स्वरगोष्ठी – 340 में आज
फिल्मों के आँगन में ठुमकती पारम्परिक ठुमरी – 7 : ठुमरी भैरवी
पण्डित भीमसेन और सहगल के स्वर में लौकिक और आध्यात्मिक भाव का बोध कराती कालजयी ठुमरी – “बाबुल मोरा...”
कुन्दनलाल सहगल |
पण्डित भीमसेन जोशी |
ठुमरी भैरवी : ‘बाबुल मोरा नैहर छुटो जाए...’ : पण्डित भीमसेन जोशी
ठुमरी भैरवी : ‘बाबुल मोरा नैहर छुटो जाए...’ : कुन्दनलाल सहगल : फिल्म – स्ट्रीट सिंगर
संगीत पहेली
‘स्वरगोष्ठी’
के 340वें अंक की संगीत पहेली में आज हम आपको एक फिल्मी युगल ठुमरी गीत का
एक अंश सुनवा रहे हैं। संगीत के इस अंश को सुन कर आपको निम्नलिखित तीन में
से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर देने हैं। यदि आपको तीन में से केवल एक
ही उत्तर ज्ञात हो तो भी आप प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं। ‘स्वरगोष्ठी’
के इस अंक की पहेली के सम्पन्न होने तक जिस प्रतिभागी के सर्वाधिक अंक
होंगे, उन्हें इस वर्ष के चौथे सत्र का विजेता घोषित किया जाएगा।
1 – इस ठुमरी रचना का अंश सुन कर बताइए कि आपको किस राग का अनुभव हो रहा है?
2 – इस ठुमरी गीत में प्रयोग किये गए ताल का नाम बताइए।
3 – इस युगल ठुमरी में किस गायक और गायिका की आवाज़ है?
आप उपरोक्त तीन मे से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर केवल swargoshthi@gmail.com या radioplaybackindia@live.com पर ही शनिवार 28 अक्टूबर, 2017 की मध्यरात्रि से पूर्व तक भेजें। आपको यदि उपरोक्त तीन में से केवल एक प्रश्न का सही उत्तर ज्ञात हो तो भी आप पहेली प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं। COMMENTS
में दिये गए उत्तर मान्य हो सकते हैं, किन्तु उसका प्रकाशन पहेली का उत्तर
देने की अन्तिम तिथि के बाद किया जाएगा। विजेता का नाम हम उनके शहर,
प्रदेश और देश के नाम के साथ ‘स्वरगोष्ठी’ के 342वें अंक में
प्रकाशित करेंगे। इस अंक में प्रस्तुत गीत-संगीत, राग, अथवा कलासाधक के
बारे में यदि आप कोई जानकारी या अपने किसी अनुभव को हम सबके बीच बाँटना
चाहते हैं तो हम आपका इस संगोष्ठी में स्वागत करते हैं। आप पृष्ठ के नीचे
दिये गए COMMENTS के माध्यम से तथा swargoshthi@gmail.com अथवा radioplaybackindia@live.com पर भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर सकते हैं।
पिछली पहेली के विजेता
‘स्वरगोष्ठी’
की 338वीं कड़ी की पहेली में हमने आपको वर्ष 1962 में प्रदर्शित फिल्म –
“सौतेला भाई” से ली गई ठुमरी का अंश सुनवा कर हमने आपसे तीन में से किन्हीं
दो प्रश्नों का उत्तर पूछा था। पहले प्रश्न का सही उत्तर है, राग अड़ाना, दूसरे प्रश्न का सही उत्तर है, ताल – द्रुत एकताल और तीसरे प्रश्न का सही उत्तर है, स्वर – लता मंगेशकर।
इस अंक की पहेली प्रतियोगिता में तीनों प्रश्नों के सही उत्तर देने वाले हमारे प्रतिभागी हैं पेंसिलवेनिया, अमेरिका से विजया राजकोटिया, जबलपुर मध्यप्रदेश से क्षिति तिवारी और हैदराबाद से डी. हरिणा माधवी। हमारे तीन पाठकों ने केवल एक प्रश्न का सही उत्तर दिया है। चेरीहिल न्यूजर्सी से प्रफुल्ल पटेल, वोरहीज, न्यूजर्सी से डॉ. किरीट छाया, और हमारी एक नई प्रतिभागी अंजलि जोशी
को केवल एक-एक अंक ही दिया जाता है। आशा है कि हमारे अन्य पाठक / श्रोता
भी नियमित रूप से साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ का अवलोकन करते रहेंगे और
पहेली प्रतियोगिता में भाग लेंगे। उपरोक्त सभी प्रतिभागियों को ‘रेडियो
प्लेबैक इण्डिया’ की ओर से हार्दिक बधाई।
अपनी बात
मित्रों,
‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ पर जारी हमारी
श्रृंखला “फिल्मों के आँगन में ठुमकती पारम्परिक ठुमरी” की इस सातवीं कड़ी
में आपने एक पारम्परिक ठुमरी को राग भैरवी में पण्डित भीमसेन जोशी और
फिल्मी रूप का सुविख्यात गायक कुन्दनलाल सहगल के स्वरों में रसास्वादन
किया। आपके अनुरोध पर पुनर्प्रसारित इस श्रृंखला के अगले अंक में हम आपको
एक और पारम्परिक ठुमरी और उसके फिल्मी रूप पर चर्चा करेंगे और शास्त्रीय और
उपशास्त्रीय संगीत और रागों पर चर्चा करेंगे और सम्बन्धित रागों तथा संगीत
शैली में निबद्ध कुछ रचनाएँ भी प्रस्तुत करेंगे। हमारी आगामी श्रृंखलाओं
के लिए विषय, राग, रचना और कलाकार के बारे में यदि आपकी कोई फरमाइश हो तो
हमें swargoshthi@gmail.com पर अवश्य लिखिए। अगले अंक में रविवार को प्रातः 8 बजे हम ‘स्वरगोष्ठी’ के इसी मंच पर सभी संगीत-प्रेमियों का स्वागत करेंगे।
वाचक स्वर : संज्ञा टण्डन
आलेख व प्रस्तुति : कृष्णमोहन मिश्र
आलेख व प्रस्तुति : कृष्णमोहन मिश्र
Comments
आपने ठुमरीका विषय स्वरगोष्ठी में लाकर बहुत सुंदर रुपमें प्रगट किया है। इतने कठिन विषयकी चर्चा आपने खूब सुंदर रुपसे यहां पर की है जो कई वाचकों को इसकी जानकारी मिलती है। और हमें तो पढके खुशी होती है। तो हमारी तरफसे धन्यवाद स्वीकारीये।
अगले अंक में वाजिंत्र को शामिल करेंगे तो और भी वरायटी का ज्ञान होगा।
आभार के साथ,
विजया राजकोटिया
Pennsylvania, USA