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पॉडकास्ट कवि सम्मलेन मार्च २००९

डॉक्टर मृदुल कीर्ति मैं नीर भरी दुःख की बदली कविता प्रेमी श्रोताओं के लिए प्रत्येक मास के अन्तिम रविवार का अर्थ है पॉडकास्ट कवि सम्मेलन । आवाज़ के तत्त्वावधान में इस बार हम लेकर आए हैं नवम् ऑनलाइन कवि सम्मेलन का पॉडकास्ट। मेरा पग पग संगीत भरा, श्वासों में स्वप्न पराग झरा, नभ के नव रंग बुनते दुकूल, छाया में मलय बयार पली (महादेवी वर्मा की कविता "नीर भरी दुख की बदली" से) कवि सम्मलेन के सभी श्रोताओं को हिंद युग्म की टीम की ओर से नव संवत्सर २०६६ की शुभ कामनाएं। देश भर में यह समय प्राचीन काल से ही उत्सवों का समय रहा है। राष्ट्र के विभिन्न क्षेत्रों में नाम चाहे भिन्न हों परन्तु गुडी पडवो, युगादि, चैत्रादि, चेती-चाँद, नव-रात्रि, राम नवमी, बोहाग बिहू के साथ ही उल्लास और आनंद की एक नयी लहर हर ओर दिखाई पड़ रही है। इस शुभ अवसर पर हम आपके समक्ष एक नया कवि सम्मेलन लेकर उपस्थित हैं। इस बार के कवि सम्मलेन के माध्यम से हम महान कवयित्री महादेवी वर्मा को नमन कर रहे हैं जिनका जन्मदिन २५ मार्च को है। छायावाद की इस महान कवयित्री को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए इस अंक में हमारे साथ उपस्थित ह

पॉडकास्ट कवि सम्मेलन - फरवरी २००९

डॉक्टर मृदुल कीर्ति पॉडकास्ट कवि सम्मेलन का वसंत विशेषांक कविता प्रेमी श्रोताओं के लिए प्रत्येक मास के अन्तिम रविवार का अर्थ है पॉडकास्ट कवि सम्मेलन । आवाज़ के तत्त्वावधान में २००९ इस बार हम लेकर आए हैं आठवें ऑनलाइन कवि सम्मेलन का पॉडकास्ट। पिछले आयोजनों की तरह इस बार भी इस कार्यक्रम का कुशल और कर्णप्रिय संचालन डॉक्टर मृदुल कीर्ति द्वारा किया गया है।  फ़िर भी इस बार का कवि सम्मलेन कई मायनों में अनूठा है. फरवरी माह के इस कवि सम्मलेन के माध्यम से हम श्रद्धांजलि दे रहे हैं महान कवयित्री और स्वतन्त्रता सेनानी सुभद्रा कुमारी चौहान को जिनकी पुण्यतिथि १५ फरवरी को होती है। इसके साथ ही यह मौसम है वसंत का। ऐसे वासंती समय में हमने इस कवि सम्मलेन में चुना है छः कवियों को, दो महाद्वीपों से, चार भावों को लेकर। साथ ही आगे रहने की अपनी परम्परा का निर्वाह करते हुए इस बार हम लेकर आए हैं अनुराग शर्मा के सद्य-प्रकाशित काव्य संकलन " पतझड़ सावन वसंत बहार " में से कुछ चुनी हुई कवितायें। तो आईये आनंद लेते हैं चार मौसमों का इस बार के कवि सम्मलेन के माध्यम से। आइये, इस सम्मलेन में वैशाली सरल

पॉडकास्ट कवि सम्मेलन - जनवरी २००९

पॉडकास्टिंग की मदद से बना एक ऑनलाइन कवि सम्मेलन डॉक्टर मृदुल कीर्ति कविता प्रेमी श्रोताओं के लिए प्रत्येक मास के अन्तिम रविवार का अर्थ है पॉडकास्ट कवि सम्मेलन । आवाज़ के तत्त्वावधान में इस बार हम लेकर आए हैं सातवाँ ऑनलाइन कवि सम्मेलन। आवाज़ के सभी श्रोताओं और पाठकों को नव वर्ष की शुभ-कामनाओं के साथ प्रस्तुत है २००९ का पहला पॉडकास्ट कवि सम्मलेन। इस बार भी इस ऑनलाइन आयोजन का संयोजन किया है हैरिसबर्ग, अमेरिका से डॉक्टर मृदुल कीर्ति ने। आवाज़ की ओर से हर महीने प्रस्तुत किए जा रहे इस प्रयास में गहरी दिलचस्पी, सहयोग और आपके प्रेम के लिए हम आपके आभारी हैं। हमें अत्यधिक संख्या में कवितायें प्राप्त हुईं और हमें आशा है कि आप अपना सहयोग इसी प्रकार बनाए रखेंगे। इस बार भी हम बहुत सी कविताओं को उनकी उत्कृष्टता के बावजूद इस माह के कार्यक्रम में शामिल नहीं कर सके हैं और इसके लिए क्षमाप्रार्थी है। कुछ कवितायें अपनी श्रेष्ठता के बावजूद ख़राब रिकार्डिंग के कारण शामिल न हो सकीं। उनके छूट जाने से हमें भी दुःख हुआ है इसलिए हम एक बार फ़िर आपसे अनुरोध करेंगे कि कवितायें भेजते समय कृपया समय-सीमा का ध्यान रखें और

पॉडकास्ट कवि सम्मेलन - दिसम्बर २००८

डॉक्टर मृदुल कीर्ति कविता प्रेमी श्रोताओं के लिए प्रत्येक मास के अन्तिम रविवार का अर्थ है पॉडकास्ट कवि सम्मेलन । देखते ही देखते पूरा वर्ष कब गुज़र गया, पता ही न लगा. श्रोताओं के प्रेम के बीच हमें यह भी पता न लगा कि आज का कवि सम्मलेन वर्ष २००८ का अन्तिम कवि सम्मलेन है। आवाज़ के सभी श्रोताओं और पाठकों को नव वर्ष की शुभ-कामनाओं के साथ प्रस्तुत है दिसम्बर २००८ का पॉडकास्ट कवि सम्मलेन। इस बार भी इस ऑनलाइन आयोजन का संयोजन किया है हैरिसबर्ग, अमेरिका से डॉक्टर मृदुल कीर्ति ने। आवाज़ की ओर से हर महीने प्रस्तुत किए जा रहे इस प्रयास में गहरी दिलचस्पी, सहयोग और आपके प्रेम के लिए हम आपके आभारी हैं। हमें अत्यधिक संख्या में कवितायें प्राप्त हुईं और हमें आशा है कि आप अपना सहयोग इसी प्रकार बनाए रखेंगे। इस बार भी हम बहुत सी कविताओं को उनकी उत्कृष्टता के बावजूद इस माह के कार्यक्रम में शामिल नहीं कर सके हैं और इसके लिए क्षमाप्रार्थी है। कुछ कवितायें तो बहुत ही अच्छी थीं मगर वे हमें अन्तिम तिथि के बाद तब प्राप्त हुईं जब हम कार्यक्रम को अन्तिम रूप दे रहे थे। उनके छूट जाने से हमें भी दुःख हुआ है इसलिए हम एक ब

पॉडकास्ट कवि सम्मेलन - नवम्बर २००८

डॉक्टर मृदुल कीर्ति कविता प्रेमी श्रोताओं के लिए प्रत्येक मास के अन्तिम रविवार का अर्थ है पॉडकास्ट कवि सम्मेलन । लीजिये आपके सेवा में प्रस्तुत है नवम्बर २००८ का पॉडकास्ट कवि सम्मलेन। अगस्त , सितम्बर और अक्टूबर २००८ की तरह ही इस बार भी इस ऑनलाइन आयोजन का संयोजन किया है हैरिसबर्ग, अमेरिका से डॉक्टर मृदुल कीर्ति ने। आवाज़ की ओर से हर महीने प्रस्तुत किए जा रहे इस प्रयास में गहरी दिलचस्पी और सहयोग के लिए धन्यवाद! आप सभी के प्रेम के लिए हम आपके आभारी हैं। इस बार भी हमें अत्यधिक संख्या में कवितायें प्राप्त हुईं और हमें आशा है कि आप अपना सहयोग इसी प्रकार बनाए रखेंगे। हम बहुत सी कविताओं को उनकी उत्कृष्टता के बावजूद इस माह के कार्यक्रम में शामिल नहीं कर सके हैं और इसके लिए क्षमाप्रार्थी है। कुछ कवितायें समयाभाव के कारण इस कार्यक्रम में स्थान न पा सकीं एवं कुछ रिकॉर्डिंग ठीक न होने की वजह से। कवितायें भेजते समय कृपया ध्यान रखें कि वे १२८ kbps स्टीरेओ mp3 फॉर्मेट में हों और पृष्ठभूमि में कोई संगीत न हो। ऑडियो फाइल के साथ अपना पूरा नाम, नगर और संक्षिप्त परिचय भी भेजना न भूलें । पॉडकास्ट कवि सम्मे

पॉडकास्ट कवि सम्मेलन - अक्टूबर २००८

डॉक्टर मृदुल कीर्ति कविता प्रेमी श्रोताओं के लिए प्रत्येक मास के अन्तिम रविवार का अर्थ है पॉडकास्ट कवि सम्मेलन । लीजिये आपके सेवा में प्रस्तुत है अक्टूबर २००८ का पॉडकास्ट कवि सम्मलेन। अगस्त और सितम्बर २००८ की तरह ही इस बार भी इस ऑनलाइन आयोजन का संयोजन किया है हैरिसबर्ग, अमेरिका से डॉक्टर मृदुल कीर्ति  ने। इस बार हमें अत्यधिक संख्या में कवितायें प्राप्त हुईं और हम आप सभी के सहयोग और प्रेम के लिए आपके आभारी हैं। हमें आशा है कि आप अपना सहयोग इसी प्रकार बनाए रखेंगे। हम बहुत सी कविताओं को उनकी उत्कृष्टता के बावजूद इस माह के कार्यक्रम में शामिल नहीं कर सके हैं और इसके लिए क्षमाप्रार्थी है। कुछ कवितायें समयाभाव के कारण इस कार्यक्रम में स्थान न पा सकीं एवं कुछ रिकॉर्डिंग ठीक न होने की वजह से। कवितायें भेजते समय कृपया ध्यान रखें कि वे १२८ kbps स्टीरेओ mp3 फॉर्मेट में हों और पृष्ठभूमि में कोई संगीत न हो। पॉडकास्ट कवि सम्मेलन भौगौलिक दूरियाँ कम करने का माध्यम है और इसमें विभिन्न देश, आयु-वर्ग, एवं पृष्ठभूमि के कवियों ने भाग लिया है। इस बार के पॉडकास्ट कवि सम्मेलन की शोभा को बढाया है फ़रीदाबाद से

पॉडकास्ट कवि सम्मेलन का तीसरा अंक

कविता वाचन की इंटरनेटीय परम्परा डॉक्टर मृदुल कीर्ति इंतज़ार की घडियां ख़त्म हुईं। लीजिये आपके सेवा में प्रस्तुत है सितम्बर २००८ का पॉडकास्ट कवि सम्मलेन। पिछली बार की तरह ही इस बार भी इस ऑनलाइन आयोजन का संयोजन किया है हैरिसबर्ग, अमेरिका से डॉक्टर मृदुल कीर्ति जी ने। पॉडकास्ट कवि सम्मेलन भौगौलिक दूरियाँ कम करने का माध्यम है और इसमें भारत व अमेरिका के कवियों ने भाग लिया है। इस बार के पॉडकास्ट कवि सम्मेलन ने पोंडिचेरी से स्वर्ण-ज्योति, फ़रीदाबाद से शोभा महेन्द्रू, दिल्ली से मनुज मेहता, ग़ाज़ियाबाद से कमलप्रीत सिंह, अशोकनगर (म॰प्र॰) से प्रदीप मानोरिया, रोहतक से डॉक्टर श्यामसखा "श्याम", भारत से विवेक मिश्र, पिट्सबर्ग (अमेरिका) से अनुराग शर्मा, तथा हैरिसबर्ग  (अमेरिका) से डॉक्टर मृदुल कीर्ति को युग्मित किया है। पिछले सम्मलेन की सफलता के बाद हमने आपकी बढ़ी हुई अपेक्षाओं को ध्यान में रखा है. हमें आशा ही नहीं वरन पूर्ण विश्वास है कि इस बार का सम्मलेन आपकी अपेक्षाओं पर खरा उतरेगा और आपका सहयोग हमें इसी जोरशोर से मिलता रहेगा। नीचे के प्लेयरों से सुनें। (ब्रॉडबैंड वाले यह प्लेयर चलायें) (

शिवानी सिंह की कविताओं का एल्बम सुनें

हिन्द-युग्म की शिवानी सिंह जिनकी एक ग़ज़ल 'ये ज़रूरी नहीं' हिन्द-युग्म के पहले म्यूजिक एल्बम 'पहला सुर' में भी शामिल थी, और जिनकी दूसरी ग़ज़ल 'चले जाना' को हमने पिछले महीने आवाज़ पर रीलिज किया था, पहला सुर में रूपेश ऋषि की आवाज़ में रिकॉर्डेड कविताओं को सुनकर उनसे इतना प्रभावित हुईं कि इन्होंने अपने कविताओं का एक एल्बम ही बनाने का मन बना लिया। रूपेश जी से संपर्क साधा और आठ गीतों से सजे एक काव्यमयी, साहित्यिक एल्बम का जन्म हुआ। इस एल्बम को शिवानी जी ने 'मेरे ज़ज़्बात' नाम दिया है। आठ कविताओं को एक साथ सुनें और बतायें कि शिवानी जी का यह प्रयास कैसा है। 1. तन्हाई 2. आदत 3. दिलकश तराना 4. मन की वेदना 5. एक बूँद 6. जिंदगी-एक सवाल 7. जीवन यात्रा 8. रेत के घर संगीत और गायन रुपेश जी का है। दिलकश तराना में अनुराधा ने अपनी आवाज़ दी है। शिवानी सिंह को 'पहला सुर' की कविताओं को सुनकर लगा कि पढ़ने और सुनने में बहुत अंतर होता है, कविता सुनने में अपना प्रभाव अधिक डालती है। नीचे के प्लेयर से सुनें, यह प्ले होते ही ५ सेकेण्ड के समय-अंतराल के साथ सभी कविताएँ प्ले

सितम्बर माह के कवि सम्मेलन के लिए अपनी रिकॉर्डिंग भेजें

पिछले दो महीनों से हम पॉडकास्ट कवि सम्मेलन का आयोजन कर रहे हैं। दूसरे अंक से मृदुल कीर्ति ने संयोजन की जिम्मेदारी सम्हाली है। हम उत्साह से लबरेज़ हैं और तीसरे पॉडकास्ट सम्मेलन के लिए कवियों से कविताओं की रिकॉर्डिंग आमंत्रित करते हैं। कृपया अपनी आवाज़ में अपनी १ या १ से अधिक रचनाओं का पाठ करके २४ सितम्बर २००८ तक podcast.hindyugm@gmail.com पर भेज दें। यदि रिकॉर्डिंग करने में परेशानी आये तो हमारा मुफ़्त ट्यूटोरियल देखें। हमें उम्मीद है कि इस बार बहुत से कवि इस ऑनलाइन कवि सम्मेलन में भाग लेंगे। पॉडकास्ट कवि सम्मेलन का दूसरा अंक पॉडकास्ट कवि सम्मेलन का पहला अंक

पॉडकास्ट कवि सम्मेलन का दूसरा अंक

पॉडकास्ट के माध्यम से काव्य-पाठों का युग्मन मृदुल कीर्ति लीजिए हम एक बार पुनः हाज़िर हैं पॉडकास्ट कवि सम्मेलन का नया अंक लेकर। पॉडकास्ट कवि सम्मेलन भौगौलिक दूरियाँ कम करने का माध्यम है। पिछले महीने शुरू हुए इस आयोजन को मिली कामयाबी ने हमें दूसरी बार करने का दमखम दिया। पिछली बार के संचालन से हमारी एक श्रोता मृदुल कीर्ति बिल्कुल संतुष्ट नहीं थीं, उन्होंने हमसे संचालन करने का अवसर माँगा, हमने खुशी-खुशी उन्हें यह कार्य सौंपा और जो उत्पाद निकलकर आया, वो आपके सामने हैं। इस बार के पॉडकास्ट कवि सम्मेलन ने ग़ाज़ियाबाद से कमलप्रीत सिंह, धनवाद से पारूल, फ़रीदाबाद से शोभा महेन्द्रू, पिट्सबर्ग से अनुराग शर्मा, म॰प्र॰ से प्रदीप मानोरिया, पुणे से पीयूष के मिश्रा तथा अमेरिका से ही मृदुल कीर्ति को युग्मित किया है। इनके अतिरिक्त शिवानी सिंह और नीरा राजपाल की भी रिकॉर्डिंग प्राप्त हुई लेकिन एम्पलीफिकेशन के बावज़ूद स्वर बहुत धीमा रहा, इसलिए हम इन्हें शामिल न कर सके, जिसका हमें दुःख है। नीचे के प्लेयरों से सुनें। (ब्रॉडबैंड वाले यह प्लेयर चलायें) (डायल-अप वाले यह प्लेयर चलायें) यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन

ऑनलाइन अभिनय और काव्यपाठ का मौका

आवाज़ पर हम कहानियों और कविताओं का पॉडकास्ट प्रकाशित करते आये हैं। कहानी-कलश की कहानियों के पॉडकास्ट के प्रसारण के तहत हमने सूरज प्रकाश की कहानी 'दो जीवन समांतर' , राजीव रंजन प्रसाद की कहानी 'ज़िंदा हो गया है' और रंजना भाटिया की कहानी 'एक और मुखौटा' का प्रसारण किया है। श्रोताओं से बहुत अच्छी प्रतिक्रियाएँ मिलीं। कहानी के पॉडकास्ट के प्रसारण के लिए अब से हम कहानियों के पॉडकास्ट के माध्यम से सभी श्रोताओं को अभिनय का मौका दे रहे हैं। हम प्रत्येक माह एक कहानी चुनकर आपको देंगे, जिसमें आप निम्न तरह से अपनी आवाज़ दे सकते हैं- कहानी का नैरेटर (वाचक) बनकर किसी एक पात्र के सभी संवादों को रिकॉर्ड करके सभी पात्रों के संवादों को आवाज़ देकर हमारी संपादकीय टीम को जिस पॉडकास्टर की आवाज़, जिस भाग के लिए बढ़िया लगेगी, उसका इस्तेमाल करके संपूर्ण कहानी का पॉडकास्ट तैयार किया जायेगा और प्रसारित किया जायेगा। इस बार के लिए हमने जिस कहानी को चुना है वो है नवलेखन पुरस्कार प्राप्त कहानी 'स्वेटर' । आप कहानी पढ़ें और अपनी रिकॉर्डिंग १८ अगस्त २००८ तक podcast.hindyugm@gmail.com पर भ

पॉडकास्ट कवि सम्मेलन का आमंत्रण अंक

दोस्तो, जैसाकि हमने वादा किया था कि महीने के अंतिम रविवार को पॉडकास्ट सम्मेलन का प्रसारण करेंगे। इंटरनेट की गति हर एक प्रयोक्ता के पास अलग-अलग है, इसलिए हम एक समान गुणवत्ता नहीं तो रख पाये हैं, मगर फिर भी एक सम्मिलित प्रयास किया है। आशा है आप सभी को पसंद आयेगा। नीचे के प्लेयर से सुनें। प्रतिभागी कवि रंजना भाटिया, दिव्य प्रकाश दुबे, मनुज मेहता, नरेश राणा, शोभा महेन्द्रू, शिवानी सिंह, अनिता कुमार, अभिषेक पाटनी संचालक- हरिहर झा उप-संचालक- शैलेश भारतवासी हमें हरिहर झा, ब्रह्मनाथ त्रिपाठी अंजान और पीयूष पण्डया की भी रिकॉर्डिंग प्राप्त हुई थी, लेकिन उन्हें आसानी से सुन पाना सम्भव नहीं था। इसलिए हम उनका इस्तेमाल नहीं कर सके। यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल तीन अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें) VBR MP3 64Kbps MP3 Ogg Vorbis हम सभी कवियों से यह गुज़ारिश करते हैं कि अपनी आवाज़ में अपनी कविता/कविताएँ रिकॉर्ड करके podcast.hindyugm@gmail.com पर भेजें। आपकी ऑनलाइन न रहने की स्थिति में भी हम आपकी आवाज़ का समु

आलोक शंकर का रेडियो काव्यपाठ

भारतीय समयानुसार २ जून २००८ की सुबह ८ बजे डैलास, अमेरिका के हिन्दी एफ॰एम॰ रेडियो सलाम नमस्ते पर हिन्द-युग्म के प्रथम यूनिकवि आलोक शंकर का काव्यपाठ और बातचीत प्रसारित किए गये। हमने रिकॉर्ड करने की कोशिश की। हम इस भ्रम में रहे कि पूरा कवितांजलि कार्यक्रम रिकॉर्ड हो रहा है, परंतु तकनीकी असावधानियों के कारण ठीक से रिकॉर्ड नहीं कर सके। हिन्द-युग्म की स्थाई पाठिका रचना श्रीवास्तव ने आलोक शंकर का हौसला बढ़ाने के लिए फोन भी किया, मगर वो भी रिकॉर्ड न हो सका। जितना हो पाया है, आपके समक्ष प्रस्तुत है, ज़रूर बताये कैसा लगा? प्लेयर से न सुन पा रहे हों तो यहाँ से डाऊनलोड कर लें। Kavya-path of Alok Shankar on Radio Salaam Namaste

तुषार जोशी की आवाज़, मनीष वंदेमातरम् के शब्द

हिन्द-युग्म पर पॉडकास्टिंग की शुरूआत १५ फरवरी २००७ को तुषार जोशी ने अपने पॉडकास्ट ब्लॉग Audio Experiments पर मनीष वंदेमातरम् की कविता 'आवोगी ना' से की थी। इस पॉडकास्ट को ३०० से अधिक लोगों ने डाऊनलोड किया। हमने सोचा कि हिन्द-युग्म के पॉडकास्ट के स्थाई पेज़ 'आवाज़' पर इधर-उधर बिखरे पड़े पॉडकास्ट को लाकर संग्रकित करना उचित होगा ताकि श्रोताओं को सारी सामग्री एक जगह मिल जाय। सुनिए मनीष की कविता 'आवोगी ना' का पॉडकास्ट तुषार जी की ही आवाज़ में मनीष की दो अन्य कविताएँ सुनें- चाहता हूँ मैं सनीचरी हिन्द-युग्म के ढेरों पॉडकास्ट यहाँ उपलब्ध हैं।

KAVI.COM की शुरूआत

सामुदायिक रेडियो डीयू-एफ॰एम॰ पर प्रति सप्ताह प्रसारित होने वाले कार्यक्रम कवि डॉट कॉम का गणतंत्र दिवस विशेषांक आपने आवाज़ पर सुना और सराहा भी। बहुत सौभाग्य की बात है कि इस कार्यक्रम की शुरूआत हिन्द-युग्म के कवियों से ही हुई थी। एक ही साथ दो एपीशोडों की रिकॉर्डिंग हुई थी। जिसमें हिन्द-युग्म की ओर से अभिषेक पाटनी , मनीष वंदेमातरम् , विपिन चौहान 'मन' , शैलेश भारतवासी और अजय यादव ने भाग लिया। आप भी सुनें और बतायें कि हिन्दी कविता को समर्पित इस कार्यक्रम की शुरूआत को शानदार बनाने में हिन्द-युग्म के कवियों की कितनी भूमिका रही। नीचे के प्लेयर से सुनें. (प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।) यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल तीन अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें) VBR MP3 64Kbps MP3 Ogg Vorbis Kavya-path of many poets of Hind-Yugm @ Kavi.Com (a special programme of DU-FM

मातृ दिवस पर गौरव सोलंकी और विपुल शुक्ला का काव्य-पाठ

डैलास, अमेरिका के हिन्दी एफ॰एम॰ चैनल रेडियो सलाम नमस्ते के कार्यक्रम में 11 मई 2008 की रात्रि 9 बजे (भारतीय समयानुसार 12 मई 2008 की सुबह 7:30 बजे) मातृ दिवस पर आयोजित 'कवितांजलि' के विशेष अंक में हिन्द-युग्म की ओर से गौरव सोलंकी और विपुल शुक्ला ने काव्यपाठ किया। गौरव सोलंकी और विपुल शुक्ला के प्रोत्साहन के लिए हिन्द-युग्म की स्थाई पाठिका रचना श्रीवास्तव ने फोन करके दोनों को बधाइयाँ दी, उसे भी हमने रिकार्ड किया है, लेकिन वो ठीक से रिकार्ड नहीं हो पाया है। अमेरिका के ही पेशे से कवि हृदयी डॉक्टर कमल किशोर ने भी अपने काव्यपाठ के बाद गौरव सोलंकी की कविता की सराहना की। इस कार्यक्रम का संचालन श्री आदित्य प्रकाश करते हैं। नीचे के प्लेयर से सुनें. (प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।) यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल तीन अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें) VBR MP3 64Kbps MP3 Ogg Vorbis Gaurav Solnaki's & Vipul Shukla's Kavyapaath

KAVI.DOT.COM लोधी गार्डन (काव्यपाठ)

58वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर DU-FM के कार्यक्रम कवि डॉट कॉम का विशेष अंक हिन्द-युग्म के कवियों पर केन्द्रित था। आकाशवाणी के वरिष्ठ उद्घोषक प्रदीप शर्मा हिन्द-युग्म के कवियों से मिलने दिल्ली के मशहूर पार्क लोधी गार्डन पहुँचे। हिन्द-युग्म के सक्रिय कार्यकर्ता निखिल आनंद गिरि को संचालन की जिम्मेदारी सौंपी और 30 मिनट के इस विशेष कवि सम्मेलन की रिकार्डिंग की। भाग लेने वाले कवि थे- मनीष वंदेमातरम् रंजना भाटिया भूपेन्द्र राघव शैलेश भारतवासी अजय यादव राशी जमुआर अवनीश गौतम निखिल आनंद गिरि इसकी रिकॉर्डिंग अब हम तक पहुँच पाई है। अब इसे हमें अपने इंटरनेटीय श्रोताओं के समक्ष लेकर प्रस्तुत हैं। आप भी सुनें और इस कवि सम्मेलन का आनंद लें। नीचे के प्लेयर से सुनें. (प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।) यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल तीन अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें) VBR MP3 64Kbps MP3 Ogg Vorbis Kavya-path of many poets of Hind-Yugm @ Kavi.Com (a special pro

हरिहर झा का काव्य-पाठ (Kavya-Paath of Harihar Jha)

होली के अवसर पर कैनबरा रेडियो (कैनबरा, ऑस्ट्रेलिया) पर हिन्द-युग्म के कवि हरिहर झा का काव्य-पाठ प्रसारित हुआ, जिसकी रिकॉर्डिंग हमें प्राप्त हो गई है। आप भी सुनें और बतायें कैसा लगा? नीचे ले प्लेयर से सुनें. (प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।) यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो यहाँ से डाऊनलोड कर लें Kavya-path of Harihar Jha on Radio Canberra

इस तरह से बजा 'पहला सुर' (Story of Pahala Sur)

मार्च 2008 के अंत में आकाशवाणी के वरिष्ठ उद्घोषक प्रदीप शर्मा ने हिन्द-युग्म के पहले स्वरबद्ध एल्बम 'पहला सुर' के इंचार्ज़ सजीव सारथी से बातचीत की, जिसे दिल्ली विश्वविद्यालय के सामुदायिक रेडियो DU-FM पर प्रसारित भी किया गया। हमें उस प्रोग्राम की रिकार्डिंग प्राप्त हो गई तो हमने सोचा कि क्यों ने इंटरनेट के श्रोताओं को भी इसे सुनवाया जाय, ताकि इंटरनेट के श्रोता भी जान पायें कि 'पहला सुर' के पीछे की कहानी क्या है? पूरा कार्यक्रम 52:30 मिनट का है, अतः धैर्य से सुनें और ज़रूर बतायें कि यह कार्यक्रम कैसा लगा? झटपट सुनने के लिए नीचे ले प्लेयर से सुनें. (प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।) यदि आप फिर भी इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो यहाँ से डाउनलोड कर लें। Interview of Sajeev Sarathie on 90.4 DU-FM

अनुपमा चौहान का साक्षात्कार (Interview of Anupama Chauhan)

धीरे-धीरे हिन्द-युग्म की आवाज़ें रेडियो के श्रोताओं तक भी पहुँचने लगी हैं। रेडियो सलाम नमस्ते से जुड़े श्री आदित्य प्रकाश जी ने जब युग्म के युवा कवि निखिल आनंद गिरि का काव्य-पाठ बजाया तो बहुत से श्रोताओं ने उन्हें बधाइयाँ दी। इसी का परिणाम है कि कल यानी 28 अप्रैल 2008 की सुबह डैलास, अमेरिका के एफ॰एम॰ रेडियो चैनल 'रेडियो सलाम नमस्ते' पर कवितांजलि कार्यक्रम के दरम्यान श्री आदित्य प्रकाश ने हिन्द-युग्म की युवा कवयित्री अनुपमा चौहान से भी बात की, उनके विचार जाने। अनुपमा जी ने अपने एक गीत 'नाता' को पूरे सुर में गाकर भी सुनाया। इंटरनेट कनैक्शन में आये क्षणिक व्यवधान के कारण पूरे साक्षात्कार में लगभग १५ सेकेण्ड की रिकार्डिंग छूट गई है। आप सुनें और ज़रूर बतायें कि कैसा लगा? नीचे ले प्लेयर से सुनें. (प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।) यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल तीन अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें) VBR MP3 64Kbps MP3 Ogg Vorbis