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दिल आने के ढंग निराले हैं || एक गीत सौ अफ़साने || एपिसोड 07

 रेडियो प्लेबैक इंडिया की प्रस्तुति -

एक गीत सौ अफ़साने - 'दिल आने के ढंग निराले हैं. एक ही गीत, दो फिल्मों में. पटकथा - सुजॉय चटर्जी आवाज़ - दीप्ति अग्रवाल प्रोडक्शन - संज्ञा टंडन इसकी सातवीं कड़ी में आज प्रस्तुत है एक ऐसे गीत की कहानी जिसके दो रूप हैं। एक रूप 1949 की फ़िल्म ’सिंगार’ में सुनने को मिला तो दूसरा रूप 1948 की फ़िल्म ’मेरी कहानी’ में। दोस्तों, 1947 में जब देश का बंटवारा हुआ, चारो ओर अफ़रा-तफ़री मची हुई थी। बहुत से कलाकार सरहद के इस पार - उस पार हो गए थे। ऐसे में एक गीत बना, जो दो दो फ़िल्मों में सुनने को मिला। दोनों के गीतकार एक पर संगीतकार अलग। एक सुरिन्दर कौर की आवाज़ में तो दूसरा सुरेन्द्र की आवाज़ में। सुरिन्दर कौर वाले गीत को लता मंगेशकर ने गाने से क्यों किया इनकार? आइए आज इन्हीं सब सवालों के जवाब ढूंढ़े इस भूले बिसरे गीत की चर्चा के बहाने...



Ek Geet Sau Afsane explores the interesting unknown and unheard back stories of a Song. Every song has its own journey, and every new episode of this program is an attempt to understand the process behind making a song. with program head Sangya Tandon, her dedicated team of podcasters are here to tell these insightful stories that went behind in the process of making a song, enjoy.

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