स्वरगोष्ठी – 339 में आज 
फिल्मों के आँगन में ठुमकती पारम्परिक ठुमरी – 6 : ठुमरी भैरवी, खमाज और अड़ाना   
तीन भिन्न रागों में रसूलन बाई, रोशनआरा बेगम और लता मगेशकर से सुनिए एक ठुमरी – “जा मैं तोसे नाहीं बोलूँ...” 
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| लता मंगेशकर | 
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| रोशनआरा बेगम और रसूलन बाई | 
ठुमरी भैरवी : ‘जा मैं तोसे नाहीं बोलूँ...’ : विदुषी रसूलन बाई 
ठुमरी खमाज : ‘जा मैं तोसे नाहीं बोलूँ...’ : रोशनआरा बेगम 
राग अड़ाना : ‘जा मैं तोसे नाहीं बोलूँ...’ : लता मंगेशकर : फिल्म – सौतेला भाई 
संगीत पहेली 
 
‘स्वरगोष्ठी’
 के 339वें अंक की संगीत पहेली में आज हम आपको एक फिल्मी ठुमरी गीत का एक 
अंश सुनवा रहे हैं। संगीत के इस अंश को सुन कर आपको निम्नलिखित तीन में से 
किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर देने हैं। यदि आपको तीन में से केवल एक ही 
उत्तर ज्ञात हो तो भी आप प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं। ‘स्वरगोष्ठी’ के
 340वें अंक की पहेली के सम्पन्न होने तक जिस प्रतिभागी के सर्वाधिक अंक 
होंगे, उन्हें इस वर्ष के चौथे सत्र का विजेता घोषित किया जाएगा। 
1 – इस ठुमरी रचना का अंश सुन कर बताइए कि आपको किस राग का अनुभव हो रहा है? 
2 – इस ठुमरी गीत में प्रयोग किये गए ताल का नाम बताइए। 
3 – यह किस विख्यात नायक और गायक की आवाज़ है? 
आप उपरोक्त तीन मे से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर केवल swargoshthi@gmail.com या radioplaybackindia@live.com पर ही शनिवार 21 अक्टूबर, 2017 की मध्यरात्रि से पूर्व तक भेजें। आपको यदि उपरोक्त तीन में से केवल एक प्रश्न का सही उत्तर ज्ञात हो तो भी आप पहेली प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं। COMMENTS
 में दिये गए उत्तर मान्य हो सकते हैं, किन्तु उसका प्रकाशन पहेली का उत्तर
 देने की अन्तिम तिथि के बाद किया जाएगा। विजेता का नाम हम उनके शहर, 
प्रदेश और देश के नाम के साथ ‘स्वरगोष्ठी’ के 341वें अंक में 
प्रकाशित करेंगे। इस अंक में प्रस्तुत गीत-संगीत, राग, अथवा कलासाधक के 
बारे में यदि आप कोई जानकारी या अपने किसी अनुभव को हम सबके बीच बाँटना 
चाहते हैं तो हम आपका इस संगोष्ठी में स्वागत करते हैं। आप पृष्ठ के नीचे 
दिये गए COMMENTS के माध्यम से तथा swargoshthi@gmail.com अथवा radioplaybackindia@live.com पर भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर सकते हैं। 
पिछली पहेली के विजेता 
 
‘स्वरगोष्ठी’
 की 337वीं कड़ी की पहेली में हमने आपको 1954 में प्रदर्शित फिल्म – 
“बाजूबन्द” से ली गई ठुमरी का अंश सुनवा कर हमने आपसे तीन में से किन्हीं 
दो प्रश्नों का उत्तर पूछा था। पहले प्रश्न का सही उत्तर है, राग भैरवी, दूसरे प्रश्न का सही उत्तर है, ताल – तीनताल और तीसरे प्रश्न का सही उत्तर है, स्वर – लता मंगेशकर।   
इस अंक की पहेली प्रतियोगिता में प्रश्नों के सही उत्तर देने वाले हमारे प्रतिभागी हैं चेरीहिल न्यूजर्सी से प्रफुल्ल पटेल, पेंसिलवेनिया, अमेरिका से विजया राजकोटिया, वोरहीज, न्यूजर्सी से डॉ. किरीट छाया, जबलपुर मध्यप्रदेश से क्षिति तिवारी और हैदराबाद से डी. हरिणा माधवी।
 आशा है कि हमारे अन्य पाठक / श्रोता भी नियमित रूप से साप्ताहिक स्तम्भ 
‘स्वरगोष्ठी’ का अवलोकन करते रहेंगे और पहेली प्रतियोगिता में भाग लेंगे। 
उपरोक्त सभी प्रतिभागियों को ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ की ओर से हार्दिक 
बधाई। 
अपनी बात 
मित्रों,
 ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ पर जारी हमारी
 श्रृंखला “फिल्मों के आँगन में ठुमकती पारम्परिक ठुमरी” की इस छठी कड़ी में
 आपने एक ही पारम्परिक ठुमरी को राग भैरवी, खमाज और अड़ाना में क्रमशः रसूलन
 बाई, रोशनआरा बेगम और फिल्मी रूप लता मंगेशकर के स्वरों में रसास्वादन 
किया। आपके अनुरोध पर पुनर्प्रसारित इस श्रृंखला के अगले अंक में हम आपको 
एक और पारम्परिक ठुमरी और उसके फिल्मी रूप पर चर्चा करेंगे और शास्त्रीय और
 उपशास्त्रीय संगीत और रागों पर चर्चा करेंगे और सम्बन्धित रागों तथा संगीत
 शैली में निबद्ध कुछ रचनाएँ भी प्रस्तुत करेंगे। हमारी आगामी श्रृंखलाओं 
के लिए विषय, राग, रचना और कलाकार के बारे में यदि आपकी कोई फरमाइश हो तो 
हमें swargoshthi@gmail.com पर अवश्य लिखिए। अगले अंक में रविवार को प्रातः 8 बजे हम ‘स्वरगोष्ठी’ के इसी मंच पर सभी संगीत-प्रेमियों का स्वागत करेंगे। 
वाचक स्वर : संज्ञा टण्डन   
आलेख व प्रस्तुति : कृष्णमोहन मिश्र
 आलेख व प्रस्तुति : कृष्णमोहन मिश्र


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