं
बहुत-बहुत स्वागत और अभिनन्दन
-
-
इस बार की पहेली बहुत पसंद आई
सुजाय जी के इसी अंदाज के हम सभी कायल हैं
उनकी बनायी एक से एक बेहतरीन पहेलियाँ देखने को मिलती हैं
आशा है अब सुजाय जी प्रतियोगिता के समापन तक कहीं नहीं जायेंगे और अनूठी-दिलचस्प पहेलियाँ लाते रहेंगे !
Sajeev said…
yes undoubtedly sujoy :)
Pankaj Mukesh said…
A warm welcome to Sujoy ji, and tonns of thanx for a nice opening of second inning!!!
regards,
Vijay Vyas said…
वाकई जबरदस्‍त गुगली है। या तो सिक्‍सर या फिर बोल्‍ड....!! स्‍वागत है सुजॉय जी का और धन्‍यवाद अमित तिवारी जी का जिन्‍होनें अनवरत पहेली का संचालन किया। सर्वाधिक आभार है साथी प्रतियोगियों का जिन्‍होंनें लगातार अपना कीमती समय निकालकर पहेली को रोमांचक बनाए रखा क्‍योंकि इनके अभाव में पहेली खेलने का रोमांच कम हो जाता...............
सादर...
सर जी
बहुत अरसा बीत गया कोई वर्ग पहेली नहीं आई !
संभव हो तो कोई वर्ग पहेली प्रस्तुत की जाए

सादर
प्रकाश जी, प्रतीक्षा कीजिए, आपकी इच्छानुसार हम सिने-पहेली' के आगामी किसी अंक में वर्ग पहेली अवश्य प्रस्तुत करेंगे।
ohhh mujhe chkkr aane lg gye is paheli ko pdhkr ! ab kya krun?? so jati hun hi hi hi

Popular posts from this blog

सुर संगम में आज -भारतीय संगीताकाश का एक जगमगाता नक्षत्र अस्त हुआ -पंडित भीमसेन जोशी को आवाज़ की श्रद्धांजली

सुर संगम - 05 भारतीय संगीत की विविध विधाओं - ध्रुवपद, ख़याल, तराना, भजन, अभंग आदि प्रस्तुतियों के माध्यम से सात दशकों तक उन्होंने संगीत प्रेमियों को स्वर-सम्मोहन में बाँधे रखा. भीमसेन जोशी की खरज भरी आवाज का वैशिष्ट्य जादुई रहा है। बन्दिश को वे जिस माधुर्य के साथ बदल देते थे, वह अनुभव करने की चीज है। 'तान' को वे अपनी चेरी बनाकर अपने कंठ में नचाते रहे। भा रतीय संगीत-नभ के जगमगाते नक्षत्र, नादब्रह्म के अनन्य उपासक पण्डित भीमसेन गुरुराज जोशी का पार्थिव शरीर पञ्चतत्त्व में विलीन हो गया. अब उन्हें प्रत्यक्ष तो सुना नहीं जा सकता, हाँ, उनके स्वर सदियों तक अन्तरिक्ष में गूँजते रहेंगे. जिन्होंने पण्डित जी को प्रत्यक्ष सुना, उन्हें नादब्रह्म के प्रभाव का दिव्य अनुभव हुआ. भारतीय संगीत की विविध विधाओं - ध्रुवपद, ख़याल, तराना, भजन, अभंग आदि प्रस्तुतियों के माध्यम से सात दशकों तक उन्होंने संगीत प्रेमियों को स्वर-सम्मोहन में बाँधे रखा. भीमसेन जोशी की खरज भरी आवाज का वैशिष्ट्य जादुई रहा है। बन्दिश को वे जिस माधुर्य के साथ बदल देते थे, वह अनुभव करने की चीज है। 'तान' को वे अपनी चे

‘बरसन लागी बदरिया रूमझूम के...’ : SWARGOSHTHI – 180 : KAJARI

स्वरगोष्ठी – 180 में आज वर्षा ऋतु के राग और रंग – 6 : कजरी गीतों का उपशास्त्रीय रूप   उपशास्त्रीय रंग में रँगी कजरी - ‘घिर आई है कारी बदरिया, राधे बिन लागे न मोरा जिया...’ ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी लघु श्रृंखला ‘वर्षा ऋतु के राग और रंग’ की छठी कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र एक बार पुनः आप सभी संगीतानुरागियों का हार्दिक स्वागत और अभिनन्दन करता हूँ। इस श्रृंखला के अन्तर्गत हम वर्षा ऋतु के राग, रस और गन्ध से पगे गीत-संगीत का आनन्द प्राप्त कर रहे हैं। हम आपसे वर्षा ऋतु में गाये-बजाए जाने वाले गीत, संगीत, रागों और उनमें निबद्ध कुछ चुनी हुई रचनाओं का रसास्वादन कर रहे हैं। इसके साथ ही सम्बन्धित राग और धुन के आधार पर रचे गए फिल्मी गीत भी सुन रहे हैं। पावस ऋतु के परिवेश की सार्थक अनुभूति कराने में जहाँ मल्हार अंग के राग समर्थ हैं, वहीं लोक संगीत की रसपूर्ण विधा कजरी अथवा कजली भी पूर्ण समर्थ होती है। इस श्रृंखला की पिछली कड़ियों में हम आपसे मल्हार अंग के कुछ रागों पर चर्चा कर चुके हैं। आज के अंक से हम वर्षा ऋतु की

काफी थाट के राग : SWARGOSHTHI – 220 : KAFI THAAT

स्वरगोष्ठी – 220 में आज दस थाट, दस राग और दस गीत – 7 : काफी थाट राग काफी में ‘बाँवरे गम दे गयो री...’  और  बागेश्री में ‘कैसे कटे रजनी अब सजनी...’ ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी नई लघु श्रृंखला ‘दस थाट, दस राग और दस गीत’ की सातवीं कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र, आप सब संगीत-प्रेमियों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ। इस लघु श्रृंखला में हम आपसे भारतीय संगीत के रागों का वर्गीकरण करने में समर्थ मेल अथवा थाट व्यवस्था पर चर्चा कर रहे हैं। भारतीय संगीत में सात शुद्ध, चार कोमल और एक तीव्र, अर्थात कुल 12 स्वरों का प्रयोग किया जाता है। एक राग की रचना के लिए उपरोक्त 12 में से कम से कम पाँच स्वरों की उपस्थिति आवश्यक होती है। भारतीय संगीत में ‘थाट’, रागों के वर्गीकरण करने की एक व्यवस्था है। सप्तक के 12 स्वरों में से क्रमानुसार सात मुख्य स्वरों के समुदाय को थाट कहते है। थाट को मेल भी कहा जाता है। दक्षिण भारतीय संगीत पद्धति में 72 मेल का प्रचलन है, जबकि उत्तर भारतीय संगीत में दस थाट का प्रयोग किया जाता है। इन दस थाट