दोस्तो,
जैसाकि हमने वादा किया था कि महीने के अंतिम रविवार को पॉडकास्ट सम्मेलन का प्रसारण करेंगे। इंटरनेट की गति हर एक प्रयोक्ता के पास अलग-अलग है, इसलिए हम एक समान गुणवत्ता नहीं तो रख पाये हैं, मगर फिर भी एक सम्मिलित प्रयास किया है। आशा है आप सभी को पसंद आयेगा।
नीचे के प्लेयर से सुनें।
प्रतिभागी कवि
रंजना भाटिया, दिव्य प्रकाश दुबे, मनुज मेहता, नरेश राणा, शोभा महेन्द्रू, शिवानी सिंह, अनिता कुमार, अभिषेक पाटनी
संचालक- हरिहर झा
उप-संचालक- शैलेश भारतवासी
हमें हरिहर झा, ब्रह्मनाथ त्रिपाठी अंजान और पीयूष पण्डया की भी रिकॉर्डिंग प्राप्त हुई थी, लेकिन उन्हें आसानी से सुन पाना सम्भव नहीं था। इसलिए हम उनका इस्तेमाल नहीं कर सके।
यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल तीन अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें)
हम सभी कवियों से यह गुज़ारिश करते हैं कि अपनी आवाज़ में अपनी कविता/कविताएँ रिकॉर्ड करके podcast.hindyugm@gmail.com पर भेजें। आपकी ऑनलाइन न रहने की स्थिति में भी हम आपकी आवाज़ का समुचित इस्तेमाल करने की कोशिश करेंगे।
# Podcast Kavi Sammelan. Part 1. Month: July 2008.
जैसाकि हमने वादा किया था कि महीने के अंतिम रविवार को पॉडकास्ट सम्मेलन का प्रसारण करेंगे। इंटरनेट की गति हर एक प्रयोक्ता के पास अलग-अलग है, इसलिए हम एक समान गुणवत्ता नहीं तो रख पाये हैं, मगर फिर भी एक सम्मिलित प्रयास किया है। आशा है आप सभी को पसंद आयेगा।
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प्रतिभागी कवि
रंजना भाटिया, दिव्य प्रकाश दुबे, मनुज मेहता, नरेश राणा, शोभा महेन्द्रू, शिवानी सिंह, अनिता कुमार, अभिषेक पाटनी
संचालक- हरिहर झा
उप-संचालक- शैलेश भारतवासी
हमें हरिहर झा, ब्रह्मनाथ त्रिपाठी अंजान और पीयूष पण्डया की भी रिकॉर्डिंग प्राप्त हुई थी, लेकिन उन्हें आसानी से सुन पाना सम्भव नहीं था। इसलिए हम उनका इस्तेमाल नहीं कर सके।
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VBR MP3 | 64Kbps MP3 | Ogg Vorbis |
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# Podcast Kavi Sammelan. Part 1. Month: July 2008.
Comments
ये बहुत ही सार्थक प्रयास कहा जा सकता है. भारत में चूँकि इंटेरनेट की गति की समस्या रहेगी इसलिये आवाज़ की कमी वगैरह जैसी दिक्कतें आगे भी होगी.
मुझे ये आइडिया बहुत पसंद आया. अगली बार मैं भी कविता भेजने का प्रयास करूँगा :-)इसे जारी रखियेगा..
ये नयी कोशिश हिन्दयुग्म को शिखर तक पहुंचायेगी
बहुत अच्छा
शैलेश जी और झा जी के संचालन में
हिन्द युग्म के आँगन में...
रंजना, दिव्य, मनुज, राणा,
शोभा,ने पुष्प गिराये जो....
शिवानी, कुमार, पाटनी आदि ने
अमृत कण बरसाये जो....
अति, भाव विभोर कर गये हृदयपट
प्रेम मेघ बन छाये जो...
शब्द शब्द चिंतनमय और
अतिशय गहरी सोच युक्त
कहीं शब्द प्रणय के बन्धन के
कही जननी के हित रोष युक्त
कहीं बचपन के वो प्यारे पल
कहीं लिये भविष्य हो गये विकल
सुनने में आनन्द मिला
लो युग्म बना जब हिन्द मिला
ये युक्ति भी नायाब मिली
अब रहे सुचारू सिलसिला
अब रहे सुचारू सिलसिला...
जय हिन्द जय हिन्दी
aapka yeh prayaas bahut acha laga, sab ne bahut ache se apni kavitain pesh ki hai
aap sab ko bahut bahut badhai hai.
nira
...deepali
निश्चय आगे मचेगी, पॉडकास्ट की धूम.
हिन्दयुग्म शैलेश जी, बना रहे इतिहास.
दूर बसे जो कवि उन्हें, लाकर सचमुच पास.
अनिता शोभा शिवानी, मनुज जमे हैं खूब.
संचालन था व्यवस्थित, श्रोता जाता डूब.
'सलिल' कोशिशें और हों, आए और निखार
बढे दिन-ब-दिन और भी, हिन्दयुग्म परिवार.
आज पहली बार पॉडकास्ट कवि सम्मलेन सुना - वाकई अभिभूत रह गया -मुबारकबाद कुबूल कीजिये -क्या कहूँ अनूठा -अविश्वशनिये-अदभुत-बेमिसाल-लाजवाब और एक खवाब !
सलाम आपकी काविश को !
आफाक अहमद