एक गीत सौ अफ़साने की आठवीं कड़ी॥
राज कपूर की मशहूर फ़िल्म ’छलिया’ और इसके शीर्षक गीत "छलिया मेरा नाम" के बारे में कौन नहीं जानता! पर क्या आपको पता है कि यह गीत जब लिखा गया था, तब इसके मुखड़े और अन्तरों के बोल काफ़ी अलग थे। क्यों चली थी सेन्सर बोर्ड की कैंची इस भोले-भाले से गीत पर? क्यों मुखड़ा और तीनों अन्तरों के बोलों में बदलाव करने पडे गीतकार क़मर जलालाबादी को? और इसी फ़िल्म में रफ़ी साहब का एक गीत क्यों रखा गया और फ़िल्म के अन्त में शीर्षक गीत की झलकी की जगह रफ़ी साहब वाले गीत की झलकी क्यों बजायी गई। आइए आज इन्हीं सब सवालों के जवाब ढूंढ़े फ़िल्म ’छलिया’ के इस शीर्षक गीत की चर्चा के बहाने...
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