स्वरगोष्ठी – 329 में आज
पावस ऋतु के राग – 4 : राग सूर मल्हार
पण्डित भीमसेन जोशी और लता मंगेशकर से सुनिए राग सूर मल्हार की रचनाएँ
भीमसेन जोशी |
लता मंगेशकर |
राग सूर मल्हार : ‘डर लागे गरजे बदरवा..’ : लता मंगेशकर : फिल्म - रामराज्य
राग सूर मल्हार : ‘बादरवा गरजत आए...’ और ‘बादरवा बरसन लागी...’ : पण्डित भीमसेन जोशी
संगीत पहेली
‘स्वरगोष्ठी’
के 329वें अंक की संगीत पहेली में आज हम आपको वर्ष 1979 में प्रदर्शित
प्राचीन फिल्म से लिये गए एक राग आधारित गीत का एक अंश सुनवा रहे हैं। गीत
के इस अंश को सुन कर आपको निम्नलिखित तीन में से किन्हीं दो प्रश्नों के
उत्तर देने हैं। ‘स्वरगोष्ठी’ के 330वें अंक की पहेली के सम्पन्न होने के
बाद जिस प्रतिभागी के सर्वाधिक अंक होंगे, उन्हें इस वर्ष के तीसरे सत्र का
विजेता घोषित किया जाएगा।
1 – गीत के इस अंश को सुन कर पहचानिए कि यह मल्हार अंग का कौन सा राग है?
2 – गीत में प्रयोग किये गए ताल का नाम बताइए।
3 – इस गीत में किस पार्श्वगायिका की आवाज़ है?
आप उपरोक्त तीन मे से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर केवल swargoshthi@gmail.com या radioplaybackindia@live.com पर ही शनिवार 12 अगस्त, 2017 की मध्यरात्रि से पूर्व तक भेजें। COMMENTS
में दिये गए उत्तर मान्य हो सकते हैं, किन्तु उसका प्रकाशन पहेली का उत्तर
देने की अन्तिम तिथि के बाद किया जाएगा। विजेता का नाम हम उनके शहर,
प्रदेश और देश के नाम के साथ ‘स्वरगोष्ठी’ के 331वें अंक में
प्रकाशित करेंगे। इस अंक में प्रस्तुत गीत-संगीत, राग, अथवा कलासाधक के
बारे में यदि आप कोई जानकारी या अपने किसी अनुभव को हम सबके बीच बाँटना
चाहते हैं तो हम आपका इस संगोष्ठी में स्वागत करते हैं। आप पृष्ठ के नीचे
दिये गए COMMENTS के माध्यम से तथा swargoshthi@gmail.com अथवा radioplaybackindia@live.com पर भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर सकते हैं।
पिछली पहेली के विजेता
‘स्वरगोष्ठी’
की 327वीं कड़ी की पहेली में हमने आपको 1951 में प्रदर्शित फिल्म ‘मल्हार’
से राग आधारित गीत का एक अंश प्रस्तुत कर आपसे तीन में से दो प्रश्नों का
उत्तर पूछा था। पहले प्रश्न का सही उत्तर है, राग – गौड़ मल्हार, दूसरे प्रश्न का सही उत्तर है, ताल – तीनताल और तीसरे प्रश्न का सही उत्तर है, स्वर – लता मंगेशकर।
इस अंक की पहेली प्रतियोगिता में पहली बार लखनऊ की विनुषी कारीढाल
ने भाग लिया है और तीन में से दो सही उत्तर देकर पूरे दो अंक अर्जित किये
हैं। विनुषी जी का हार्दिक स्वागत करते हुए हम आशा करते हैं कि वे नियमित
रूप से संगीत पहेली हल करती रहेंगी। इस अंक की पहेली का सही उत्तर देने
वाले हमारे नियमित प्रतिभागी हैं - चेरीहिल न्यूजर्सी से प्रफुल्ल पटेल, पेंसिलवेनिया, अमेरिका से विजया राजकोटिया, जबलपुर, मध्यप्रदेश से क्षिति तिवारी, हैदराबाद से डी. हरिणा माधवी और वोरहीज, न्यूजर्सी से डॉ. किरीट छाया।
आशा है कि अन्य पाठक भी नियमित रूप से साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ का
अवलोकन करते रहेंगे और पहेली में भाग लेंगे। उपरोक्त सभी प्रतिभागियों को
‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ की ओर से हार्दिक बधाई।
अपनी बात
मित्रों,
‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ पर हमारी नई
श्रृंखला “पावस ऋतु के राग” जारी है। इस श्रृंखला ऋतु प्रधान गीतो को
प्रस्तुत किया जा रहा है। आज की इस कड़ी में हमने आपके लिए राग सूर मल्हार
पर चर्चा की। आगामी अंक में हम मल्हार अंग के किसी और राग पर चर्चा करेंगे
और इस राग में निबद्ध कुछ रचनाएँ भी प्रस्तुत करेंगे। हमारी जारी श्रृंखला
और आगामी श्रृंखलाओं के लिए विषय, राग, रचना और कलाकार के बारे में यदि
आपकी कोई फरमाइश हो तो हमें swargoshthi@gmail.com पर अवश्य लिखिए। अगले अंक में रविवार को प्रातः 8 बजे हम ‘स्वरगोष्ठी’ के इसी मंच पर सभी संगीत-प्रेमियों का स्वागत करेंगे।
वाचक स्वर : संज्ञा टण्डन
आलेख व प्रस्तुति : कृष्णमोहन मिश्र
आलेख व प्रस्तुति : कृष्णमोहन मिश्र
राग सूर मल्हार : SWARGOSHTHI – 329 : RAG SOOR MALHAR : 6 अगस्त, 2017
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