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सरहपाद का निर्गमन: दूधनाथ सिंह

इस लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम आपको सुनवाते रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछली बार आपने सलिल वर्मा के स्वर में गिरिजेश राव की कहानी डेट सुनी थी।

11 जनवरी 2018, गुरुवार की रात को हिंदी के वरिष्ठ कथाकार, कवि व आलोचक दूधनाथ सिंह का 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया। स्वर्गीय दूधनाथ सिंह लगभग एक वर्ष से प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित थे और उन्हें चार जनवरी को तबीयत बिगड़ने पर इलाहाबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। प्रसिद्ध साहित्यकार दूधनाथ सिंह जी को विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं उनकी एक कहानी सरहपाद का निर्गमन जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने।

प्रस्तुत कथा का गद्य "हिंदी समय" पर उपलब्ध है। "सरहपाद का निर्गमन" का कुल प्रसारण समय 6 मिनट, 1 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।

यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें।


दूधनाथ सिंह
(17 अक्टूबर 1936 :: 11 जनवरी 2018)

सोबंथा, बलिया (उत्तर प्रदेश) में जन्मे प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार दूधनाथ सिंह की साहित्यिक यात्रा में 'निष्कासन','आखिरी कलाम', 'सपाट चेहरे वाला आदमी', 'भाई का शोकगीत' आदि उल्लेखनीय हैं। वे भारत भारती सम्मान, भारतेंदु सम्मान, शरद जोशी स्मृति सम्मान, कथाक्रम सम्मान, साहित्य भूषण सम्मान आदि से सम्मानित किये गये थे।



"बोलती कहानियाँ" में हर सप्ताह सुनें एक नयी कहानी

वे उस ओर बढ़ते गए, जिधर चौदह वर्षीय वह दलित बालिका झाड़ू लगा रही थी।
(दूधनाथ सिंह की "सरहपाद का निर्गमन" से एक अंश)


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#Second Story, Author: Doodhnath Singh, Voice: Anurag Sharma, Hindi Audio Book/2018/2.

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