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Showing posts from February, 2017

रात्रिकालीन राग : SWARGOSHTHI – 306 : RAGAS OF NIGHT

स्वरगोष्ठी – 306 में आज  राग और गाने-बजाने का समय – 6 : रात के दूसरे प्रहर के राग लता जी के दिव्य स्वर में जयजयवन्ती - ‘मनमोहना बड़े झूठे...’ ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर हमारी श्रृंखला, “‘राग और गाने-बजाने का समय” की छठी कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र आप सब संगीतानुरागियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। उत्तर भारतीय संगीत की अनेक विशेषताओं में से एक विशेषता यह भी है कि संगीत के प्रचलित राग परम्परागत रूप से ऋतु प्रधान हैं या प्रहर प्रधान। अर्थात संगीत के प्रायः सभी राग या तो अवसर विशेष या फिर समय विशेष पर ही प्रस्तुत किये जाने की परम्परा है। बसन्त ऋतु में राग बसन्त और बहार तथा वर्षा ऋतु में मल्हार अंग के रागों के गाने-बजाने की परम्परा है। इसी प्रकार अधिकतर रागों को गाने-बजाने की एक निर्धारित समयावधि होती है। उस विशेष समय पर ही राग को सुनने पर आनन्द प्राप्त होता है। भारतीय कालगणना के सिद्धान्तों का प्रतिपादन करने वाले प्राचीन मनीषियों ने दिन और रात के चौबीस घण्टों को आठ प्रहर में बाँटा है। सूर्योदय से लेकर सूर्य...

छाया-गीत आलेख लेखन प्रतियोगिता के परिणाम

छाया-गीत आलेख लेखन प्रतियोगिता के परिणाम ’रेडियो प्लेबैक इंडिया’ की तरफ़ से आप सभी को सुजॉय चटर्जी का नमस्कार! गत 16 जनवरी को ’छाया गीत आलेख लेखन प्रतियोगिता’ की घोषणा की गई थी। तब से लेकर प्रतियोगिता की समय-सीमा पूरी होने तक, यानी कि 10 फ़रवरी तक करीब-करीब 550 पाठक इस प्रतियोगिता के पेज पर पधारे, और उनमें से कईयों ने अपनी अपनी प्रविष्टि भेज कर हमारे इस पूरे आयोजन को सफल व सार्थक बनाया। इसके लिए हम आप सभी का तह-ए-दिल से शुक्रिया अदा करते हैं। ’विविध भारती’ के प्रसिद्ध ’छाया गीत’ कार्यक्रम के स्वरूप में आलेख लिख कर और गीतों का चयन कर आप सब ने हमें भेजा, और हमारी निर्णायक मंडल ने सभी प्रविष्टियों को भाषा, आलेख की सुन्दर प्रस्तुति और गीतों के चयन के पैमानों पर परखा, और विजेताओं का निर्धारण किया। परिणाम प्रथम स्थान - आशा गुप्ता, पोर्ट ब्लेअर द्वितीय स्थान - प्रकाश गोविन्द, लखनऊ द्वितीय स्थान - मिठाई लाल, वाराणसी तृतीय स्थान - व्योमा मिश्र, इन्दौर आप सभी विजेताओं को ’रेडियो प्लेबैक इंडिया’ की हार्दिक बधाई! ...

गीत अतीत 01 || हर गीत की एक कहानी होती है || ओ रे रंगरेज़ा || जॉली एल एल बी || जुनैद वसी

Geet Ateet 01  Har Geet Kii Ek Kahaani Hoti Hai... O Re Ranreza - Jolly LLB Junaid Wasi - Lyricist बहुत दिनों बाद किसी फिल्म में एक बहुत ही दमदार सूफियाना कव्वाली सुनने को मिली है, फिल्म जौली एल एल बी 2 के इस गीत को स्वरबद्ध किया है फिल्म "नीरजा" से चर्चा में आये संगीतकार विशाल खुराना ने, सुखविंदर की दमदार आवाज़ ने इस कव्वाली को एक अलग ही बुलंदी दे दी है. शब्द लिखे हैं जुनैद वसी ने. शब्दों की बानगी देखिये ज़रा - " मैं हूँ माटी जग बाज़ार, तू कुम्हार है, मेरी कीमत क्या लगे सब तेरी मर्जी है, सुबह माथे तू ज़रा सा नूर जो मल दे, तो संवर जाए ये किस्मत इतनी अर्जी है.... " तो सुनते हैं इन्हीं शब्दों के जादूगर जुनैद वसी से इस गीत के बनने की कहानी....प्ले का बट्टन दबाएँ और आनंद लें.... डाउनलोड कर के सुनें यहाँ से....

Ek Mulakaat Zaroori Hai - Season 01- 50 Episodes

Show Name  Ek Mulakaat Zaroori Hai  Total Episodes 50 Season 01  Host - Sajeev Sarathie  रितु पाठक  श्रीराम अय्यर   पंकज सुबीर   रशीद खान   दिग्विजय सिंह परियार  राकेश चतुर्वेदी ओम अनवर सागर संजीवन लाल कुणाल वर्मा आदित्य शर्मा निखिल कामथ मंजीरा गांगुली रितेश शाह वरदान सिंह यतीन्द्र मिश्र विपिन पटवा श्रेया शालीन साकेत सिंह विजय अकेला अज़ीम शिराज़ी संजोय चौधरी अरविन्द तिवारी भारती विश्वनाथन अविषेक मजुमदर शुभा मुदगल अल्ताफ सय्यद अभिजित घोषाल साशा तिरुपति मोनीश रजा अमित खन्ना (पार्ट ०१) अमित खन्ना (पार्ट २) श्रध्दा भिलावे सलीम दीवान सिद्धार्थ बसरूर बबली हक आश्विन भंडारे   आर्व रोहित शर्मा अमानो मनीष मनोज यादव इब्राहीम अश्क हेमा सरदेसाई बिस्वजीत भट्टाचार्जी (बिबो) हर्षवर्धन ओझा रफीक शेख अनुराग गोडबोले रत्न नौटियाल डाक्टर सागर

राम निवास बाँयला की लघुकथा पवित्रता

लोकप्रिय स्तम्भ " बोलती कहानियाँ " के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। इस शृंखला में पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में प्रसिद्ध लेखक और पत्रकार युगल की लघुकथा  पेट का कछुआ का वाचन सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं  राम निवास बाँयला की लघुकथा पवित्रता जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। प्रस्तुत अंश का कुल प्रसारण समय 1 मिनट 56 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। इस लघुकथा का गद्य अंतर्राष्ट्रीय द्वैभाषिक पत्रिका सेतु पर उपलब्ध है। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। “प्रस्तुत लघुकथा के लेखक श्री राम निवास बाँयला जिला सीकर, राजस्थान निवासी हैं। उनकी दो पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। वे केंद्रीय विद्यालय में शिक्षक हैं। हर सप्ताह यहीं पर सुनें ए...

सायंकालीन राग : SWARGOSHTHI – 305 : EVENING RAGAS

स्वरगोष्ठी – 305 में आज राग और गाने-बजाने का समय – 5 : रात के प्रथम प्रहर के राग राग भूपाली की बन्दिश - ‘जब से तुम संग लागली प्रीत...’ ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर हमारी श्रृंखला- “राग और गाने-बजाने का समय” की पाँचवीं कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र आप सब संगीत-प्रेमियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। है। उत्तर भारतीय रागदारी संगीत की अनेक विशेषताओं में से एक विशेषता यह भी है कि संगीत के प्रचलित राग परम्परागत रूप से ऋतु प्रधान हैं या प्रहर प्रधान। अर्थात संगीत के प्रायः सभी राग या तो अवसर विशेष या फिर समय विशेष पर ही प्रस्तुत किये जाने की परम्परा है। बसन्त ऋतु में राग बसन्त और बहार तथा वर्षा ऋतु में मल्हार अंग के रागों के गाने-बजाने की परम्परा है। इसी प्रकार अधिकतर रागों को गाने-बजाने की एक निर्धारित समयावधि होती है। उस विशेष समय पर ही राग को सुनने पर आनन्द प्राप्त होता है। भारतीय कालगणना के सिद्धान्तों का प्रतिपादन करने वाले प्राचीन मनीषियों ने दिन और रात के चौबीस घण्टों को आठ प्रहर में बाँटा है। सूर्योदय से लेकर सू...

चित्रकथा - 7: अभिनेत्री व फ़िल्म निर्मात्री आशालता बिस्वास पर बातचीत

अंक - 7 अभिनेत्री व फ़िल्म निर्मात्री आशालता बिस्वास पर बातचीत “ घर यहाँ बसाने आये थे... ” 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार। समूचे विश्व में मनोरंजन का सर्वाधिक लोकप्रिय माध्यम सिनेमा रहा है और भारत कोई व्यतिक्रम नहीं है। बीसवीं सदी के चौथे दशक से सवाक् फ़िल्मों की जो परम्परा शुरु हुई थी, वह आज तक जारी है और इसकी लोकप्रियता निरन्तर बढ़ती ही चली जा रही है। और हमारे यहाँ सिनेमा के साथ-साथ सिने-संगीत भी ताल से ताल मिला कर फलती-फूलती चली आई है। सिनेमा और सिने-संगीत, दोनो ही आज हमारी ज़िन्दगी के अभिन्न अंग बन चुके हैं। हमारी दिलचस्पी का आलम ऐसा है कि हम केवल फ़िल्में देख कर या गाने सुनने तक ही अपने आप को सीमित नहीं रखते, बल्कि फ़िल्म संबंधित हर तरह की जानकारियाँ बटोरने का प्रयत्न करते रहते हैं। इसी दिशा में आपके हमसफ़र बन कर हम आ रहे हैं हर शनिवार ’चित्रकथा’ लेकर। ’चित्रकथा’ एक ऐसा स्तंभ है जिसमें बातें होंगी चित्रपट की और चित्रपट-संगीत की। फ़िल्म और फ़िल्म-संगीत से जुड़े विषयों से सुसज्जित इस पाठ्य स्तंभ के पहले अंक...

"खाने के बिना शायद रह लूँ, पर गाने के बिना नहीं"- रितु पाठक || एक मुलाकात ज़रूरी है

एक मुलाकात ज़रूरी है  एपिसोड - 50 Finale Episode of Season 01 "गन्दी बात", "जलेबी बाई", "रज़िया", "पापा जग जायेगा", "अल्लाह दुहाई है", "छान के मोहल्ला" जैसे एक से बढ़कर एक हिट आइटम गीतों की आवाज़ रितु पाठक हैं हमारी आज के इस विशेष और इस सीसन के अंतिम एपिसोड की विशेष मेहमान. सुनिए इस लाजवाब गायिका के संघर्ष और सफलता की कहानी. प्ले पर क्लिक करें और आनंद लें.  ये एपिसोड आपको कैसा लगा, अपने विचार आप 09811036346 पर व्हाट्सएप भी कर हम तक पहुंचा सकते हैं, आपकी टिप्पणियां हमें प्रेरित भी करेगीं और हमारा मार्गदर्शन भी....इंतज़ार रहेगा. एक मुलाकात ज़रूरी है इस एपिसोड को आप  यहाँ  से डाउनलोड करके भी सुन सकते हैं, लिंक पर राईट क्लीक करें और सेव एस का विकल्प चुनें मिलिए इन जबरदस्त कलाकारों से भी - श्रीराम अय्यर , पंकज सुबीर ,  राशिद खान , दिग्विजय सिंह परियार ,  राकेश चतुर्वेदी ओम , अनवर सागर ,  संजीवन लाल ,  कुणाल वर्मा ,  आदित्य शर्मा ,  निखिल कामथ ,  मंजीरा गांगुली , रितेश शाह...