लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में अशोक भाटिया की लघुकथा "पापा जब बच्चे थे" का वाचन सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं, अजय नावरिया की मननशील कथा इतिहास, अनुराग शर्मा के स्वर में। सामाजिक पुनर्गठन से गुज़रते एक वैविध्यपूर्ण समाज की उलझनों को सुलझाते हुए एक आधुनिक परिवार और उनके मित्रों के सम्वाद के माध्यम से अजय ने वर्तमान भारतीय परिदृश्य का बहुत सुंदर चित्रण किया है।
इस कहानी इतिहास का मूल गद्य द्वैभाषिक मासिक पत्रिका सेतु पर उपलब्ध है। कथा का कुल प्रसारण समय 25 मिनट 23 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।
यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें।
6 जून 1972 को दिल्ली में जन्मे अजय नावरिया वर्तमान हिंदी साहित्य का एक जाना माना नाम हैं। वे सुधा स्मृति साहित्य सम्मान तथा हिंदी अकादमी का साहित्यिक कृति सम्मान पा चुके हैं और आजकल दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर हैं।
हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी कहानी
‘‘क्या पापा आप सुबह सुबह ये क्या बखेड़ा फैलाये बैठे हैं।’’
(अजय नावरिया की कथा "इतिहास" से एक अंश)
इस कहानी इतिहास का मूल गद्य द्वैभाषिक मासिक पत्रिका सेतु पर उपलब्ध है। कथा का कुल प्रसारण समय 25 मिनट 23 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।
यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें।
6 जून 1972 को दिल्ली में जन्मे अजय नावरिया वर्तमान हिंदी साहित्य का एक जाना माना नाम हैं। वे सुधा स्मृति साहित्य सम्मान तथा हिंदी अकादमी का साहित्यिक कृति सम्मान पा चुके हैं और आजकल दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर हैं।
हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी कहानी
‘‘क्या पापा आप सुबह सुबह ये क्या बखेड़ा फैलाये बैठे हैं।’’
(अजय नावरिया की कथा "इतिहास" से एक अंश)
नीचे के प्लेयर से सुनें.
(प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।)
यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंक से डाऊनलोड कर लें:
इतिहास MP3
#Sixteenth Story, Itihaas: Ajay Navaria /Hindi Audio Book/2016/16. Voice: Anurag Sharma
Comments
Loved the rendition!
Great contribution by the talented voice artist Anurag of a great short by a great writer.
Nuances---well delivered!
Kudos.
---Sunil Sharma