हिन्द-युग्म बहुत समय से ऐसा विचार कर रहा था कि कहानी-कलश का पॉडकास्ट करे साथ ही साथ महान कहानीकारों की कहानियों का पॉडकास्ट करे। हिन्द-युग्म के दमदार आवाज़ विकास कुमार ने महान कथाओं को पॉडकास्ट का काम 'सुनो कहानी' पर शुरू भी कर दिया है।
आज हम इसी दिशा में अगली कोशिश कहानी-कलश की कहानी का पॉडकास्ट प्रसारित करके कर रहे हैं। पहली कहानी है वरिष्ठ कथाकार सूरज प्रकाश की कहानी 'दो जीवन समांतर'। जिसे आवाज़ दिया है श्रीकांत मिश्र 'कांत' और शोभा महेन्द्रू ने। मज़ेदार बात यह है हमने यह ऑडियो भी इंटरनेट के कमाल से बनाया है। जीटॉक पर ही पूरा अभिनय हुआ है। श्रीकांत मिश्र 'कांत' ने चंडीगढ़ से तो शोभा महेन्द्रू ने फ़रीदाबाद से अपनी आवाज़ दी है।
(परिचय स्वर- श्वेता मिश्र)
नीचे ले प्लेयर से सुनें और ज़रूर बतायें कि कैसा लगा?
(प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।)
ज़रूर बतायें कि हमारा यह प्रयास कैसा लगा?
आज हम इसी दिशा में अगली कोशिश कहानी-कलश की कहानी का पॉडकास्ट प्रसारित करके कर रहे हैं। पहली कहानी है वरिष्ठ कथाकार सूरज प्रकाश की कहानी 'दो जीवन समांतर'। जिसे आवाज़ दिया है श्रीकांत मिश्र 'कांत' और शोभा महेन्द्रू ने। मज़ेदार बात यह है हमने यह ऑडियो भी इंटरनेट के कमाल से बनाया है। जीटॉक पर ही पूरा अभिनय हुआ है। श्रीकांत मिश्र 'कांत' ने चंडीगढ़ से तो शोभा महेन्द्रू ने फ़रीदाबाद से अपनी आवाज़ दी है।
(परिचय स्वर- श्वेता मिश्र)
नीचे ले प्लेयर से सुनें और ज़रूर बतायें कि कैसा लगा?
(प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।)
ज़रूर बतायें कि हमारा यह प्रयास कैसा लगा?
Comments
मैं दाद देता हूँ श्रीकांत जी, शोभा जी और जो भी "आवाज़" के लिये काम कर रहे हैं। इंटरनेट को माध्यम बना कर पूरी रिकार्डिंग करना कोई आसान काम नहीं है। मैंने तो सोचा भी न था। मैं आप लोगों को बधाई देता हूँ और ये उम्मीद करता हूँ कि ये कार्य और आगे बढ़ेगा।
धन्यवाद
तपन शर्मा
इसको यूं सुनना बहुत ही अच्छा लगा .धन्यवाद
.!!
सभी कलाकारों ने बढ़िया प्रस्तुती दी, मानों विविध भारती पर कोई रेडियो नाटक सुन रहे हों।
आशा है आगे और भी सुनने को मिलता रहेगा.
पुनः,वाग्धनी श्रीकान्तजी एवं शोभा जी के द्वारा "जी-टॉक" के माध्यम से चंडीगढ़ एवं फिरोजाबाद की दूरी को मिटाकर इतनी अच्छी प्रस्तुति देने के लिए कोटिशः हार्दिक बधाइयाँ......
इनकी एमपी3 फ़ाइल की डाउनलोड कड़ियाँ भी दिया करें ताकि इसे डाउनलोड कर चलते फिरते कहीं पर भी अपने पोर्टेबल एमपी3 प्लेयर पर सुना जा सके.
सूरज जी कहानी तो हम सब पहले ही पढ़ चुके हैं, सुनकर और भी आनंद आया, अब यह सिलसिला रुकना नही चाहिए
आप ईस्निप (esnip.com) का प्रयोग कर देखें. इसमें डाउनलोड कड़ी भी मिलती है और एम्बेड करने का सट्रीमिंग प्लेयर भी. 5 जीबी तक मुफ़्त है. पूरा हो जाए तो फिर कोई नया खाता खोल कर बढ़ा सकते हैं.
esnip पर भी सेम प्रोब्लम है, जितनी इज़ी वफ़रिंग लाइफ़लॉगर में है, उतनी अच्छी यहाँ नहीं है। हमें शायद इसे कहीं और अपलोड करके डाऊनलोड का विकल्प देना होगा।
वन्डरफुल..
अब पहले कानों को ईर्ष्या होती थी आखों से क्यूँकि प्यारी प्यारी कहानी आँखें पढती थीं दिल के लिये
आज आखें इतराकर कह लो या जलन से बन्द हैं और कान के जरिये हो रहा है कहानी का पदार्पण दिल की दहलीज में..
शायद आँखें बन्द हों इसी खीज में..
मज़ा आ गया..
बहुत बहुत बधाई
आँखों को मिली राहत
कानो की आयी शामत..
ओ हो .. मेरा मतलव कान बहुत दिनो से निठल्ले बैठे थे ना अब काम करना पडेगा.
एक माइक लटकाना पडेगा.
कहानी को साथ साथ सुनते हुए दिल को भी सुनाना पडेगा..
बहुत बहुत बधाई..
धन्यवाद
मैं तो जैसे सुनते सुनते कहानी में ही खो ही गयी.
बहुत -बहुत बधाई.
shiree kant ji va shobha ji ki aavaj me dubkar raha gaee ,bahut sunadar pryas hai .aapko badhaee svikar ho hamari
or yu hi shaphalta ke aayam chhute rahe shada
shubh kamna hai hamari
aruna