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बाल-दिवस - किसके लिए?

कुछ दिनों पूर्व हिन्द-युग्म जब नवम्बर माह की प्रतियोगिता से हमने पंखुड़ी कुमारी की कविता 'बाल दिवस -किसके लिए?' प्रकाशित की थी तो हमारे एक पाठक शैलेश चन्द्र जम्लोकी (मुनि) ने अनुरोध किया था कि इस कविता को सुरों में ढाला जाना चाहिए। हमने स्वरबद्ध तो नहीं किया है लेकिन हाँ, विकास कुमार की आवाज़ में पॉडकास्ट अवश्य कर रहे हैं।

नीचे ले प्लेयर से सुनें और ज़रूर बतायें कि कैसा लगा?

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Comments

sahil said…
इतनी प्यारी कविता और उसपर से विकास जी की ओजपूर्ण आवाज,मजा आ गया.
अलोक सिंह "साहिल"

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