आज से हिन्द-युग्म अपने आवाज़-मंच पर एक नई शुरूआत कर रहा है। अभी तक हम कहानियों का पॉडकास्ट, कविताओं का पॉडकास्ट, संगीतबद्ध गीतों का पॉडकास्ट प्रकाशित करता रहा था। लेकिन इस बार हम बाल साहित्य का पॉडकास्ट आरम्भ कर रहे हैं। बाल-उद्यान पर प्रकाशित बाल-रचनाओं (कविता, कहानी, ज्ञानवर्धक लेख आदि) को एक-एक करके नियमित रूप से मीनाक्षी 'मीनू' अपनी आवाज़ देंगी।
आज हम बच्चों के लिए पहले पॉडकास्ट के रूप में कवि कुलवंत सिंह की कविता 'तितली परी' का पॉडकास्ट लेकर आये हैं। मीनाक्षी 'मीनू' और हिन्द-युग्म का यह प्रयास आपको कितना पसंद आया, यह तो आपकी प्रतिक्रियाओं से पता चलेगा।
नीचे ले प्लेयर से सुनें.
(प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।)
यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल तीन अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें)
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आज हम बच्चों के लिए पहले पॉडकास्ट के रूप में कवि कुलवंत सिंह की कविता 'तितली परी' का पॉडकास्ट लेकर आये हैं। मीनाक्षी 'मीनू' और हिन्द-युग्म का यह प्रयास आपको कितना पसंद आया, यह तो आपकी प्रतिक्रियाओं से पता चलेगा।
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Comments
दिव्य प्रकाश
रंजू
badhayee.
Meenu ji ,sorry to criticise few points--
-please correct pronounciation of urdu word-gham --which u say 'gam''in recited poem.
and in the end you were sounding like trying to finish poem fast.
sach kahun it was sounding just like a --teacher reading a poem in a class.
--childrens poems recitation need to be more interactive and friendly----very sorry to comment but these are my views.
13 साल के अध्यापन का अनुभव बच्चों के पास क्लास रूम में पहुँचा ही देता है.
जहाँ तक उच्चारण की बात है..ग़म , क़रार जैसे शब्द न बोल पाने के कारण अपनी फारसी उस्ताद से भी डाँट खाती हूँ. हाँ जलील भाई को ज़लील कभी नहीं पुकारा. :)
मधुर आवाज़
बच्चे उत्साहित होंगे
बहुत बहुत बधाई
dhnywaad.
सर्वप्रथम आपका हिन्द-युग्म परिवार में स्वागत। हम बच्चे आपकी आवाज़ पाकर बहुत खुश हैं। और आगे भी आपकी आवाज़ में कविताएँ, कहानियाँ, रोचक-प्रसंग सुनना चाहेंगे।
अल्पना जी कि यह बात ठीक है कि मीनू जी 'सडेन डेथ' जैसा अंत कर दिया है।
आलोक सिंह "साहील"